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करोड़ रपये से अधिक कृषि आय दिखाने वालों की सच्चाई की जांच की जा रही है: सरकार

करोड़ रपये से अधिक कृषि आय दिखाने वालों की सच्चाई की जांच की जा रही है: सरकार

Thursday December 08, 2016 , 2 min Read

सरकार ने कृषि आय को कर के दायरे में लाने की किसी योजना से इंकार करते हुए कहा है कि आयकर विभाग को वर्ष 2007 .08 से लेकर वर्ष 2015 .16 के बीच एक करोड़ रपये से अधिक की कृषि आय दिखाने वालों की सच्चाई को जांचने को कहा जा रहा है। वित्त राज्यमंत्री संतोष कुमार गंगवार ने राज्य सभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा , "आयकर विभाग उन मामलों में कृषि आय की सच्चाई को जांच रही है जहां कर दाताओं ने वर्ष 2007 .08 से लेकर वर्ष 2015 .16 के आकलन वषरे के लिए अपनी एक करोड़ रपये से अधिक की कृषि आय दिखायी है ताकि यह जाना जा सके कि करदाताओं ने सही सूचना दी है अथवा आंकड़ों में कोई गल्ती हुई है।" उन्होंने कहा कि आकलनकर्ता अधिकारी को यह निर्देश भी दिया गया है कि कृषि आय के दावों की सच्चाई के बारे में अपनी प्रतिक्रिया उपलब्ध करायें जिन जगहों पर जांच का काम पूरा हो जाये।

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नोटबंदी से जीडीपी वृद्धि पर असर केवल 0.15 फीसद: आरबीआई

भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा कि नोटबंदी के कारण अर्थव्यवस्था पर ज्यादा असर नहीं होगा और अधिक से अधिक आर्थिक वृद्धि दर पर 0.15 प्रतिशत असर होगा। आरबीआई के कार्यकारी निदेशक माइकल पात्रा ने द्विमासिक मौद्रिक नीति के बाद संवाददाताओं से कहा कि नोटबंदी के कारण वृद्धि दर में कमी का जोखिम अस्थाई भाव है। सरकार ने आठ नवंबर की रात नोटबंदी की घोषणा की जिसके तहत 1000 व 500 रपये के मौजूदा नोटों को चलन से बाहर कर दिया गया। उल्लेखनीय है कि केंद्रीय बैंक ने इस वित्त वर्ष में वृद्धि दर अब 7.6 प्रतिशत के बजाय 7.1 प्रतिशत रहने का संशोधित अनुमान लगाया है। पात्रा ने कहा कि अनुमान में इस कमी को नोटबंदी से नहीं जोड़ा जा सकता।