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एक एकड़ गुलाब की खेती से कर सकते हैं सात लाख तक कमाई

गुलाब की खेती: कम लागत में भारी मुनाफे का धंधा...

गुलाब की खेती कम लागत में भारी मुनाफे का धंधा हो चली है। गुलाब का एक पौधा लगातार पांच साल तक फूल देता है। एक एकड़ में गुलाब खेती से दस लाख रुपए तक की कमाई हो जाती है। दो साल के भीतर ही महाराष्ट्र की प्रणाली शेवाले गुलाब की खेती से सालाना सात लाख रुपए तक की कमाई करने लगी हैं।

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अगर कमाई की बात की जाए तो गेहूं की फसल में एक एकड़ से अमूमन 40 से 50 हजार रुपये तक कमाई होती है जबकि गुलाब की खेती से ये कमाई 10 लाख या उससे अधिक की हो जाती है।

केंद्रीय औषधीय एवं सगंध पौधा संस्थान (सीमैप) ने गुलाब की दो नई प्रजातियां 'नूरजहां' और 'रानी साहिबा' विकसित की हैं। इनकी खेती से किसान मालामाल हो रहे हैं। गुलाब की एक प्रजाति की खेती सजावटी फूलों के लिए तो दूसरी गुलाब जल और अन्य कामों में इस्तेमाल होती है। इन गुलाबों से सीमैप ने कई हर्बल उत्पाद भी बनाए हैं जो बाजार में उपलब्ध हैं। इन दोनों गुलाब की प्रजातियों के दोमठ और बलुई दोमठ मिट्टी वाले एक एकड़ में लगभग 10 हजार पौधे रोपे जा सकते हैं। जड़ों सहित या फिर कलम कर इन्हें रोपा जा सकता है। जड़ सहित मूल्य 20 रुपये प्रति पौधा होता है जबकि पौधे की एक कलम दो रुपये में मिलती है इसलिए ज्यादातर किसान कलम ही रोप रहे हैं।

अगर कमाई की बात की जाए तो गेहूं की फसल में एक एकड़ से अमूमन 40 से 50 हजार रुपये तक कमाई होती है जबकि गुलाब की खेती से ये कमाई 10 लाख या उससे अधिक की हो जाती है। आजकल युवाओं के सामने रोजगार का संकट है। वह गुलाब की खेती कर घर बैठे चालीस-पचास हजार रुपए की हर माह कमाई कर सकते हैं। नागपुर (महाराष्ट्र) के गांव माणेवाड़ा की एक ऐसी ही युवा किसान हैं प्रणाली शेवाले। जब उनको नौकरी नहीं मिली तो गुलाब की खेती करने लगी। अब उनको हर महीने 50-60 हजार रुपए की कमाई हो जा रही है। प्रणाली बता हैं कि उन्होंने हॉर्टिकल्चर में डिप्लोमा करने के बाद नौकरी की तलाश की, लेकिन कहीं रोजगार नहीं मिला।

उन्होंने देखा कि बाजार में गुलाब की मांग काफी ज्यादा है। जन्मदिन, सालगिरह, वैलेंटाइन डे और मदर्स डे जैसे अवसर पर गुलाब के इस्तेमाल का चलन बढ़ता ही जा रहा है। इसके बाद उन्होंने वर्ष 2016 में नागपुर स्थित एग्री क्लिनिक एंड एग्री बिजनेस सेंटर्स से दो महीने का प्रशिक्षण लिया। फिर अपने पिता से एक एकड़ जमीन लीज पर लेकर गुलाब की खेती के लिए पॉलीहाउस बनाया। बैंक से कई महीने तक लोन मिलने का इंतजार किया। छह महीने बाद बैंक ऑफ इंडिया ने उन्हें 13 लाख रुपए का लोन दिया। इसके साथ ही उनकी गुलाब के फूलों की खेती शुरू हो गई। यह काम शुरू करते वक्त उन्हें लगभग पंद्रह-सोलह लाख रुपए लगाने पड़े थे। पहली बार उनको पैंतीस हजार का मुनाफा हुआ। लोन पर उनको नाबार्ड से 44 फीसदी की सब्सिडी मिली थी। अब वह गुलाब की खेती से हर महीने पचास हजार रुपए से अधिक की कमाई कर ले रही हैं।

