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मेनोपॉज़ से संतुलन: सेहत और काम के बीच बैलेंस बनाने के लिए 5 ज़रूरी टिप्स

मेनोपॉज़ आपकी ज़िंदगी में एक नया अध्याय है, कोई रुकावट नहीं. यदि आप भी किसी तरह की परेशानी का सामना कर रही हैं, तो डॉक्टर से परामर्श लें और सही देखभाल प्राप्त करें. सही सहयोग और जागरूकता के साथ, आप आगे बढ़ सकती हैं और अपनी पसंदीदा चीज़ों का पूरा आनंद ले सकती हैं.

मेनोपॉज़ से संतुलन: सेहत और काम के बीच बैलेंस बनाने के लिए 5 ज़रूरी टिप्स

Tuesday March 25, 2025 , 5 min Read

भारत में आमतौर पर महिलाओं में मेनोपॉज़ (मासिक धर्म का बन्द होना) की उम्र लगभग 46.2 वर्ष होती है, जो पश्चिमी देशों की औसत उम्र 51 वर्ष की तुलना में कहीं पहले आती है. इस दौरान महिलाओं के लिए मेनोपॉज़ के लक्षणों को समझना और उन्हें सही तरीके से मैनेज करना बेहद जरूरी होता है. इसके साथ ही, काम और व्यक्तिगत जीवन के बीच संतुलन बनाए रखना भी एक बड़ी चुनौती बन जाता है.

अबॉट और इप्सोस के एक सर्वे में सामने आया कि लगभग 87% लोगों का मानना है कि मेनोपॉज़ का महिलाओं की रोजमर्रा की जिंदगी पर गहरा प्रभाव पड़ता है. हॉट फ्लैशेज, अत्यधिक पसीना आना, नींद न आना, मूड स्विंग और जोड़ों में दर्द जैसे लक्षण इस दौर को और मुश्किल बना सकते हैं. हालांकि, सर्वे में शामिल करीब 80% लोगों ने माना कि महिलाओं को इन समस्याओं पर अपने दोस्तों, परिवार या सहकर्मियों से खुलकर बात करने में संकोच होता है.

सात शहरों में 1,200 से अधिक लोगों की राय पर आधारित इस सर्वे का उद्देश्य मेनोपॉज़ को लेकर जागरूकता के स्तर को समझना और महिलाओं के अनुभवों को सामने लाना था. इसमें 45-55 वर्ष की महिलाओं के साथ-साथ उनके परिवार के सदस्यों की राय भी शामिल की गई थी.

मेनोपॉज़ के लक्षण महिलाओं की वर्क लाइफ को कठिन बना सकते हैं. सर्वे के अनुसार, 81% कामकाजी महिलाओं को एकाग्रता में कठिनाई होती है, 73% को बार-बार छुट्टी लेनी पड़ती है और 66% को मूड स्विंग और चिड़चिड़ापन महसूस होता है. ये चुनौतियाँ महिलाओं की कार्यक्षमता, नौकरी में संतुष्टि और कॅरियर ग्रोथ को प्रभावित कर सकती हैं.

अबॉट इंडिया की मेडिकल अफेयर्स हेड, डॉ. रोहिता शेट्टी का कहना है, “मेनोपॉज़ के बारे में जागरूकता फैलाना केवल तथ्यों को साझा करने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक ऐसा माहौल बनाने के बारे में भी है जहाँ महिलाएँ अपने अनुभवों को बिना किसी संकोच के साझा कर सकें. 'वुमन फर्स्ट' जैसी पहल महिलाओं को उपयोगी जानकारी देती हैं और उन्हें परिवार, दोस्तों और सहकर्मियों से खुलकर बात करने के लिए प्रेरित करती हैं. इस तरह की मदद महिलाओं को आत्मविश्वास के साथ इस नए जीवन अध्याय को अपनाने में सक्षम बनाती है.”

