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इंफोसिस ने 1 शेयर लेने वाले को भी बनाया लखपति, 30 साल में 6 लाख से ज्यादा का दिया रिटर्न!

30 सालों में इंफोसिस के शेयर ने करीब 4,197 गुना रिटर्न दिया है. जिसके पास तब सिर्फ 1 शेयर था, आज उसके पास शेयरों की संख्या 336 हो चुकी है.

इंफोसिस ने 1 शेयर लेने वाले को भी बनाया लखपति, 30 साल में 6 लाख से ज्यादा का दिया रिटर्न!

Thursday December 15, 2022 , 5 min Read

आईटी कंपनी इंफोसिस (Infosys) को काम करते हुए 40 साल से भी अधिक हो चुके हैं. इसे 2 जुलाई 1981 को 7 लोगों ने शुरू किया था. वहीं ये कंपनी फरवरी 1993 में अपना आईपीओ लेकर बाजार में आई और जून 1993 में यह कंपनी शेयर बाजार (Share Market) में लिस्ट हो गई. कंपनी के आईपीओ की कीमत 95 रुपये प्रति शेयर थी, जबकि शेयरों की लिस्टिंग 145 रुपये प्रति शेयर के हिसाब से हुई थी. आज के वक्त में कंपनी उस वक्त के मुकाबले बहुत ज्यादा बड़ी हो चुकी है और इसने अपने निवेशकों को भी तगड़ा रिटर्न दिया है. नारायण मूर्ति (Narayana Murhty) की पत्नी सुधा मूर्ति (Sudha Murthy) कहती हैं कि उन्होंने कंपनी शुरू करने के दौरान अपनी सेविंग्स के 10 हजार रुपए खर्च किए थे और आज वह पैसे अरबों डॉलर बन चुके हैं. आइए जानते हैं करीब 30 सालों में इस कंपनी ने निवेशकों को किया रिटर्न दिया है.

जून 1993 में इंफोसिस का आईपीओ सिर्फ 95 रुपये प्रति शेयर के भाव पर आया था. वहीं आज के वक्त में (14 दिसंबर 2022) इंफोसिस का शेयर 1580 रुपये का है. ऐसे में आपको लग सकता है कि इन 30 सालों में इंफोसिस का शेयर करीब 16 गुना चढ़ गया है, लेकिन अगर बोनस शेयर और डिविडेंड की कैल्कुलेशन की जाए तो रिटर्न कुछ अलग ही निकल कर आएगा. चलिए देखते हैं पूरा कैल्कुलेशन.

8 बार बोनस दिया, एक बार किया स्टॉक स्प्लिट

मान लेते हैं कि आपने इंफोसिस का एक शेयर इसके लिस्टिंग प्राइस 145 रुपये पर लिया हुआ है. तो आइए समझते हैं बोनस शेयर और स्टॉक स्प्लिट की पूरी टाइम लाइन को-

  • सबसे पहले 30 जून 1994 को कंपनी हर एक शेयर पर 1 शेयर दिया. यानी आपके पास अब 2 शेयर हो गए.
  • 18 जून 1997 को फिर एक पर एक बोनस शेयर दिया गया, जिसके बाद आपके पास शेयरों की संख्या 4 हो गई.
  • 25 जनवरी 1999 क फिर से एक पर एक बोनस शेयर जारी किया गया. इसके बाद आपके पास शेयरों की संख्या 8 हो गई.
  • 30 नवंबर 1999 को शेयर स्प्लिट किया गया और 10 रुपये फेस वैल्यू के शेयर को दो 5-5 रुपये की फेस वैल्यू वाले शेयरों में बांट दिया गया. यानी आपके पास शेयरों की संख्या दोगुनी होकर 16 हो गई.
  • 13 अप्रैल 2004 को हर तीन शेयर पर 1 शेयर जारी किया गया. यानी 16 शेयरों पर आपको करीब 5 शेयर मिले होंगे. तो अब आपके पास शेयरों की संख्या 21 हो जाती है.
  • 14 अप्रैल 2006 को फिर से एक पर एक शेयर जारी हुआ, जिसके बाद शेयरों की संख्या 42 हो गई.
  • 10 अक्टूबर 2014 को एक बार फिर एक पर एक बोनस शेयर जारी हुआ, जिसके बाद शेयरों का नंबर 84 हो गया.
  • 24 अप्रैल 2015 को एक बोनस शेयर जारी हुआ, जिसके बाद शेयरों की संख्या 168 हो गई.
  • आखिरी बार 13 जुलाई 2018 को एक पर एक बोनस शेयर जारी हुए, जिसकी वजह से आपके पास शेयरों की संख्या 336 हो गई.

