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कॉर्पोरेट बॉन्ड्स में निवेश में 63% शेयर के साथ युवा सबसे आगेः Grip Invest रिपोर्ट

Grip Invest की इस रिपोर्ट में ‘बॉन्ड में निवेश को लेकर मिलेनियल्स के रूझानों’ के बारे में बताया गया है. यह रिपोर्ट मिलेनियल्स (यानि आज के युवाओं) द्वारा निवेश के व्यवहार में आ रहे बदलाव पर रोशनी डालती है. कॉर्पोरेट बॉन्ड्स विभिन्न सामाजिक आर्थिक वर्ग के निवेशकों को लुभा रहे हैं.

कॉर्पोरेट बॉन्ड्स में निवेश में 63% शेयर के साथ युवा सबसे आगेः Grip Invest रिपोर्ट

Thursday September 26, 2024 , 3 min Read

हाइलाइट्स

Grip Invest ने लॉन्च की प्रॉपराइटरी रिपोर्ट ‘ग्रिपिंग द बूम-मिलेनियल मोमेंटम इन बॉन्ड इन्वेस्टिंग’

Grip Invest पर महिला निवेशकों की संख्या में हुई 52% की बढ़ोतरी

कॉर्पोरेट बॉन्ड में औसत निवेश 1.8 गुना बढ़ा

इंवेस्टमेंट प्लेटफॉर्म Grip Invest ने अपनी प्रॉपराइटरी रिपोर्ट ‘ग्रिपिंग द बूम’ के दूसरे संस्करण को लॉन्च किया है. इस रिपोर्ट में ‘बॉन्ड में निवेश को लेकर मिलेनियल्स के रूझानों’ पर ध्यान केंद्रित किया गया है. यह रिपोर्ट मिलेनियल्स (यानि आज के युवाओं) द्वारा निवेश के व्यवहार में आ रहे बदलाव पर रोशनी डालती है, क्योंकि वे बचत के पारम्परिक तरीकों जैसे फिक्स्ड डिपोज़िट और कॉर्पोरेट बॉन्ड्स से हटकर सोच-समझ कर नए तरीकों में निवेश कर रहे हैं.

नियमों में बदलाव जैसे न्यूनतम प्रतिबद्धता को रु 10 लाख से कम कर रु 10,000 पर लाने से इस इन रूझानों को गति मिली है. यह क्रिसाइल द्वारा लगाए गए अनुमानों के अनुरूप है, जिसके अनुसार भारत का कॉर्पोरेट बॉन्ड मार्केट 2030 तक दोगुना होकर रु 100-120 लाख करोड़ तक पहुंच जाएगा. इसी के मद्देनज़र Grip Invest की रिपोर्ट निवेश के बदलते रूझानों को दर्शाती है.

Grip Invest पर मिलेनियल्स सभी कॉर्पोरेट बॉन्ड निवेशकों का 63 फीसदी हिस्सा हैं. 2023 से 2024 के बीच औसत निवेश 1.8 गुना बढ़ा है. इसके साथ कॉर्पोरेट बॉन्ड निवेश में 200 फीसदी की बढ़ोतरी के चलते Grip Invest इस कैटेगरी में रु 450 करोड़ तक पहुंच गया है. 2024 में निवेश को दोहराने वाले निवेशकों की संख्या चौगुना हो गई है. यह इस बात का संकेत है कि निवेशक कॉर्पोरेट बॉण्ड्स में रूचि ले रहे हैं.

मिलेनियल्स में, कॉर्पोरेट बॉण्ड निवेश में महिलाओं की भागीदारी 2023 से 2024 के बीच 52 फीसदी बढ़ गई है. ये आंकड़े कॉर्पोरेट बॉन्ड्स की तरफ महिला निवेशकों के बढ़ते झुकाव को दर्शाते हैं, जो आमतौर पर विविध, संतुलित और जोखिम प्रबन्धित पोर्टफोलियो बनाती हैं. यह हैरानी की बात नहीं है, क्योंकि 2024 में पहली से दूसरी तिमाही के बीच अपने पहले निवेश के रूप में कॉर्पोरेट बॉन्ड को चुनने वाली महिला निवेशकों की संख्या में 54 फीसदी बढ़ोतरी हुई हैं.

कॉर्पोरेट बॉन्ड्स विभिन्न सामाजिक आर्थिक वर्ग के निवेशकों को लुभा रहे हैं. गौरतलब है कि अब ये निवेशक सिर्फ महानगरों तक ही सीमित नहीं हैं. 3000 से अधिक पिनकोड्स से कॉर्पोरेट बॉन्ड में निवेश किया गया है, और टॉप 10 शहरों ने कुल निवेश में मात्र 43 फीसदी योगदान दिया है. इसका श्रेय कॉर्पोरेट बॉन्ड पर आकर्षक रिटर्न-टेन्योर-रेटिंग के संयोजन को दिया जा सकता है. Grip Invest के 71 फीसदी कॉर्पोरेट बॉन्ड्स को ‘ए’ या अधिक रेटिंग मिली है, आमतौर पर इन्होंने 18 महीनों की अवधि पर 12 फीसदी रिटर्न दिया है.

रिपोर्ट के परिणामों पर बात करते हुए Grip Invest के फाउंडर और ग्रुप सीईओ निखिल अग्रवाल ने कहा, “हमारी नई रिपोर्ट ‘ग्रिपिंग द बूम-मिलेनियल मोमेंटम इन बॉन्ड इन्वेस्टिंग’ फाइनेंशियल संतुलन को दर्शाती है, जहां कॉर्पोरेट बॉन्ड अब सिर्फ बड़े संस्थानों तक ही सीमित नहीं रहे, बल्कि आम निवेशकों के लिए भी व्यवहारिक और आकर्षक विकल्प बन गए हैं. कॉर्पोरेट बॉण्ड की बढ़ती सुलभता के चलते मिलेनियल्स का झुकाव इनकी तरफ़ बढ़ रहा है, साथ ही डिजिटल-फर्स्ट अनुभव की बढ़ती मांग के साथ कॉर्पोरेट बॉन्ड आज निवेश का प्रमुख विकल्प बन गए हैं. इसके अलावा विनियामक बदलावों ने भी जाखिम और रिटर्न के बीच तालमेल बनाया है, ऐसे में हम अपने यूज़र्स के लिए इस निवेश को सुलभ बनाने में सहयोग दे रहे हैं.”

Grip Invest अपने यूज़र्स को अच्छा रिटर्न देने के लिए नए इनोवेशन लाता रहा है. यह आरएफक्यू-एनएसई को सक्षम बनाने वाला; डेब्ट मार्केट के लिए आफ्टर मार्केट फीचर लॉन्च करने वाला; बास्केट के ज़रिए थीम आधारित निवेश के विकल्प लाने वाला पहला ओबीपीपी था. Grip Invest ने भारत के पहले प्राइवेट इन्वेस्टमेन्ट ग्रेड बॉन्ड को रु 10000 की फेस वैल्यू के साथ लॉन्च किया, जो अपनी कैटेगरी में नए बेंचमार्क स्थापित करते हुए 36 घण्टे की रिकॉर्ड अविध के अंदर बिक गया.

(feature image: YourStory Archive)

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