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बजट से पहले, DPIIT ने स्टार्टअप्स पर एंजल टैक्स हटाने की सिफारिश की

पहले जहां एंजल टैक्स केवल स्थानीय निवेशकों पर लागू होता था, वहीं 2023-24 के वित्तीय वर्ष के बजट में विदेशी निवेश को शामिल करने के लिए इसका दायरा बढ़ा दिया गया है.

केंद्रीय बजट से पहले उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) ने स्टार्टअप्स पर एंजल टैक्स हटाने की सिफारिश की है, लेकिन एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कि इस पर एकीकृत विचार वित्त मंत्रालय द्वारा लिया जाएगा.

पिछले साल सितंबर में आयकर विभाग ने नए एंजल टैक्स नियमों को अधिसूचित किया था, जिसमें निवेशकों को गैर-सूचीबद्ध स्टार्टअप द्वारा जारी किए गए शेयरों का मूल्यांकन करने की व्यवस्था शामिल है.

पहले एंजल टैक्स [किसी स्टार्टअप के शेयरों की उचित बाजार कीमत से अधिक बिक्री पर प्राप्त पूंजी पर लगाया जाने वाला टैक्स] केवल स्थानीय निवेशकों पर लागू होता था, लेकिन 2023-24 के वित्तीय वर्ष (अप्रैल 2023 से मार्च 2024) के बजट में विदेशी निवेश को शामिल करने के लिए इसका दायरा बढ़ा दिया गया है.

पीटीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, गुरुवार को एंजल टैक्स हटाने की उद्योग जगत की मांग पर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए DPIIT सचिव राजेश कुमार सिंह ने कहा: "हमारे यहां मौजूद स्टार्टअप इकोसिस्टम के साथ परामर्श के आधार पर हमने पहले भी इसकी सिफारिश की है और मुझे लगता है कि हमने इस बार भी इसकी सिफारिश की है, लेकिन अंततः वित्त मंत्रालय द्वारा एक एकीकृत दृष्टिकोण अपनाया जाएगा."

बजट के अनुसार, अतिरिक्त प्रीमियम को 'स्रोतों से आय' माना जाएगा और इस पर 30% से अधिक की दर से टैक्स लगाया जाएगा. हालांकि, DPIIT द्वारा पंजीकृत स्टार्टअप को नए मानदंडों से छूट दी गई है.

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