Brands
Discover
Events
Newsletter
More

Follow Us

twitterfacebookinstagramyoutube
ADVERTISEMENT
Advertise with us

एक महीने के भीतर क्राफ्ट्स विला ने किया दूसरा अधिग्रहण, प्लेस ऑफ ओरिज़िन को अपना बनाया

क्राफ्ट्स विला ने शुक्रवार को प्लेस ऑफ ओरिज़िन (PlaceofOrigin) के अधिग्रहण का एलान किया है. प्लेस ऑफ ओरिज़िन एथनिक खाद्य का बाजार है. सौदे के बारे में कोई घोषणा नहीं की गई है. क्राफ्ट्स विला के सह-संस्थापक और सीईओ मनोज गुप्ता ने पुष्टि की है कि प्लेस ऑफ ओरिज़िन के संस्थापक कोर मैनेजमेंट टीम के साथ जुड़ेंगे.

प्लेस ऑफ ओरिज़िन स्थानीय खाद्य उत्पादकों और भारतीय खाद्य और स्थानीय खाद्य विशिष्टताओं को मंच मुहैया कराता है. दो पूर्व बैंकरों सुदर्शन मेतला और आशीष निचानी ने 2014 में प्लेस ऑफ ओरिजिन स्थापना की थी.

मनोज का मानना है कि क्राफ्ट्स विला के लिए ताजा सौदा एक ऐसा कदम है जो कि उसे एथनिक चीजों के लिए वन स्टॉप शॉप बना देगा. हालांकि प्लेस ऑफ ओरिज़िन का मूल मंच का स्वतंत्र ऑपरेशन जारी रहेगा. और वे क्राफ्ट्स विला के खाद्य सेगमेंट में एक्टिव हिस्सेदार रहेंगे.

मुंबई स्थित लॉजिस्टिक स्टार्ट-अप सेंड (Sendd) के अधिग्रहण के बाद कंपनी का यह फरवरी 2016 में दूसरा अधिग्रहण है.

मनोज ने पुष्टि की है कि यह उनकी योजना जो कि दिसंबर में बनाई गई थी उसी के अंतर्गत है. मनोज कहते हैं, “हम एथनिक बाजार पर कब्जा जमाना चाहते हैं और यह साल का समय अधिग्रहण और विकास के लिए बेहतर नजर आता है.”

सेकुआ कैपिटल और लाइट स्पीड वेंचर पार्टनर्स के नेतृत्व में कंपनी ने पिछले साल नवंबर में 34 मिलियन अमेरिकी डॉलर सीरीज सी फंडिंग में जुटाए थे. नेक्सस वेंचर्स पार्टनर्स, ग्लोबल फाउंडर्स कैपिटल और अपोलेटो की भी भागीदारी थी. इस फंडिंग के जरिए इंजीनियरिंग और उत्पाद क्षमताओं, ग्राहक सेवा को बेहतर बनाना और एथनिक सेक्टर में स्केलिंग करना शामिल है. लक्ष्य अगले 12 महीने में 500 मिलियन अमेरिकी डॉलर जीएमवी हासिल करना है.

सिकुआ कैपिटल इंडिया एडवाइर्स के मैनेजिंग डायरेक्टर शैलेंदर सिंह का मानना है कि क्राफ्ट्स विला एथनिक स्पेस में श्रेणी नेतृत्व में बढ़ पाया है और अपने आपको कमजोर बाजार में असामान्य रूप से पुंजी कुशल तरीके से स्थापित कर पाया है. लाइट स्पीड इंडिया पार्टनर्स एडवाइर्स एलएलपी के मैनेजिंग डायरेक्टर बेजुल सोमानिया के मुताबिक क्राफ्ट्स विला लीन कॉस्ट स्ट्रक्चर का इस्तेमाल करते हुए खुद को ग्रोथ दे पाया है जो कि आज के ई कॉमर्स इको सिस्टम में शायद ही देखने को मिलता है.

इस घोषणा के साथ ही क्राफ्ट्स विला अपने अधिग्रहण की योजानाओं पर ट्रैक पर चल रहा है जो कि उसने दिसंबर में किया था. कंपनी अबतक दो अधिग्रहण एक महीने के भीतर कर चुकी है.

2015 ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए बेहतर साल साबित हुआ है. भारतीय मांओं के लिए ई-कॉमर्स पोर्टल हॉपस्कॉच ने 11 मिलियन अमेरिकी डॉलर जनवरी 2015 में हासिल किया था और इसके बाद महिलाओं के लिए ऑनलाइन फैशन स्टोर लाइम रोड ने 30 मिलियन अमेरिकी डॉलर मार्च 2015 में जुटाए. जबकि बच्चों के लिए देखभाल उत्पाद बेचने वाली ई टेलर कंपनी फर्स्ट क्राई ने अप्रैल में 10 मिलियन अमेरिकी डॉलर निवेश पाने में कामयाब रही. सितंबर 2015 में महिलाओं के लिए इनर वियर का कारोबार करने वाली जिवामे ने 250 करोड़ रुपये फंडिंग पाने की घोषणा की थी.


लेखिका: सिंधु कश्यप

अनुवादकः एस इब्राहिम