Brands
Discover
Events
Newsletter
More

Follow Us

twitterfacebookinstagramyoutube
Youtstory

Brands

Resources

Stories

General

In-Depth

Announcement

Reports

News

Funding

Startup Sectors

Women in tech

Sportstech

Agritech

E-Commerce

Education

Lifestyle

Entertainment

Art & Culture

Travel & Leisure

Curtain Raiser

Wine and Food

YSTV

ADVERTISEMENT
Advertise with us

16 साल की उम्र में भाई की पासिंग आउट परेड देख जागा सेना में जाने का जज्‍बा

भारतीय सेना के इतिहास में यह पहली घटना है. पहली बार सिर्फ एयर ट्रैफिक कंट्रोल और ग्राउंड ड्यूटी की जिम्‍मेदारी से इतर कोई महिला अधिकारी बतौर कॉम्‍बैट एविएटर फील्‍ड में उतरकर काम करेगी.

16 साल की उम्र में भाई की पासिंग आउट परेड देख जागा सेना में जाने का जज्‍बा

Saturday May 28, 2022 , 3 min Read

कैप्‍टन अभिलाषा बराक देश की पहली महिला कॉम्‍बैट एविएटर (हेलिकॉप्‍टर पायलट) बन गई हैं. बतौर कॉम्‍बैट एविएटर भारतीय सेना (Indian Army) के एविएशन कॉर्प्‍स में शामिल होने वाली वह पहली महिला हैं. उनके साथ इस प्रतिष्ठित विंग में शामिल होने वाले 36 पायलट और हैं. 15 महिला अधिकारियों ने इस विंग में शामिल होने की इच्‍छा जताई थी, लेकिन इसके चयन की प्रक्रिया इतनी कठिन है कि सिर्फ दो महिलाएं ही उस प्रक्रिया से गुजरकर अंतिम मुकाम तक पहुंच पाईं.

महाराष्‍ट्र के नासिक स्थित कॉम्‍बैट आर्मी एविएशन ट्रेनिंग स्‍कूल में एक साल के लंबे और कठिन प्रशिक्षण के बाद अभिलाषा को यह गौरव हासिल हुआ है. इसके पहले वर्ष 2018 में रीवा, मध्‍य प्रदेश की अवनि चतुर्वेदी लड़ाकू विमान उड़ाने वाली पहली भारतीय महिला बनी थीं, लेकिन वह भारतीय वायुसेना में सेवारत थीं. भारतीय सेना के एविएशन कॉर्प्‍स के इतिहास में यह पहली घटना है.        

अब तक एविएशन डिपार्टमेंट में महिलाओं को सिर्फ एयर ट्रैफिक कंट्रोल और ग्राउंड ड्यूटी की जिम्‍मेदारी ही दी जाती थी. भारतीय सेना के इतिहास में भी यह पहली बार होगा कि कोई महिला अधिकारी बतौर कॉम्‍बैट पायलट फील्‍ड में उतरकर काम करेगी.

26 वर्ष की अभिलाषा हरियाणा की रहने वाली हैं. उन्‍होंने सनावर के लॉरेंस स्‍कूल से शुरुआती शिक्षा प्राप्‍त की है. उसके बाद उन्‍होंने 2016 में दिल्‍ली टेक्‍नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी से इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स एंड कम्‍युनिकेशन इंजीनियरिंग में में बीटेक किया और फिर अमेरिका में उनकी नौकरी लग गई.

  

अभिलाषा का पूरा बचपन एक आर्मी कंटोन्‍मेंट से दूसरे आर्मी कंटोन्‍मेंट के बीच सफर करते हुए बीता था. पिता भी भारतीय सेना में थे और कर्नल के पद से रिटायर हुए. घर में आर्मी को लेकर गर्व और सम्‍मान का भाव था, लेकिन बचपन में अभिलाषा ने नहीं सोचा था कि वो बड़ी होकर सेना में जाएंगी.

पहली बार ये ख्‍याल उनके मन में तब आया, जब 2013 में पहली बार उन्‍होंने इंडियन मिलिट्री एकेडमी में अपने भाई की पासिंग आउट परेड देखी. अभिलाषा तब 16 साल की थीं. तभी उन्‍होंने तय कर लिया कि वो भी आगे जाकर अपने पिता और भाई की तरह सेना में भर्ती होंगी.

 

अभिलाषा अमेरिका नौकरी करने चली तो गई थीं, लेकिन भाई की वो पासिंग आउट परेड उनके जेहन में अब भी कहीं अटकी हुई थी. इंजीनियरिंग, अमेरिका और बड़ी तंख्‍वाहों वाली नौकरी अभिलाषा की मंजिल नहीं थी. उन्‍हें तो सेना में भर्ती होना था. कुछ समय नौकरी करके वो भारत लौट आईं और डिफेंस परीक्षा की तैयारी करने लगीं.

2018 में ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी, चेन्‍नई से ट्रेनिंग पूरी करके वो इंडियन आर्मी में शामिल हो गईं. आर्मी में भी उन्‍होंने एविएशन कॉर्प्‍स को चुना. जब वो एविएशन कॉर्प्‍स का फॉर्म भर रही थीं, तब भी उन्‍हें पता था कि महिलाओं को सिर्फ ग्राउंड ड्यूटी ही दी जाती है. उन्‍हें कॉम्‍बैट एविएटर बनने का मौका नहीं मिलेगा. लेकिन फिर भी उन्‍होंने अपने उस फॉर्म में अलग से लिखा कि वो पायलट एप्‍टीट्यूड बैटरी टेस्‍ट पास कर चुकी हैं. अपने दिल में कहीं न कहीं उन्‍हें यकीन था कि एक दिन ऐसा जरूर आएगा, जब वो वॉर जोन में सेना का हेलीकॉप्‍टर तेज ऊंचे आसमान में उड़ा रही होंगी.

और आखिरकार अब वो दिन आ ही गया है.