93 साल के नक्कू बाबू, जिनके पास है 200 साल से भी ज्यादा पुरानी चीजों का खजाना
घूमने और चीजों को गहराई से महसूस करने वाले सुशील के पास कई अनमोल चीजों का खजाना है। लोग उन्हें नक्कू बाबू के नाम से जानते हैं। वे नॉर्थ कोलकाता के नलिन सरकार स्ट्रीट में एक तीन मंजिल के मकान में रहते हैं।
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अपने कमरे में नक्कू बाबू (फोटो साभार- हिंदुस्तान टाइम्स)
नक्कू बाबू के पास प्रथम विश्व युद्ध के दौरान सेना द्वारा प्रयोग किए गए रिसीवर से लेकर 18वीं सदी का कॉलिंग बेल भी है जिसे इंग्लैंड में निर्मित किया गया था। उनके पास 1930 में स्विस स्टॉपवॉच भी है।
कोलकाता को सिटी ऑफ जॉय के नाम से भी जाना जाता है। यानी ये खुशियों का शहर है। यहां हर एक गली में कोई न कोई कहानी मिल जाती है जो आपके दिल को छू जाएगी। ऐसी ही एक कहानी है 93 वर्षीय सुशील कुमार चटर्जी की। घूमने और चीजों को गहराई से महसूस करने वाले सुशील के पास कई अनमोल चीजों का खजाना है। लोग उन्हें नक्कू बाबू के नाम से जानते हैं। वे नॉर्थ कोलकाता के नलिन सरकार स्ट्रीट में एक तीन मंजिल के मकान में रहते हैं। उनके घर में एक 10X12 का कमरा है जिसमें काफी पुरानी चीजें सुरक्षित रखी हुई हैं। यह कमरा पुराने सामानों से इतना भरा है कि यहां दो लोग आराम से खड़े भी नहीं हो सकते।
नक्कू बाबू को पुरानी दुर्लभ चीजों को सहेजने का शौक तब से है जब वो सिर्फ 10 साल के थे। वह कहते हैं कि इन चीजों में कोई लौकिक शक्ति है जो उन्हें अपनी ओर खींच लेते हैं। उन्होंने कोलकाता के स्कॉटिश चर्च कॉलेज से अपनी पढ़ाई की है। उनसे बातें करते वक्त आप पुराने दिनों में चले जाएंगे। ले लगातार अपनी बचपन की यादों को साझा करते रहते हैं। उन्होंने कई सारे मशहूर कवियों, कलाकारों और लेखकों के साथ अच्छा समय बिताया है जिसकी याद उनके जेहन में अभी भी ताजा हैं।
हिंदुस्तान टाइम्स से बात करते हुए नक्कू बाबू ने कहा, 'मैंने सबसे पहले पुराने पत्थरों को इकट्ठा करना शुरू किया था। उनकी अजीबोगरीब बनावट मुझे अपनी ओर आकर्षित करती थी। इसके बाद ऐसी चीजों से मुझे लगाव बढ़ता गया।' एक वेबसाइट के मुताबिक नक्कू बाबू के पास प्रथम विश्व युद्ध के दौरान सेना द्वारा प्रयोग किए गए रिसीवर से लेकर 18वीं सदी का कॉलिंग बेल भी है जिसे इंग्लैंड में निर्मित किया गया था। उनके पास 1930 में स्विस स्टॉपवॉच भी है। उनके कमरे में 200 साल पुरानी तुरही और लगभग 3,000 म्यूजिक रिकॉर्ड्स हैं। एक कोने में जर्मनी में बना 16mm का साउंड प्रॉजेक्ट है, तो दूसरे कोने में कोलकाता में पहली बार आयात किया गया हेडफोन भी है।
उनके इस कमरे में घुसने के बाद आपको पता ही नहीं चलेगा कि आप किस दुनिया में आ गए हैं। इसी वजह से उनके कमरे से निकलने में घंटो लग जाते हैं फिर भी आपका मन नहीं भरता। उनके पास प्रथम विश्व युद्ध के दौरान इस्तेमाल किए गए कैमरे भी हैं। इसके अलावा इतनी सारी चीजें कमरे में रखी हैं कि अगर एक-एक चीज गिनने लगें तो लिस्ट काफी लंबी हो जाएगी। नक्कू बाबू अपनी पत्नी और तीन बेटों के साथ रहते हैं। उनका ये शौक हमें हर एक पल, हर एक लम्हे को खुशी के साथ जीने की प्रेरणा देता है।
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