Flipkart ने महाकुंभ में ‘एक जिला, एक उत्पाद’ (ODOP) प्रोग्राम के तहत दिखाई उत्तर प्रदेश की समृद्ध विरासत
महाकुंभ 2025 में फ्लिपकार्ट का स्टॉल कारीगरों, बुनकरों एवं एमएसएमई को देशव्यापी बाजार तक पहुंच प्रदान करते हुए उन्हें सशक्त करने और सतत आजीविका को बढ़ावा देने की फ्लिपकार्ट की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करता है.
ई-कॉमर्स मार्केटप्लेस फ्लिपकार्ट (
) ने महाकुंभ मेला 2025 में राज्य की सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार के ‘एक जिला, एक उत्पाद’ (One District One Product - ODOP) विभाग के साथ साझेदारी की है. प्रयागराज, उत्तर प्रदेश में 13 जनवरी से 26 फरवरी तक महाकुंभ मेला 2025 का आयोजन हो रहा है, जो दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन है. हर 12 साल में आयोजित होने वाला महाकुंभ आध्यात्मिकता, खगोलशास्त्र एवं समृद्ध सांस्कृतिक परंपराओं का अनूठा मेल है, जिसने दुनियाभर से लाखों लोगों को आकर्षित किया है. महाकुंभ मेले में फ्लिपकार्ट समर्पित बूथ एवं स्टॉल्स के माध्यम से अन्य सांस्कृतिक प्रयासों के साथ-साथ ओडीओपी पहल को प्रदर्शित कर रही है.2020 में ओडीओपी प्रोग्राम के साथ फ्लिपकार्ट की साझेदारी ने अब तक उत्तर प्रदेश में वंचित समुदायों को सशक्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. समर्पित माइक्रोसाइट की लॉन्चिंग, ऑनलाइन ट्रेनिंग और कारोबार को सस्टेनेबल तरीके से बढ़ाने के लिए जरूरी टूल्स से लैस करने के लिए स्किल इंडिया जैसी पहल से गठजोड़ करते हुए फ्लिपकार्ट ने स्थानीय कारीगरों एवं उद्यमियों का समर्थन किया है. महाकुंभ 2025 में फ्लिपकार्ट का स्टॉल कारीगरों, बुनकरों एवं एमएसएमई को देशव्यापी बाजार तक पहुंच प्रदान करते हुए उन्हें सशक्त करने और सतत आजीविका को बढ़ावा देने की फ्लिपकार्ट की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करता है. इन प्रयासों का उद्देश्य अद्वितीय शिल्प एवं उत्तर प्रदेश के विविधतापूर्ण उत्पादों को वैश्विक ग्राहकों तक पहुंचाना और स्थानीय समुदायों के आर्थिक विकास को समर्थन प्रदान करना है.
इस साझेदारी को लेकर आयुक्त एवं निदेशक, उद्योग निदेशालय, कानपुर, उत्तर प्रदेश के. विजयेंद्र पांडियन (आईएएस) ने कहा, “उत्तर प्रदेश सरकार की ओडीओपी पहल स्थानीय शिल्प को बढ़ावा देने और सतत आजीविका सृजित करने की हमारी प्रतिबद्धता का प्रमाण है. ओडीओपी पहल के साथ फ्लिपकार्ट की साझेदारी कारीगरों एवं उद्यमियों को उनके अनूठे उत्पाद राष्ट्रीय स्तर पर ग्राहकों तक पहुंचाने के लिए मजबूत डिजिटल प्लेटफॉर्म प्रदान करने के हमारे लक्ष्य को गति देने वाली है. यह साझेदारी आर्थिक विकास एवं इनोवेशन को गति देने के साथ-साथ अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने की उत्तर प्रदेश सरकार की प्रतिबद्धता को भी दिखाती है. साथ मिलकर हमारा लक्ष्य स्थानीय समुदायों को सशक्त करना, उन्हें आज के डायनामिक मार्केटप्लेस में आगे बढ़ने में समक्ष बनाना और राज्य के विकास में सार्थक योगदान देना है.”
फ्लिपकार्ट ग्रुप के चीफ कॉरपोरेट अफेयर्स ऑफिसर रजनीश कुमार ने कहा, “एक घरेलू कंपनी के रूप में फ्लिपकार्ट भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का उत्सव मनाने और इसे बढ़ावा देने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है. उत्तर प्रदेश के ओडीओपी प्रोग्राम के साथ साझेदारी के माध्यम से हमने स्थानीय कारीगरों एवं एमएसएमई को उनका कारोबार बढ़ाने और उन्हें देशभर के ग्राहकों से जुड़ने में सक्षम बनाया है. हमारे ई-कॉमर्स मार्केटप्लेस प्लेटफॉर्म पर उत्तर प्रदेश सरकार के ओडीओपी प्रोडक्ट्स में 60 प्रतिशत से ज्यादा की वृद्धि के साथ इस साझेदारी ने पूरे उत्तर प्रदेश के वंचित समुदायों को सशक्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. महाकुंभ मेला पूरे राज्य के वंचित समुदायों के लिए आर्थिक विकास के अवसर प्रदान करने के साथ-साथ इन अनूठे उत्पादों को देश-दुनिया के ग्राहकों के समक्ष प्रस्तुत करने का अनूठा प्लेटफॉर्म है. हम स्थानीय प्रतिभाओं को सशक्त करने और सांस्कृतिक परंपराओं को संरक्षित करने की दिशा में ओडीओपी जैसी पहल को आगे बढ़ाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार के साथ सहयोग के लिए आभारी हैं.”
ओडीओपी और समर्थ जैसी पहल के माध्यम से फ्लिपकार्ट लगातार स्थानीय समुदायों का समर्थन कर रही है और उत्तर प्रदेश में आर्थिक अवसर सृजित कर रही है. इसके अतिरिक्त, फ्लिपकार्ट ने उत्तर प्रदेश में बाराबंकी, बुलंदशहर, फिरोजाबाद, गोरखपुर, कानपुर, मेरठ, सीतापुर, उन्नाव और वाराणसी जैसे विभिन्न जिलों में वर्कशॉप का आयोजन भी किया है. साथ ही विक्रेताओं, कारीगरों एवं उद्यमियों के लिए फ्लिपकार्ट मार्केटप्लेस पर समर्पित माइक्रोसाइट भी तैयार की है, जहां वे अपने उत्पादों की लिस्टिंग कर सकते हैं. फ्लिपकार्ट ने वर्कशॉप के माध्यम से कारीगरों एवं उद्यमियों को डिजिटल स्किल्स से लैस किया है और उन्हें सतत तरीके से अपने कारोबार को बढ़ाने में सक्षम बनाया है.
Edited by रविकांत पारीक