भारत की जीडीपी वृद्धि दर 2025 में घटकर 6.3% रहने का अनुमान: Goldman Sachs
विदेशी निवेश बैंक ने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा ब्याज दरों में ढील की शुरुआत के अपने पूर्वानुमान को कैलेंडर वर्ष 2025 की पहली तिमाही तक पीछे धकेल दिया.
विदेशी निवेश बैंक गोल्डमैन सैक्स (Goldman Sachs) का अनुमान है कि 2025 में भारत की आर्थिक वृद्धि में कमी आने की उम्मीद है. हालांकि बैंक का मानना है कि अर्थव्यवस्था संभवतः अमेरिका और चीन के बीच संभावित व्यापार युद्ध से उत्पन्न वैश्विक झटकों से अछूती रहेगी.
बैंक ने कहा कि हालांकि भारत की मजबूत दीर्घकालिक संरचनात्मक विकास कहानी बरकरार है, फिर भी हमारा अनुमान है कि कैलेंडर वर्ष 25 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर घटकर 6.3% रह जाएगी, जो कि आरबीआई द्वारा मैक्रो-प्रूडेंशियल सख्ती के कारण निरंतर राजकोषीय समेकन और धीमी ऋण वृद्धि पर निर्भर करेगी.
विदेशी निवेश बैंक ने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा ब्याज दरों में ढील की शुरुआत के अपने पूर्वानुमान को कैलेंडर वर्ष 2025 की पहली तिमाही तक पीछे धकेल दिया, लेकिन वर्ष के मध्य तक केवल 50 आधार अंकों (बीपीएस) की संचयी कटौती की उम्मीद जारी रखी.
गोल्डमैन सैक्स ने अनुमान लगाया है कि वर्ष 2025 में मुख्य मुद्रास्फीति 4.2% सालाना रहेगी, जबकि खाद्य मुद्रास्फीति 4.6% सालाना रहेगी, जो पर्याप्त बारिश और गर्मियों की फसल की अधिक बुवाई के कारण है. मौसम संबंधी व्यवधानों के कारण खाद्य आपूर्ति में झटके इस दृष्टिकोण के लिए मुख्य जोखिम बने हुए हैं.
बैंक ने कहा कि वर्ष 2025 में मुख्य मुद्रास्फीति आरबीआई के 4% सालाना लक्ष्य के आसपास रहने का अनुमान है, साथ ही अमेरिकी टैरिफ के कारण चीनी वस्तुओं की अधिक क्षमता को क्षेत्रीय बाजारों में पुनः आवंटित किए जाने की स्थिति में कुछ गिरावट का जोखिम भी है.
निवेश बैंक ने कहा कि भारत का चालू खाता घाटा नियंत्रित बना हुआ है, जिसे मजबूत सेवा निर्यात से मदद मिली है, तथा कैलेंडर वर्ष 25 में इसके जीडीपी के 1.3% रहने का अनुमान है.