Brands
Discover
Events
Newsletter
More

Follow Us

twitterfacebookinstagramyoutube
ADVERTISEMENT
Advertise with us

शतरंज की अद्भुत कला से अच्छे-अच्छों को मात दे रहा 13 वर्षीय निहाल सरीन

मिलिए केरल के 13 वर्षीय अद्भुत शतरंज मास्टर निहाल सरीन से

शतरंज की अद्भुत कला से अच्छे-अच्छों को मात दे रहा 13 वर्षीय निहाल सरीन

Friday March 30, 2018 , 4 min Read

13 वर्षीय निहाल के नाम के साथ कई बड़ी उपल्ब्धियां जुड़ चुकी हैं। निहाल भारत के दूसरे सबसे यंग इंटरनेशनल मास्टर (आईएम), दुनिया के तीसरे सबसे कम उम्र वाले इंटरनेशनल मास्टर, दुनिया के सर्वश्रेष्ठ अंडर-14 खिलाड़ी और दुनिया के दूसरे सर्वश्रेष्ठ अंडर-18 खिलाड़ी हैं। 

image


जो चीज निहाल को दूसरों से अलग बनाती है वह है क्विक लर्निंग और अपनी अतीत की गलतियों से सीखना। दिसंबर 2017 में हुई वर्ल्ड यूथ चेस ओलंपियाड में निहाल सबसे कम उम्र के प्रतिभागियों में से एक था। भारतीय टीम को रनर-अप बनाने में मदद करने के अलावा, उन्होंने खेल में एक स्वर्ण पदक भी जीता था।

शतरंज दिमाग का खेल का है। अच्छे-अच्छों को ये खेल जल्दी समझ नहीं आता लेकिन भारत के नन्हें सम्राट 13 वर्षीय निहाल सरीन इस खेल में अभी से महारत हासिल कर चुके हैं। केरल के थ्रिसुर से आने वाले निहाल सरीन ने शतरंज तब खेलना शुरू किया था जब वह सिर्फ छह साल के थे। उनके दादा ने उन्हें शतरंज की बुनियादी अवधारणाओं को सिखाया था और एक साल बाद, निहिल ने शतरंज में महारत हासिल कर थ्रिसुर में अंडर-25 टूर्नामेंट जीता।

अब 13 वर्षीय निहाल के नाम के साथ कई बड़ी उपल्ब्धियां जुड़ चुकी हैं। निहाल भारत के दूसरे सबसे यंग इंटरनेशनल मास्टर (आईएम), दुनिया के तीसरे सबसे कम उम्र वाले इंटरनेशनल मास्टर, दुनिया के सर्वश्रेष्ठ अंडर-14 खिलाड़ी और दुनिया के दूसरे सर्वश्रेष्ठ अंडर-18 खिलाड़ी हैं। निहाल ने कैसे ये सब सीखा? इस बारे में बात करते हुए निहाल के पहले कोच ईपी निर्मल ने स्क्रोल को बताया कि "मैं उसे अलग तरह से कोच करना चाहता था। मैं उस तरह का आदमी नहीं बनना चाहता था, जो बच्चों को उनके माता-पिता के सामने ये दिखाए कि देखो तुम्हारा बच्चा सीख रहा है। निहाल के माता-पिता सपोर्टिव थे, वे चाहते थे कि निहाल फन करे और इससे उसे बहुत मदद भी मिली है, लेकिन बुनियादी अवधारणाओं को हल करने के बाद मैंने निहाल को इंटरनेट पर खिलाना शुरू कर दिया।"

ये भी पढ़ें: कचरे से पैसे कमा रहा बेंगलुरु का यह शख़्स, जेब के साथ परिवेश का भी रख रहा ख़्याल

निशाल ने शतरंज खेलने से पहले कुछ अन्य खेलों में अपना हाथ आजमाया लेकिन असफल रहा। शतरंज शुरू करने के कुछ ही समय में उसने खेल के लिए एक प्राकृतिक स्वभाव दिखाया। इसलिए यह उनके माता-पिता के लिए आश्चर्यजनक नहीं था। जैसे कि एक बच्चे के रूप में, निहाल सामान्य तौर पर शतरंज मास्टर के लक्षणों के बारे में पूछे बिना सीखने और याद रखने में रुचि रखता था। उदाहरण के लिए, जब वह सिर्फ तीन वर्ष का था तब वह 190 देशों के नाम और झंडे याद कर सकता था। जब निहाल ने शतरंज के लिए औपचारिक कोचिंग क्लासेस में भाग लेना शुरू किया, तो वह अन्य बच्चों की तुलना में ज्यादा देर तक क्लास में रुकता था। पिछले चार सालों में उसने शतरंज के लगभग 11,000 गेम ऑनलाइन खेले हैं।

जो चीज निहाल को दूसरों से अलग बनाती है वह है क्विक लर्निंग और अपनी अतीत की गलतियों से सीखना। दिसंबर 2017 में हुई वर्ल्ड यूथ चेस ओलंपियाड में निहाल सबसे कम उम्र के प्रतिभागियों में से एक था। भारतीय टीम को रनर-अप बनाने में मदद करने के अलावा, उन्होंने खेल में एक स्वर्ण पदक भी जीता था। उन्होंने अपने अनुभव के बारे में स्पोर्टस्टार से बात करते हुए निहाल कहते हैं कि, "व्यक्तिगत मेडल जीतना बहुत अच्छा रहा। ये मेरे लिए एक सरप्राइज था। यह मेरी पहली टीम चैम्पियनशिप थी। और यह एक अच्छा अनुभव था। मैं कुछ मजबूत खिलाड़ियों से मिला। मुझे खुशी है कि मैं अपनी टीम की जीत में योगदान कर सकता हूं।" ग्रैंडमास्टर खिताब जीतने के लिए प्रत्येक शतरंज खिलाड़ी को तीन अंतरराष्ट्रीय मास्टर मानकों की जरूरत होती है। निहाल ने तीनों को जीत लिया है और वह ग्रैंडमास्टर बनने के रास्ते पर है।

ये भी पढ़ें: 14 वर्षीय शुभम हैं दुनिया के दूसरे सबसे कम उम्र एंड्रॉइड डेवलपर