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आंध्र प्रदेश के श्रद्धालु ने भगवान बालाजी को दिया एक करोड़ रुपये का गुप्त दान

आंध्र प्रदेश के श्रद्धालु ने भगवान बालाजी को दिया एक करोड़ रुपये का गुप्त दान

Monday December 23, 2019 , 2 min Read

vebkatesh

वेंकटेश्वर मंदिर तिरुपति

आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम के रहने वाले एक भक्त ने तिरुमला पहाड़ियों पर स्थित भगवान वेंकटेश्वर को शनिवार को एक करोड़ रुपये का गुप्त दान दिया। मंदिर के अधिकारियों ने कहा कि श्रद्धालु ने मंदिर प्रशासन से अनुरोध किया है कि इस राशि का उपयोग तीर्थ यात्रियों को मुफ्त में भोजन उपलब्ध कराने के लिए गठित श्री वेंकटेश्वर अन्न प्रसाद न्यास करे।

उन्होंने बताया,

"न्यास रोजाना एक लाख श्रद्धालुओं को भोजन कराता है।"

अधिकारी ने बताया कि दानकर्ता ने नाम नहीं जाहिर करने की इच्छा जताई है और राशि डिमांड ड्राफ्ट के रूप में विशाखापत्तनम के संत स्वरूपानंदेद्र के जरिये मंदिर का प्रबंधन करने वाले तिरुमला तिरुपति देवस्वओम बोर्ड (टीटीडी) के अधिकारी को सौंपी। भगवान वेंकटेश्वर में दान देने वालों की कमी नहीं है। बड़े कारोबारियों से लेकर फिल्मी सितारे सभी समय समय पर इस मंदिर में दान देते रहते हैं।


रोचक है कि आंध्र प्रदेश के इस सबसे धनी मंदिर ने देश के विभिन्न बैंकों में फिक्स डिपॉज़िट भी करवा रखा है। आंकड़ों की मानें तो श्री वेंकटेश्वर मंदिर ने देश के विभिन्न बैंकों में करीब 12 हज़ार करोड़ रुपये का फिक्स डिपॉज़िट करवा रखा है।





तिरुमला के इस मंदिर का संचालन करने वाले ट्रस्ट तिरुमला तिरुपति देवस्वओम बोर्ड के अनुसार,

इन फिक्स डिपॉज़िट से मंदिर को हर साल करीब 845 करोड़ रुपये ब्याज की प्राप्ति होती है।


मंदिर में देश और विदेश से भारी संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। आंकड़ों के अनुसार मंदिर में दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या ढाई करोड़ से ही ऊपर है। आय के मामले में यह मंदिर किसी से पीछे नहीं है। मंदिर को हर साल दान ही से 31 अरब रुपये तक की आय हो रही है।


मंदिर के पास वर्तमान में करीब 9 टन सोना है। यह सोना देश की विभिन्न बैंकों में जमा है। इन बैंकों में इंडियन ओवेरसीज बैंक और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया जैसी बैंकों के नाम शामिल हैं। डिपॉज़िट पीरियड खत्म होने के चलते हाल ही में पंजाब नेशनल बैंक ने मंदिर को करीब 14 सौ किलो सोना लौटाया था।


मंदिर में हर दिन करोड़ों रुपए सिर्फ दान पत्र में जमा होते हैं। इन्ही कारणों के चलते यह मंदिर देश के सबसे धनी मंदिरों में से एक है।