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तीन महिलाएं पर मक़सद एक - अफोर्डेबल फैशन

तीन महिलाएं पर मक़सद एक - अफोर्डेबल फैशन

Monday July 13, 2015 , 5 min Read

अनीषा दलाल, निराली माल्जी और पल्लवी दुग्गल, तीनो महिला उद्यमी हैं जिनके काम करने का साझा मकसद है - फैशन। इसी ने उन्हें नए प्रकार का फैशन उद्योग लगाने के लिए प्रेरित किया। पल्लवी दुग्गल ने हैशटैगफैशन की शुरुआत की जबकि अनीषा दलाल और निराली माल्जी ने कपकेक्स एंड क्लोजेट शुरू करने के लिए हाथ मिलाया। उनका लक्ष्य फैशन को सबके वहन करने लायक बनाना था।

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पल्लवी दुग्गल - हैशटैगफैशन

पल्लवी कहती हैं, "आपका लक्ष्य दूर लग सकता है और प्रक्रिया स्तब्ध करने वाली महसूस हो सकती है। लेकिन आपके लिए बस तत्काल एक कदम उठाने की जरूरत है।" पल्लवी दुग्गल ने हैशटैगफैशन की शुरुआत नवंबर, 2014 में की जिसका लक्ष्य महिलाओं को अपने शरीर की कमजोरियों के बजाय उनके गुणों के अनुरूप पोशाक लेने के लिए प्रेरित करना और उनका खास लुक तैयार करना था।

पारंपरिक परिवार से आने वाली पल्लवी ने अपने माता-पिता को समझा लिया कि अपने कैरियर के बतौर वह फैशन को लेंगी, न कि चार्टर्ड एकउटेंसी को जैसा कि वे चाहते थे। लंदन कॉलेज ऑफ फैशन से मिली एक छात्रवृत्ति ने उनकी शुरुआत करा दी। वहां से छः महीने का कोर्स करने के बाद वह फैशन की दुनिया में अपना अधिक पैठ चाहती थीं इसलिए पार्सन्स में चली गईं और साथ ही वह ब्लूमिंगडेल्स में इंटर्न भी बन गईं जिसने उनका खर्च वहन करने में उनकी मदद की। ब्लूमिंगडेल्स में एक वर्ष तक इंटर्न रहने के बाद उन्होंने एक नौकरी पकड़ ली जहां उन्होंने वाणिज्यिक वस्तुओं के लिए योजना निर्माण और वितरण तथा वित्तीय विश्लेषण के बारे में सीखा।

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न्यूयॉर्क में दो वर्षों तक काम करने के बाद पल्लवी को महसूस हुआ कि भारतीय बाजार में ऐसे पोशाकों की कमी है जो फैशनेबल तो हो लेकिन अफोर्डेबल हो। वह बताती हैं - 

"दो वर्षों के बाद अपने चचेरे भाई-बहनों के लिए भारत में नहीं मिलने वाले सामान लाने के कारण हवाईअड्डे पर अतिरिक्त भाड़ा चुकाने के बाद मेरे लिए उपलब्धि की घड़ी आ गई जब हैशटैग.इन का विचार मुख्य रूप से मन में आया।"

पल्लवी बजट निर्माण, खरीदारी, लॉजिस्टिक्स, भंडारण और डिजाइनिंग से लेकर विपणन तक, अपने उद्यम के हर काम में शामिल रहती हैं। वह ऐसे कारखानों से सामान उठाती हैं जो अंतराष्ट्रीय लक्जरी ब्रांडों के साथ काम करते हैं। "हमारे सामानों और कारीगरी की तुलना किसी भी लक्जरी ब्रांड के साथ की जा सकती है," वह दावा करती हैं।

यह पूछने पर कि कौन सी चीज उन्हें उत्प्रेरित रखती है, वह बताती हैं -

"मुझे लगता है कि जब कोई महिला सही कपड़े पहनती है और अच्छी दिखती है, तो उसे हमेशा अधिक आत्मविश्वास महसूस होता है। और आत्मविश्वास के कारण उसे खुशी मिलती है। समुदाय को कुछ वापस करने का यही मेरा तरीका है। किसी महिला के चेहरे की मुस्कान मुझे हर रोज कठिन परिश्रम करने के लिए उत्प्रेरित किए रखती है।"

अनीषा दलाल और निराली माल्जी - कपकेक्स एंड क्लोजेट

अनीषा और निराली बचपन से ही दोस्त हैं और आज अपने कारोबार की सहकर्मी/ व्यावसायिक साझीदार भी हैं। दोनो के बीच अपने साझा प्यार - फैशन - के बारे में हुई फोन पर बातचीत उनके लिए एक फेसबुक पन्ना तैयार करने का आधार बनी और उसकी परिणति एक मूर्त कार्यालय में हुई। उनलोगों ने फैशन डिजाइनिंग और व्यवसाय प्रबंधन में कोई औपचारिक शिक्षा नहीं प्राप्त की थी। लेकिन इसके बावजूद, उनलोगों ने जुनून का रास्ता अपनाया और 2011 में कपकेक्स एंड क्लोजेट की स्थापना की।

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दोनो ने शुरुआत अपने फेसबुक पृष्ठ पर सावधानी से चुने उत्पादों का अलबम अपलोड करने से की। जब कलेक्शन को आश्चर्यजनक रिस्पांस मिला, और सारा माल एक दिन में बिक गया, तो उनको अपने उद्यम की संभावनाओं का पता चला और उनलोगों ने फैशन का कारोबार करने के लिए गंभीर प्रयास शुरू किए।

जहां निराली के पास बैंकिंग एवं बीमा के साथ-साथ कानून की भी डिग्री है, वहीं अनीषा के पास केमिकल इंजीनियरिंग की डिग्री है। 

"हमलोगों की उम्र जब 20 वर्ष थी, तभी हमलोगों ने फैशन की दुनिया में प्रवेश किया। हमलोग उद्यमी हैं लेकिन हमलोगों को इसका कोई अनुभव नहीं था। हमलोगों के पास न अपना कार्यालय था, न जमा पूंजी। न हम एमबीए थे और न हमारी मदद के लिए कोई एमबीए कर्मचारी था। लेकिन जैसा कि कहा जाता है कि जोखिम उठाने की क्षमता का उम्र के साथ सीधा संबंध होता है, हमलोगों के बारे में भी सही था। इसीलिए हमलोग आगे बढ़ती गईं और आखिरकार इसे कर डाला।"

सही व्यक्तियों को काम पर लेने के मामले में उन्हें सबसे अधिक समस्याएं झेलनी पड़ीं। आखिरकार उन्हें सही लोग मिल गए और अपने चौथे साल में कपकेक्स एंड क्लोजेट के पास आठ लोगों की टीम है। 

"नियोजक के रूप में आपको सुनिश्चित करना होता है कि लोगों को काम पर आने में आनंद आए क्योंकि उनके बिना यह वैसा कभी नहीं होता, जैसा आज है। इसलिए हमलोगों ने ऐसा माहौल तैयार करने की कोशिश की जिसमें टीम परिवार जैसा महसूस करे।"

उद्यमियों को सलाह देते हुए, अमीषा और निराली कहती हैं -

"छोटे स्तर पर शुरू करें लेकिन अपने कारोबार के हर पक्ष को दोषरहित बनाने पर ध्यान केंद्रित करें। समय के साथ उसका विस्तार भी हो जाएगा।"