मनरेगा से मिली डबरी ने छत्तीसगढ़ के सुनील को किया मजबूत, सिंचाई के लिए मिला पानी
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पानी की समस्या सुनील के लिए बड़ी समस्या थी और इसका निदान भी जरूरी था। ऐसे में सुनील ने अपने परिवार के अन्य सदस्यों के साथ महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना में पंजीयन कराकर जॉब कार्ड हासिल किया।
डबरी निर्माण के कार्य में सुनील व उसके परिवार के साथ अन्य मजदूरों को 676 दिन का रोजगार मिला। इसकी कुल मजदूरी 1.13 लाख रुपए प्रदान की गई। अब सुनील के आंगन में बरसात का पानी रोकने के लिए एक डबरी तैयार हो चुका था।
छत्तीसगढ़ का कबीरधाम जिला वृष्टि छाया क्षेत्र के अंतर्गत आता है। यहां प्रदेश के दूसरे जिलों के मुकाबले औसत से कम बारिश होती है, जिसका असर फसल के उत्पादन पर पड़ता है। इस समस्या को दूर करने और भू-जल स्तर में वृद्धि करने के लिए मनरेगा के तहत परिस्थितियां बदलने के लिए एक योजना बनी। डबरी, तालाब और कुआं निर्माण की योजना। ताकि किसानों को सिंचाई के लिए पानी मिल पाए और भू-जल स्तर में सुधार भी हो जाए। जरूरतमंदों को इस योजना ने आर्थिक तौर पर समृद्ध भी बनाया और ग्रामीण अपने पैरों पर खड़े हुए और मजबूत बन गए।
पानी की समस्या को डबरी के जरिए दूर करने की यह कहानी है कवर्धा ब्लॉक के ग्राम धमकी निवासी सुनील पिता जानू की। सुनील के पास खेती के लिए बहुत ही कम जमीन है। इनका मूल काम सब्जी-भाजी लगाकर उसे बेचना भी है। पानी की समस्या सुनील के लिए बड़ी समस्या थी और इसका निदान भी जरूरी था। ऐसे में सुनील ने अपने परिवार के अन्य सदस्यों के साथ महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना में पंजीयन कराकर जॉब कार्ड हासिल किया। सुनील ने अपनी पानी की समस्या को खत्म करने के लिए महात्मा गांधी नरेगा योजना से अपने आंगन में डबरी बनाने की मांग ग्राम पंचायत के सामने रखी। पंचायत ने इनकी परेशानी को ध्यान में रखते हुए वित्तीय वर्ष 2016-17 में 1.45 लाख की लागत से डबरी का कार्य स्वीकृत कर दिया।
डबरी निर्माण के कार्य में सुनील व उसके परिवार के साथ अन्य मजदूरों को 676 दिन का रोजगार मिला। इसकी कुल मजदूरी 1.13 लाख रुपए प्रदान की गई। अब सुनील के आंगन में बरसात का पानी रोकने के लिए एक डबरी तैयार हो चुका था। बरसात में डबरी लबालब भर गया। जिससे डबरी के चारों ओर मिट्टी में पर्याप्त मात्रा में नमी आ गई। इसके बाद कन्वर्जेंस के माध्यम से सुनील को कृषि विभाग से एक किलो अरहर मिनी किट प्रदान की गई। अरहर मिनी किट को सुनील ने अपने डबरी के मेड़ पर चारों ओर लगाया। मिट्टी में नमी का असर था कि अरहर का बहुत ही अच्छा उत्पादन उसे मिला। डबरी के पानी के अन्य उपयोग के लिए मत्स्य विभाग से सुनील को मछली पालने की बारीकियों से रूबरू कराया। मछली पालने के लिए विभाग ने इन्हें मुफ्त में बीज भी दिया। इस बीज को उसने डबरी में डाला और अब सुनील की डबरी में एक किलोग्राम से अधिक के वजन की मछली बाजार में बेचने के लिए तैयार है, जिससे उसकी आमदनी में बढ़ोतरी होगी।
कबीरधाम जिले में पिछले एक ही साल में 2046 से ज्यादा डबरी खोदे गए। इसके साथ ही 706 नए तालाब व 791 कुएं खोदे गए, जिससे भूजल स्तर भी बढ़ा और सिंचाई की सुविधा भी लोगों को मिली। वहीं जिले के चारों ब्लॉक में मनरेगा के कुल 1.62 लाख जॉब कार्ड वितरित किए गए। 3.57 लाख ग्रामीणों ने काम किया। मनरेगा में साल 2013-14 में 104.62 करोड़ रुपए, 2014-15 में 80.76 करोड़ रुपए, 2015-16 में 83.60 करोड़ रुपए, 2016-17 में 178.44 करोड़ रुपए और साल 2017-18 में 173.62 करोड़ के काम स्वीकृत किए गए।
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