145 रुपये बन गए 5.30 लाख

इस तरह देखा जाए तो पिछले 30 सालों में आपका 1 शेयर 336 शेयरों में तब्दील हो गया. मतलब तब आपने सिर्फ 145 रुपये खर्च कर के अगर इंफोसिस का एक शेयर खरीदा होता तो आज आपके पास 336 शेयर हो गए होते. वहीं आज के वक्त में इंफोसिस का शेयर 1580 रुपये का है, तो 336 शेयरों की कीमत 5,30,880 रुपये हो जाती है. वहीं आपको इतने दिनों में कई बार डिविडेंड भी मिला, उसे तो अभी इसमें शामिल ही नहीं किया गया.

कितना मिला डिविडेंड?

  • डिविडेंड की एक्स डेट 21 मई 2002 से 16 अक्टूबर 2003 तक आपको प्रति शेयर करीब 41.5 रुपये का डिविडेंड मिला. इस दौरान आपके पास 16 शेयर थे. यानी आपको कुल 664 रुपये का डिविडेंड मिला होगा.
  • 26 मई 2004 से 17 अक्टूबर 2005 के बीच आपको प्रति शेयर 133 रुपये का डिविडेंड मिला. इस दौरान आपके पास शेयरों की संख्या 21 थी. यानी आपको कुल 2793 रुपये का डिविडेंड मिला होगा.
  • 25 मई 2006 से 29 मई 2014 तक आपको प्रति शेयर 341 रुपये का डिविडेंड मिला. इस दौरान आपके खाते में शेयरों की संख्या 42 थी. यानी आपको कुल 14,322 रुपये का डिविडेंड मिला.
  • 16 अक्टूबर 2014 से 15 जून 2015 के बीच आपको 73 रुपये प्रति शेयर का डिविडेंड मिला. इस दौरान आपके खाते में शेयरों की संख्या करीब 84 थी. यानी आपको कुल 6,132 रुपये का डिविडेंड मिला.
  • 16 अक्टूबर 2015 से 14 जून 2018 के बीच आपको 93.5 रुपये का डिविडेंड मिला. इस दौरान आपके खाते में करीब 168 शेयर थे. यानी आपको कुल 15,708 रुपये का डिविडेंड मिला.
  • 25 अक्टूबर 2018 से 27 अक्टूबर 2022 तक 113.5 रुपये का डिविडेंड मिला. इस दौरान आपके खाते में शेयरों की संख्या 336 हो चुकी थी. यानी आपको कुल 38,136 रुपये का डिविडेंड मिला.

अगर इन सारे डिविडेंड को जोड़ लिया जाए तो आंकड़ा हैरान करने वाला निकलता है. इस दौरान आपको कुल 77,755 रुपये का डिविडेंड मिला.

तो 30 सालों में मिला कुल कितना रिटर्न?

आपने 30 साल पहले 145 रुपये का निवेश करते हुए इंफोसिस का एक शेयर खरीदा था. अभी आपके पास शेयरों की संख्या 336 हो चुकी है और आपका कुल निवेश 5,30,880 रुपये का हो गया है. वहीं इसमें अगर डिविडेंड के 77,755 रुपये भी जोड़ दें तो आपका कुल पैसा हो जाता है 6,08,635 रुपये. इस तरह 30 सालों में इंफोसिस के शेयर ने करीब 4,197 गुना रिटर्न दिया है यानी ये शेयर करीब 4.20 लाख फीसदी चढ़ गया है. जिसने लिस्टिंग के दिन 1 लाख रुपये इंफोसिस में लगाए होंगे, आज उसके पैसे 41.97 करोड़ रुपये के करीब हो चुके हैं.