बेरोजगारी के जमाने में आज गुलाब की खेती का अर्थशास्‍‍‍त्र समझना कत्तई बहुत आसान है और युवाओं, किसानों के लिए बेहद मुनाफेदार। किसानों से लेकर ग्राहक के हाथों तक पहुंचने की पूरी प्रक्रिया में दुकानों की कमाई सबसे अधिक होती है। उनका मार्जिन अक्‍सर 40 फीसदी के आसपास होता है। किसानों को एक गुलाब की कीमत 50 पैसे से लेकर 2-3 रुपए तक ही मिलती है। किसान फूल तो उगाते हैं, लेकिन वे अक्‍सर इन्‍हें गिनकर नहीं बेचते। छोटे किसानों के लिए ऐसा करना संभव भी नहीं होता। ट्रेडर उनका पूरा खेत ले लेते हैं। फिर आधुनिक उपकरणों से उसकी कटिंग, पैकिंग और मंडियों तक पहुंचाने का काम स्वयं करते हैं।

जो किसान ये काम अपने स्तर पर करने लगे हैं, उनकी भारी कमाई हो रही। कटिंग के बाद फूलों को सुरक्षित रखना सबसे बड़ी चुनौती होती है, क्‍योंकि ये जल्‍दी खराब हो जाते हैं। ट्रक या हवाई जहाज से उतारने के बाद इन्‍हें कोल्‍ड स्‍टोरेज में रखा जाता है। पैक फूल को सात-आठ दिन रखना जरूरी होता है। कटने के बाद सिर्फ रिटेल शॉप पर ही ये ऑपन में दिखते हैं। गुलाब की बिक्री, बिजनेस का आधार मानवीय भावनाएं हैं। यही वजह है कि जिसे कोमल भावनाओं की परख होती है, वह इस बिजनेस में अच्‍छा पैसा कमा लेता है। छोटे वेंडर लगभग हर दिन एक हजार रुपए तक कमा लेते हैं। बड़े वेंडर का तो कहना ही क्‍या। अच्‍छे मार्जिन की वजह से बड़ी संख्‍या में लोग इस बिजनेस में आ रहे हैं।

अब पूरे देश में बड़े पैमाने पर गुलाब की खेती हो रही है। किसानों की आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए सरकार की तरफ से कई कदम उठाए जा रहे हैं। जोशीमठ (उत्तराखंड) के नकदी फसल बहुल क्षेत्र में लोग जंगली जानवरों द्वारा फसलों को नुकसान पहुंचाने के डर से गुलाब के फूलों की खेती करने लगे हैं। गुलाब की खेती इन लोगों के लिए काफी फायदेमंद साबित हो रही है और यात्रा का सीजन होने की वजह से इस समय यहां गुलाब की बिक्री भी खूब हो रही है। गुलाब के तेल की बिक्री से भी किसानों की अच्छी कमाई हो रही है। राजस्थान के रियांबड़ी (नागौर) क्षेत्र के कई किसान नए प्रयोग कर खेतों में खरीफ और रबी की सामान्य फसलों के साथ ही गुलाब की खेती कर अच्छा लाभ कमा रहे हैं।

यहां के जसनगर रोड पर डांगा कृषि फार्म में रामनिवास डांगा गुलाब के फूलों का अच्छा उत्पादन कर रहे हैं। उनके बड़े बेटे दिनेश डांगा बताते हैं कि पहले उनका परिवार सामान्य खेती करता था, लेकिन इसमें ज्यादा बचत नहीं होती थी। लगातार परिवार बढ़ता जा रहा था। इसी बीच खेती में उन्होंने कुछ नया करने का सोचा। गुलाब की खेती शुरू कर दी। पहले खेत के छोटे हिस्से में गुलाब का उत्पादन शुरू किया। फिर बाजार में इसकी बढ़ती मांग देखते हुए अब करीब तीन बीघे में गुलाब की खेती की जा रही है। हर महीने वे डेढ़ से दो लाख रुपए के गुलाब के फूलों का उत्पादन कर पुष्कर, अजमेर, जयपुर की गुलकंद और गुलाबजल फैक्ट्रियों को भेज रहे हैं।

डांगा बताते हैं कि गुलाब का एक पौधा लगातार पांच साल तक फूल देता है। इसके बाद दूसरा पौधा लगाना पड़ता है। इस पौधे के लिए बीज की कोई जरूरत नहीं होती, बल्कि खेत में पहले से लगे पौंधों की टहनियों को काटकर कलम कर दिया जाता है। इससे नए पौधे तैयार हो जाते हैं। इस तरह से एक बार का खर्च उठाने के बाद किसान जब तक चाहे, तब तक लाभ कमा सकता है। डांगा के अलावा यहां के लक्ष्मण खालिया, भरत सैनी, गेंदीराम माली आदि किसान भी गुलाब की खेती कर रहे हैं।

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