Brands
Discover
Events
Newsletter
More

Follow Us

twitterfacebookinstagramyoutube
Youtstory

Brands

Resources

Stories

General

In-Depth

Announcement

Reports

News

Funding

Startup Sectors

Women in tech

Sportstech

Agritech

E-Commerce

Education

Lifestyle

Entertainment

Art & Culture

Travel & Leisure

Curtain Raiser

Wine and Food

YSTV

ADVERTISEMENT
Advertise with us

IPS से IAS बनीं गरिमा सिंह ने अपनी सेविंग्स से चमका दिया जर्जर आंगनबाड़ी को

वो महिला IAS अॉफिसर जिसने अपनी सेविंग्स से बदल दी जिले के आंगनबाड़ी केंद्र की हालत...

IPS से IAS बनीं गरिमा सिंह ने अपनी सेविंग्स से चमका दिया जर्जर आंगनबाड़ी को

Wednesday March 07, 2018 , 3 min Read

2016 बैच की आईएएस ऑफिसर गरिमा सिंह की तैनाती झारखंड में है। प्रोबेशनर के तौर पर उन्हें हजारीबाग में समाज कल्याण अधिकारी का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया तो उन्होंने इस जिम्मेदारी को पूरी निष्ठा और लगन से निभाया। वह छोटे बच्चों की पढ़ाई को लेकर काफी चिंतिंत रहती हैं और उसके लिए काम कर रही हैं। उन्होंने देखा कि जिले के आंगनबाड़ी केंद्रों की हालत काफी बुरी है तो उन्होंने इसे सुधारने का फैसला लिया और मटवारी मस्जिद रोड पर स्थित एक आंगनबाड़ी को गोद ले लिया। 

आईएएस गरिमा सिंह और परिवर्तित नया आंगनबाड़ी 

आईएएस गरिमा सिंह और परिवर्तित नया आंगनबाड़ी 


अभी हाल ही में जिले के कलेक्टर रवि शंकर शुक्ला ने इस आंगनबाड़ी के नए रूप का उद्घाटन किया और गरिमा ने सोशल मीडिया पर अपनी इस पहल के बारे में जानकारी दी।

2016 बैच की आईएएस ऑफिसर गरिमा सिंह की तैनाती झारखंड में है। प्रोबेशनर के तौर पर उन्हें हजारीबाग में समाज कल्याण अधिकारी का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया तो उन्होंने इस जिम्मेदारी को पूरी निष्ठा और लगन से निभाया। वह छोटे बच्चों की पढ़ाई को लेकर काफी चिंतिंत रहती हैं और उसके लिए काम कर रही हैं। उन्होंने देखा कि जिले के आंगनबाड़ी केंद्रों की हालत काफी बुरी है तो उन्होंने इसे सुधारने का फैसला लिया और मटवारी मस्जिद रोड पर स्थित एक आंगनबाड़ी को गोद ले लिया। उन्होंने आंगनबाड़ी की दीवारों पर कार्टून, अंग्रेजी अौर हिन्दी के कैरेक्टर्स, बच्चों को आकर्षित करने वाली पेंटिंग करवाई।

अब यह आंगनबाड़ी जिले का मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र बन गया है। पिछले साल जुलाई में उनकी पोस्टिंग यहां हुई थी। गरिमा ने आंगनबाड़ी का कायाकल्प करने में लगभग 50,000 रुपये खर्च कर दिए। दिसंबर 2017 के पहले यह आंगनबाड़ी काफी जर्जर हालत में था। लेकिन अब यहां बच्चों के खेलने के लिए खिलौने, पढ़ाई-लिखाई की काफी सामग्री उपलब्ध करवा दी गई है। गरिमा ने बच्चों के लिए चार्ट, सीखने की किताबें उपलब्ध करवाईं जिससे बच्चे खुद ही खेलकूद में कई सारी चीजें सीख जाएं। उन्होंने बच्चों के लिए रॉकिंग हॉर्स भी खरीद कर दिया।

यह भी पढ़ें: पूरी दुनिया में परचम लहरा रहीं भारत की ये महिलाएं

आईपीएस की पोस्टिंग के दौरान गरिमा सिंह

आईपीएस की पोस्टिंग के दौरान गरिमा सिंह


अभी हाल ही में जिले के कलेक्टर रवि शंकर शुक्ला ने इस आंगनबाड़ी के नए रूप का उद्घाटन किया। गरिमा ने सोशल मीडिया पर अपनी इस पहल के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी में पहले 22 बच्चों का नामांकन कराना यादगार रहा। गरिमा ने 2012 में अपने पहले ही प्रयास में सिविल सर्विस की परीक्षा पास की थी। तब उन्हें आईपीएस कैडर मिला था और वह यूपी के बुंदेलखंड में तैनात थीं। 

गरिमा ने यूपी में महिला सुरक्षा हेल्पलाइन 1090 को शुरू करवाने में अहम भूमिका निभाई थी। वह लखनऊ की एएसपी भी रह चुकी हैं। इंजीनियर पिता की बेटी गरिमा वैसे तो डॉक्टर बनना चाहती थीं, लेकिन पिता की चाहत थी कि वह आईएएस बनें।

यह भी पढ़ें: कानूनी लड़ाई जीतने के बाद बंगाल की पहली ट्रांसजेंडर बैठेगी यूपीएससी के एग्जाम में

आंगनबाड़ी का बदला नजारा

आंगनबाड़ी का बदला नजारा


आईपीएस की नौकरी के दौरान ही उन्होंने तैयारी जारी रखी और एक बार फिर से सिविल सर्विस का एग्जाम दिया। 2015 में उन्होंने यह परीक्षा क्वॉलिफाई की और 55वीं रैंक हासिल की। लखनऊ के पास मोहनलाल गंज में बहुचर्चित रेप कांड में आरोपियों को पकड़ने में भी गरिमा ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। 

2016 में गरिमा की शादी एक इंजिनियर से हुई। वह मूल रूप से उत्तर प्रदेश के बलिया जिले की रहने वाली हैं, लेकिन उन्होंने लखनऊ, दिल्ली और नोएडा में अपना जीवन बिताया। वह दिल्ली के प्रतिष्ठित सेंट स्टीफन कॉलेज की छात्रा रही हैं।

यह भी पढ़ें: ऑटो ड्राइवर की बेटी पूनम टोडी ने टॉप की पीसीएस-जे की परीक्षा, बनेगी जज