Brands
Discover
Events
Newsletter
More

Follow Us

twitterfacebookinstagramyoutube
Youtstory

Brands

Resources

Stories

General

In-Depth

Announcement

Reports

News

Funding

Startup Sectors

Women in tech

Sportstech

Agritech

E-Commerce

Education

Lifestyle

Entertainment

Art & Culture

Travel & Leisure

Curtain Raiser

Wine and Food

YSTV

ADVERTISEMENT
Advertise with us

क्यों फेल होते हैं स्टार्टअप प्लान?

देश के सभी शहरों में ऐसी दर्जनों कंपनियां हैं, जो अच्छे प्रोडक्ट्स को लॉन्च करने के लिए हमेशा दस से बीस लाख रूपए निवेश करने को तैयार रहती हैं, लेकिन कभी-कभी ये निवेश घाटे का सौदा साबित हो जाता है, जिस पर ध्यान देना बेहद आवश्यक है।

क्यों फेल होते हैं स्टार्टअप प्लान?

Thursday February 23, 2017 , 3 min Read

"विशेषज्ञों की मानें, तो पूरे देश में पिछले साल यानी 2016 में स्टार्टअप कारोबार में मंदी दिखी। ऐसा सिर्फ इसलिए नज़र आया, क्योंकि बीते साल या उससे पहले से स्टार्टअप में उतरे अधिकतर लोगों ने नए समय की नई चुनौतियों को नज़रअंदाज किया और बदलते समय को सही तरह से परख नहीं सके। ऐसा साल के शुरू में ही कहा जा चुका है, कि साल 2017 बिजनेस और तकनीक के लिहाज से कई तरह के बदलावों से भरा हुआ रहेगा। जो उद्यमी इसे सोच समझकर अपने बिजनेस में अपनायेंगे वे ही आने वाले समय में प्रतिस्पर्द्धी बन पायेंगे।"

image


"कोई भी स्टार्टअप तभी फेल होता है, जब उसे शुरू करने से पहले उसको लेकर की गई शोध में कोई कमी रह जाती है, क्योंकि किसी भी काम को शुरू करने से पहले उपभोक्ताओं की मांग और जरूरत को ध्यान में रखकर उस पर रिसर्च करनी चाहिए।"

"स्मार्ट कारोबारियों के लिए समय सिर्फ एक साल से दूसरे साल में शिफ्ट हो जाना भर नहीं है, बल्कि उन बातों पर गौर फरमाने का है, कि जो स्टार्टअप से जुड़े हैं या फिर जुड़ने वाले हैं वे किस तरह अपने स्टार्टअप को सही जगह पर ला कर खड़ा करेंगे।"

राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान के विशेषज्ञों का मानना है, कि कोई भी स्टार्टअप तभी फेल होता है, जब उसे शुरू करने से पहले उसको लेकर किए गए शोध में कोई कमी रह जाती है। किसी भी काम को शुरू करने से पहले उपभोक्ता की मांग और जरूरत को ध्यान में रखकर उस पर रिसर्च करने की आवश्यकता होती है और फिर उस रिसर्च के अनुसार जब उसमें फीचर्स जोड़े जाते हैं, तो वो प्रोडक्ट बाज़ार में अपनी सफलता और असफलता को परिभाषित कर सकने में सक्षम हो जाता है।

"विशेषज्ञों का कहना है, कि 80 प्रतिशत लोग किसी भी प्रोडक्ट का सिर्फ 20 प्रतिशत फीचर ही इस्तेमाल करते हैं, इसलिए लॉन्चिंग करने वाले का ध्यान सिर्फ उस 20 प्रतिशत फीचर को विकसित करने पर होना चाहिए। बैंगलुरू, पुणे, मुंबई, हैदराबाद और देश के अन्य शहरों में ऐसी दर्जनों कंपनियां हैं, जो अच्छे प्रोडक्ट्स को लॉन्च करने के लिए हमेशा दस से बीस लाख रूपए निवेश करने को तैयार रहती हैं। आपके प्रोडक्ट में यदि दम है, तो आप अपनी पूरी तैयारी के साथ इन कंपनियों से संपर्क कर अपनी योजना उनसे साझा कर सकते हैं।"

आज का समय डिजिटल है और यह अभी से तय हो चुका है, कि आने वाला समय पूरी तरह से डिजिटल हो जायेगा। यही बात स्टार्टअप्स पर भी लागू होती है। ट्रेंड डिजिटल का है, लेकिन आप यहीं रुक नहीं सकते। अब आपको यह सोचना होगा कि इस क्षेत्र में नया क्या-क्या हो सकता है। क्योंकि इसमें चल पड़ी तकनीकी क्रांति रुकने वाली नहीं है। हर दिन इस तकनीक में नए बदलाव हो रहे हैं, ठीक वैसे ही जैसे भारत में शुरू हुई लैंडलाइन फोन सेवा अब स्मार्टफोन तक पहुंच गई है। उसी तरह आज की डिजिटल इंडस्ट्री भी शुरुआती दौर में है।

आने वाले समय में तेजी से बदलाव होंगे और सिर्फ वे स्टार्टअप ही सफल होंगे जो पूरी प्लानिंग और रिसर्च के साथ शुरूआत करेंगे। क्योंकि किसी भी स्टार्टअप को शुरू करने से पहले ज़रूरी है उसकी शोध, सामाजिक तौर पर उसकी ज़रूरत और मार्केट पर मजबूत पकड़। यदि इन तीन बातों का खास तौर पर खयाल रखा जाये, तो यकीनन स्टार्टअप कभी फेल नहीं होगा, बल्कि चल निकलेगा।

डिस्केलमर: यह स्टोरी स्टार्टअप विशेषज्ञों से बातचीत पर आधारित है, इसलिए इसमें कंपनी या राईटर की कोई जिम्मेदारी नहीं है।