Brands
Discover
Events
Newsletter
More

Follow Us

twitterfacebookinstagramyoutube
Youtstory

Brands

Resources

Stories

General

In-Depth

Announcement

Reports

News

Funding

Startup Sectors

Women in tech

Sportstech

Agritech

E-Commerce

Education

Lifestyle

Entertainment

Art & Culture

Travel & Leisure

Curtain Raiser

Wine and Food

YSTV

ADVERTISEMENT
Advertise with us

कारोबार के लिए सिर्फ जुनून ही काफी है? 'मोटरबीम' का दावा तो यही है...

मोटर बीम की शुरुआत मई, 2008 में हुई वेबसाइट पर हर रोज 40,000 विजिटर्स पहुंचते हैंमोटरबीम पर बाजार में आने वाले किसी भी नए ऑटोमोबाइल की समीक्षा और जानकारी मिलती है

कारोबार के लिए सिर्फ जुनून ही काफी है? 'मोटरबीम' का दावा तो यही है...

Friday October 21, 2016 , 4 min Read

उद्यमियों को मोटे तौर पर दो प्रकार में बांटा जा सकता है – वो जो अपने सपने को पूरा करने के लिए काम करते हैं और वो जो बाजार में मौजूद मौके का फायदा उठाते हैं। मोटरबीम के संस्थापक फैसल खान के मामले में मोटरबीम के रूप में दोनों ही बातें साथ मिली हुई दिखती हैं। फैसल ने एक शौक के तौर पर मोटरबीम की शुरुआत की थी, शुरू में ये एक ब्लॉग था, लेकिन धीरे-धीरे ये एक ऐसी वेबसाइट बन गई, जिस पर बाजार में आने वाले किसी भी नए ऑटोमोबाइल की समीक्षा और जानकारी मिलती है।

फैसल से हमारी मुलाकात मुंबई में एसएलपी ग्रेजुएशन सेरेमनी के दौरान हुई थी और जहां हमने उनसे बातचीत की।

फैसल कहते हैं कि वो बिना वक्त गंवाए कार और बाइक की समीक्षा पूरी ईमानदारी से लिखना चाहते हैं। उनका मानना है कि भारत में ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में इसकी भारी कमी है। वो कहते हैं, “हम चाहते हैं कि लोग हमें एक ऐसी वेबसाइट के तौर पर जानें, जहां ऑटोमोबाइल की समीक्षा विस्तृत जानकारी और गुणवत्ता के साथ ईमानदारी से की जाती है।”

image


मोटर बीम की शुरुआत मई, 2008 में हुई थी और फैसल का कहना है कि इस वेबसाइट पर हर रोज 40,000 विजिटर्स पहुंचते हैं, और इस तरह महीने में करीब 12 लाख लोग इस साइट को देखते हैं। इन्हीं संख्या के आधार पर वेबसाइट ने धीरे-धीरे लेकिन अच्छा विकास किया और वेबसाइट की लोकप्रियता के लिए सिर्फ ऑर्गैनिक मेथड ही इस्तेमाल किए गए।

फैसल ने आम लोगों की तरह ही पढ़ाई और इंटर्नशिप कर आगे बढ़ने की कोशिश की, लेकिन जल्दी ही उन्हें समझ आ गया कि कारपोरेट लाइफ उनके लिए नहीं है। इसके बाद वो मोटरबीम के जरिए अपने सपने को जीने के सफर पर निकल गए। इस सफर पर उन्हें पाठकों का भी समर्थन मिलने लगा। हालांकि, पांच साल गुजर जाने के बाद भी कोई बड़ी कामयाबी नहीं मिली। पर फैसल इससे चिंतित नहीं हैं, क्योंकि अब तक उनका फोकस पोर्टल को विकसित करने और उसे सोशल मीडिया व फोरम्स के जरिए व्यस्त करना था।

मोटरबीम ने हाल ही में डिजिटल ऑटोमोबाइल मैगजीन की शुरुआत की है जो पाठकों को एक पत्रिका की तरह ही पढ़ने का मौका देती है।

फैसल अपने कारोबार को फैलाने की योजना की ओर इशारा कर रहे हैं, हालांकि इस बार वो कंटेंट जेनरेशन के अलावा कुछ करना चाहते हैं, लेकिन इस क्रम में वो पाठकों को अच्छी जानकारी जरूर देते रहेंगे। फैसल का कहना है, “बाजार में मौजूद ज्यादातर कंटेंट प्रोवाइडर्स का मकसद पैसा कमाना होता है, ये छोटी अवधि में तो कारगर होता है, लेकिन लंबे समय में ये उतना कारगर नहीं होता है। अन्य लोग पुरानी कार पर ध्यान देते हैं और पाठकों के बजाय सर्च इंजिन को खुश करने के लिए कंटेंट लिखते हैं। हम लोगों के लिए लिखते हैं, सर्च इंजन के लिए नहीं और हमारा पूरा ध्यान बिना कुछ छिपाए पाठकों को संपूर्ण समीक्षा देने पर केंद्रित है। ज्यादातर मुख्यधारा की पत्रिकाओं के विज्ञापन का स्रोत उत्पादनकर्ता होते हैं और ऐसे में उनमें जो लिखे होते हैं, वो पूरी ईमानदारी से नहीं लिखे होते हैं।”

एसएलपी में अपने अनुभव के बारे में फैसल बताते हैं कि वो इस प्रोग्राम में इसलिए शामिल हुए थे क्योंकि उन्होंने इसके बारे में अच्छी बातें सुनी थी और इससे फायदा भी हुआ। बकौल फैसल, “मैं कभी भी किसी स्टार्टअप ग्रुप का हिस्सा नहीं रहा हूं और एसएलपी पहला प्रोग्राम है जिसे मैंने ज्वाइन किया। इससे मुझे अपने कारोबार को एक बेहतर नजरिए से देखने में मदद मिली। यहां मैंने सीखा कि कैसे अपनी टीम का प्रतिनिधित्व करें और इससे उत्पादन क्षमता में इजाफा हुआ।” दो साल तक फैसल ने अकेले ही इस काम को संभाला, इसके बाद उनके भाई डॉक्टर जावेद भी उसके साथ आ गए। 2010 में इन्होंने पहला कर्मचारी नियुक्त किया और आज ये 10 लोगों की टीम हैं।

एक जुनूनी उद्यमी के लिए विपरीत रुख सही होता है, लेकिन लंबे समय में ये कितना कामयाब होगा, ये तो अभी देखने वाली बात होगी। पर अभी मोटरबीम पाठकों के लिए एक व्यस्त प्लैटफॉर्म बनने की कोशिश कर रहा है और आने वाले समय में वो एक ऐसे निवेशक की भी तलाश में है जो उनकी ही तरह ऑटोमोबाइल के लिए जुनूनी हो।