NHAI 1,000 करोड़ रुपये मूल्य के ग्रीन बॉन्ड जारी करेगा, जानिए क्या होते हैं ये बॉन्ड...
'ग्रीन बॉन्ड' से प्राप्त राशि का उपयोग सड़कों पर वृक्षारोपण, मध्य वृक्षारोपण, पशुओं के लिए अंडरपास का निर्माण, प्राकृतिक वर्षा जल निकासी, नवीकरणीय ऊर्जा (सौर) पर आधारित स्ट्रीट लाइट, अपशिष्ट पुनर्चक्रण एवं पुनः उपयोग तथा वर्षा जल संचयन जैसी गतिविधियों पर खर्च के लिए किया जाएगा.
पर्यावरण स्थिरता और हरित राजमार्गों के विकास की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के पूर्ण स्वामित्व वाले विशेष प्रयोजन वाहन (एसपीवी) 'डीएमई डेवलपमेंट लिमिटेड' (DMEDL) दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे परियोजना पर पर्यावरण अनुकूल उपायों के कार्यान्वयन के लिए धन जुटाने हेतु ग्रीन बॉन्ड जारी करेगा. बंद बोली प्रणाली के तहत 500 करोड़ रुपये के बेस इश्यू साइज के साथ यह इश्यू कुल 1,000 करोड़ रुपये तक होगा. 500 करोड़ रुपये तक के ओवरसब्सक्रिप्शन को बनाए रखने के लिए ग्रीन-शू विकल्प होगा. सड़क और राजमार्ग क्षेत्र में अपनी तरह का पहला ग्रीन बॉन्ड इश्यू दिसंबर 2024 के दूसरे सप्ताह में लॉन्च होने की उम्मीद है और इसे भारत सरकार के सॉवरेन ग्रीन बॉन्ड फ्रेमवर्क, अंतर्राष्ट्रीय प्रोटोकॉल और सेबी दिशानिर्देशों के सख्त अनुपालन के साथ पूरा किया जाएगा.
ग्रीन बॉण्ड ऋण प्राप्ति का एक साधन है जिसके माध्यम से ग्रीन ’परियोजनाओं के लिये धन जुटाया जाता है, यह मुख्यतः नवीकरणीय ऊर्जा, स्वच्छ परिवहन, स्थायी जल प्रबंधन आदि से संबंधित होता है.
'ग्रीन बॉन्ड' से प्राप्त राशि का उपयोग सड़कों पर वृक्षारोपण, मध्य वृक्षारोपण, पशुओं के लिए अंडरपास का निर्माण, प्राकृतिक वर्षा जल निकासी, नवीकरणीय ऊर्जा (सौर) पर आधारित स्ट्रीट लाइट, अपशिष्ट पुनर्चक्रण एवं पुनः उपयोग तथा वर्षा जल संचयन जैसी गतिविधियों पर खर्च के लिए किया जाएगा.
एनएचएआई के चेयरमैन संतोष कुमार यादव ने इस विषय में कहा, “यह पहल हरित राष्ट्रीय राजमार्ग बनाने के हमारे दृष्टिकोण का एक हिस्सा है और पर्यावरण स्थिरता के प्रति एनएचएआई की प्रतिबद्धता को दोहराती है. ग्रीन बॉन्ड विशेष रूप से सड़क और राजमार्ग क्षेत्र में पर्यावरण के अनुकूल परियोजनाओं में निवेश को प्रोत्साहित करने में मदद करेंगे और ऊर्जा की खपत को कम करके और पर्यावरण पर वाहनों के उत्सर्जन के प्रभाव को कम करके दीर्घकालिक लागत बचत की सुविधा प्रदान करेंगे.”
यह इश्यू उधार की कुल लागत के संदर्भ में DMEDL के वित्तीय प्रदर्शन को बढ़ाने में मदद करेगा और 'पर्यावरण, सामाजिक और शासन' केंद्रित निवेशकों को आकर्षित करके निवेशक आधार में विविधता लाएगा. DMEDL ने केयर एज एनालिटिक्स को थर्ड-पार्टी समीक्षक (टीपीआर) के रूप में नियुक्त किया है, जिन्होंने DMEDL की हरित गतिविधियों की पहचान कर उन्हें प्रमाणित किया है.
अगस्त 2020 में निगमित, 'डीएमई डेवलपमेंट लिमिटेड' दिल्ली-मुंबई ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे के वित्तपोषण, निर्माण और संचालन के लिए एनएचएआई का पूर्ण स्वामित्व वाला विशेष प्रयोजन वाहन (एसपीवी) है और इसे क्रिसिल, केयर और इंडिया रेटिंग से एएए रेटिंग मिली है. DMEDL का लक्ष्य ऋण और बॉन्ड के माध्यम से बैंकों और वित्तीय बाजार से लगभग 48,000 करोड़ रुपये जुटाना है और दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे परियोजना के कार्यान्वयन के लिए अब तक लगभग 42,000 करोड़ रुपये सफलतापूर्वक जुटाए हैं.