डॉ. (लेफ्टिनेंट कर्नल) लीना एन श्रीधर, हेड, एकेडमिक्स एंड रिसर्च, कसंल्टेंट, डिपार्टमेंट ऑफ ऑब्सटेट्रिक्स एंड गाइनेकोलॉजी, मणिपाल हॉस्पिटल्स, दिल्ली कहते हैं, “मेनोपॉज़ हर महिला के लिए अलग अनुभव लेकर आता है, जो उनके स्वास्थ्य और जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित करता है. इसे आसान और आरामदायक बनाने के लिए संतुलित जीवनशैली अपनाना जरूरी है. कामकाजी महिलाओं के लिए कुछ सरल उपाय जैसे - मेडिटेशन के लिए छोटा-सा ब्रेक लेना, व्यस्तता के बावजूद संतुलित आहार लेना और नियमित रूप से हल्की एक्सरसाइज़ करना बेहद जरूरी है. साथ ही, डॉक्टर से परामर्श लेना भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि सही मार्गदर्शन से लक्षणों को बेहतर तरीके से मैनेज किया जा सकता है.”

यहां कुछ टिप्स दिए गए है जिससे आपको अपने लक्षणों को ज्यादा बेहतर तरीके से मैनेज करने और अपने कॅरियर के साथ-साथ अपनी सेहत को भी बेहतर तरीके से संभालने में मदद मिल पाएगी:

खुलकर बात करें और ज़रूरत पड़ने पर मदद लें

अपने सहकर्मियों और सुपरवाइज़र से अपने लक्षणों के बारे में चर्चा करें और यह भी बताएं कि इनका आपके काम पर क्या असर हो रहा है. परिवार, दोस्तों या किसी भरोसेमंद सहकर्मी से इस विषय पर खुलकर बात करने से आपको भावनात्मक सहयोग मिल सकता है और साथ ही उन लोगों से भी जुड़ने का अवसर मिलेगा जो इसी अनुभव से गुजर रहे हैं.

काम के माहौल को अनुकूल बनाएँ

दफ्तर में कुछ छोटे बदलाव करने से मेनोपॉज़ के लक्षणों को मैनेज करना आसान हो सकता है. उदाहरण के लिए, डेस्क पर एक छोटा पंखा रखना, लचीले कार्य घंटों की व्यवस्था करना या आरामदायक वेंटिलेशन सुनिश्चित करना मददगार हो सकता है.

खुद की देखभाल को प्राथमिकता दें

काम के दौरान तनाव को कम करने के लिए माइंडफुलनेस, मेडिटेशन और हल्की एक्सरसाइज़ को अपने रूटीन में शामिल करें. ये सभी उपाय मूड स्विंग और थकान को कम करने में मददगार हो सकते हैं.

डॉक्टर से परामर्श लें

किसी स्त्री रोग विशेषज्ञ (गायनेकोलॉजिस्ट) से सलाह लें और मेनोपॉज़ के लक्षणों से निपटने के लिए सही इलाज और जीवनशैली में बदलाव के बारे में जानकारी प्राप्त करें. दवाओं और उचित देखभाल से इन लक्षणों को प्रभावी रूप से मैनेज किया जा सकता है.

विश्वसनीय जानकारी प्राप्त करें और सपोर्ट नेटवर्क से जुड़ें

मेनोपॉज़ को सही तरीके से समझने और इससे निपटने के लिए विश्वसनीय स्रोतों से जानकारी प्राप्त करें. 'वुमन फर्स्ट' जैसे ऑनलाइन पोर्टल महिलाओं को सही जानकारी और सहारा देने के लिए उपयोगी हो सकते हैं. इसके अलावा, सपोर्ट ग्रुप, ऑनलाइन फोरम या दफ्तर में भरोसेमंद नेटवर्क से जुड़ना भी फायदेमंद हो सकता है.

मेनोपॉज़ आपकी ज़िंदगी में एक नया अध्याय है, कोई रुकावट नहीं. यदि आप भी किसी तरह की परेशानी का सामना कर रही हैं, तो डॉक्टर से परामर्श लें और सही देखभाल प्राप्त करें. सही सहयोग और जागरूकता के साथ, आप आगे बढ़ सकती हैं और अपनी पसंदीदा चीज़ों का पूरा आनंद ले सकती हैं.

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Edited by रविकांत पारीक