कैसे क्लाइमेट चेंज की दिशा में सराहनीय काम कर रहे हैं ये चार स्टार्टअप
क्लाइमेट चेंज (climate change) के बढ़ते प्रभाव के दौर में कूलिंग सोल्यूशंस की डिमांड बढ़ेगी ही जिससे एनर्जी ग्रीड पर ही लोड बढेगा. क्लाइमेट चेंज की वजह से मौसम में बदलाव फसलों की पैदावार को भी एफेक्ट करता है जिससे किसान परेशान रहते हैं. हमारी रोज़मर्रा की ज़िन्दगी में बढ़ती हुई गाड़ियां वायु प्रदूषण (air pollution) का एक सबसे बड़ा कारण है.
क्लाइमेट चेंज के प्रभाव को कम करने की दिशा में ये 4 स्टार्टअप अपने प्रोडक्ट्स के माध्यम से ग्लोबम वार्मिंग (global warming) के प्रभाव को कम करने की कोशिश कर रहे हैं:
2015 में शुरू हुए इस स्टार्टअप के दो को-फाउंडर्स हैं- आलेख संघेरा और महताब सिंह हंस. गुरुग्राम बेस्ड यह स्टार्टअप छोटे किसानों को लो-कॉस्ट डिजिटल लोन दिलवाने में मदद करता है. किसानो को वर्चुअल क्रेडिट कार्ड ऑफर करता है जिससे वे बीज, खाद ऐसी चीज़ें अपनी ज़रूरत के हिसाब से सही वक़्त पर खरीद सकें. आज के वक़्त में इनके साथ 90,000 रीटेलर्स और 600 जिलों से 2 मिलियन किसान जुड़े हैं. रीटेलर्स के इतने बड़े नेटवर्क का यूज यह स्टार्टअप किसानों की मार्केट रीच बढाने के लिए भी करता है. मतलब, रीटेलर्स अगर किसानों से कुछ खरीदना चाहते हैं तो फारमार्ट उन्हें किसानों से कनेक्ट करता है जिससे किसानों के नए इनकम सोर्से भी जेनेरेट होते हैं.
यह स्टार्टअप अपनी सर्विसेस देश के 12 राज्यों में एक्सपैंड करना चाहता है, साथ ही साथ अगले एक साल में एक्सपोर्ट में भी जाने का इनका प्लान है.
कोटा, राजस्थान में बेस्ड इस स्टार्टअप की शुरुआत 2018 में हुई. अमित कुमार और अभय सिंह के इस स्टार्टअप ने रेसिड्यू-फ्री सब्जियां उगाने की टेक्नोलॉजी को पेटेंट किया है. इस टेक्नोलॉजी की ख़ास बात यह है कि इनकी मदद से आप रेसिड्यू-फ्री और न्यूट्रीशियस सब्जियां किसी भी मौसम और ज़मीन पर उगा सकते हैं. Eeki Foods की यह टेक्नोलॉजी सब्जियां उगाने में 80 प्रतिशत कम पानी का इस्तेमाल करते हुए 3 गुणा ज्यादा पैदावार करता है.
साल 2017 में शुरू हुआ यह स्टार्टअप कैलिफोर्निया और मुंबई बेस्ड है जिसके फाउंडर अंगद दरयानी हैं. यह स्टार्टअप लो-कॉस्ट, फिल्टर रहित और आर्टिफ़िशियल इन्टेलिजेन्स (AI) से संचालित आउटडोरएयर-प्यूरिफिकेशन सिस्टम बनाता है. इनके एयर-प्यूरीफायर (air purifier) की ख़ास बात है कि एयर-पार्टिकल्स के चेंबर में जमा होने पर या चेंबर के भर जाने पर इसके यूजर को बता देते हैं ताकि इसे खाली करके वापस चलाया जा सके. इसके अलावा इसके फिल्टर्स स्टेनलेस स्टील के बने होने के कारण 5 से 7 साल तक चलते हैं. जब बाहर की हवा प्रदूषित होती है तो फैन की स्पीड ऑटोमैटिक तेज हो जाती है और एयर क्वालिटी बेहतर होने पर ऑटोमैटिकली बंद हो जाती है, प्यूरीफायर के इस फीचर से बिजली की खपत भी कम होती है.
इस स्टार्टअप का मिशन गैसोलीनमाइल्स को इलेक्ट्रिक माइल्स में बदलने का है. मतलब, यह कंपनी कमर्शियल वाहनों को इलेक्ट्रिक व्हीकल में बदलने की प्रक्रिया को आसान बनाने में मदद करता है. यह स्टार्टअप लोगों को अपने पार्टनर ओईएम (OEM) से गाड़ियों की रेंज अवेलेबल करवाता है, अफोर्डेबल फायनेंसिंग के ऑपशंस देता है और बैटरी की गारंटी भी सुरक्षित करता है.
बेंगलुरु स्थित यह स्टार्टअप साल 2021 में हेमंत अलुरू और शुभम खत्री द्वारा शुरू किया गया. हाल ही में इन्होंने जूमकार (Zoomcar) भी लॉन्च किया जो भारत का सबसे बड़ा पर्सनल मोबिलिटी प्लेटफार्म है.