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योर स्टोरी सुनाए ऐसी स्टोरी, जिसके बारे में पहले कोई सुनना नहीं चाहता था- मनोज तिवारी

योर स्टोरी सुनाए ऐसी स्टोरी, जिसके बारे में पहले कोई सुनना नहीं चाहता था- मनोज तिवारी

Sunday March 13, 2016 , 3 min Read

दिल्ली में आयोजित योरस्टोरी डॉट कॉम के भाषा महोत्सव के एक विशेष सत्रः एकीकृत शक्ति के रूप में भाषा, में बोलते हुए मशहूर गायक, अभिनेता और बीजेपी सांसद मनोज तिवारी और मशहूर ग़ज़लकार और गीतकार आलोक श्रीवास्तव ने मातृभाषा को अपनी सफलता के लिए पूरा श्रेय दिया. दोनों ने ही भाषा के विकास और प्रचार-प्रसार की बात कही. सत्र की शुरुआत योरस्टोरी हिन्दी के प्रभारी धीरज सार्थक ने की. धीरज सार्थक ने कहा,

"जब तक हम लोकल नहीं होंगे तब तक ग्लोबल नहीं हो सकते। हिन्दी का बात हम सब करते हैं पर हिन्दी में बात कब करेंगे, यह कोई नहीं बताता. हमें अपनी भाषा को समझना होगा, हम अपनी भाषा में जीते, रहते हैं और मरते हैं और इसलिए हमें अपनी भाषा का कद्र करना ही होगा. हम अंग्रेजी की इज्जत करें, लेकिन अन्य भाषा को हम नकार नहीं सकते हैं"


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अपनी सफलता का पूरा श्रेय भोजपुरी को देते हुए गायक, अभिनेता और बीजेपी के सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि उन्हें उस दिन बहुत दुख हुआ जिस दिन संसद में नवनिर्वाचित सांसद अपनी अपनी भाषा में शपथ ले रहे थे लेकिन वे भोजपुरी में शपथ नहीं ले पाए. मनोज के मुताबिक भोजपुरी बहुत ही समृद्ध भाषा है और इस भाषा को बोलने वाले लोग पूरी दुनिया में मजबूत स्थिति में हैं. मनोज का कहना था, 

"अभी भी ऐसे करोड़ों लोग हैं जो अपनी स्थानीय भाषा में अपने विचारों को जाहिर करते हैं. जब हम अपनी भाषा में सोचते हैं और बोलते हैं तो हम बोलने में और विचार व्यक्त करने में कम गलती करते हैं"

हिन्दी ही हमारी पहचान

वहीं मनोज तिवारी ने योरस्टोरी की पहल की तारीफ करते हुए कहा कि योरस्टोरी से आशा है कि वह ऐसी स्टोरी सुनाएगी जिसे देश के बच्चों को सुनना और जानना बहुत जरूरी है. उन्होंने योरस्टोरी से अपील करते हुए कहा, 

"योरस्टोरी, आप दुनिया को ऐसी कहानी सुना दीजिए जिनकी स्टोरी कोई सुनना ही नहीं चाहता"


इस मौके पर मशहूर ग़ज़लकार और गीतकार आलोक श्रीवास्तव ने कहा, 

"मेरी अपनी एक भाषा है, जो हिन्दुस्तानी है, वह न तो हिन्दी है, न उर्दू और न ही अंग्रेजी है. मेरे लिए भाषा जो है वह हिन्दुस्तानी है, मेरे लिए वह खालिस भाषा है. मैं जहां कहीं भी जाता हूं, निसंकोच हिन्दी बोलता हूं"

 उन्होंने कहा, 

"हम भारतीय बहुत जल्दी प्रभावित हो जाते हैं. हम जहां कहीं भी जाए अपनी छाप छोड़कर आएं न कि वहां की छाप लेकर आएं"

इस कार्यक्रम के दौरान मनोज तिवारी ने भोजपुरी में मां से जुड़े हुए गाने सुनाए तो आलोक श्रीवास्तव ने बाबू जी से जुड़ी ग़ज़लें। मनोज तिवारी ने गैंग्स ऑफ वासेपुर के गाने गुनगुनाकर लोगों का दिल जीत लिया।