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नौ महीने बाद धरती पर लौटीं सुनीता विलियम्स, सफल मिशन के बाद सुरक्षित वापसी

सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर ने 6 जून 2024 को बोइंग के स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट से अंतरिक्ष की यात्रा शुरू की थी. यह मिशन 8 दिनों के लिए तय किया गया था, लेकिन तकनीकी समस्याओं और सुरक्षा परीक्षणों के चलते इसे 9 महीने तक बढ़ाना पड़ा.

भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स (Sunita Williams) और उनके सहयोगी बुच विल्मोर (Butch Wilmore) अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर 9 महीने बिताने के बाद सफलतापूर्वक पृथ्वी पर लौट आए. उन्होंने नासा (NASA) और बोइंग के स्टारलाइनर मिशन के तहत यह ऐतिहासिक उड़ान भरी थी. उनकी वापसी 19 मार्च 2025 को फ्लोरिडा के तट के पास हुई.

सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर ने 6 जून 2024 को बोइंग के स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट से अंतरिक्ष की यात्रा शुरू की थी. यह मिशन 8 दिनों के लिए तय किया गया था, लेकिन तकनीकी समस्याओं और सुरक्षा परीक्षणों के चलते इसे 9 महीने तक बढ़ाना पड़ा. इस दौरान उन्होंने अंतरिक्ष स्टेशन पर विभिन्न प्रयोगों और तकनीकी परीक्षणों में योगदान दिया.

नासा के अनुसार, ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट (SpaceX’s Dragon Freedom capsule) ने भारतीय समयानुसार सुबह 3:27 बजे फ्लोरिडा तट के पास समुद्र में लैंडिंग की. हालांकि, वायुमंडल में प्रवेश के दौरान 7 मिनट तक संपर्क टूट गया था, लेकिन अंततः सभी यात्री सुरक्षित रहे. रिकवरी टीम ने अंतरिक्ष यात्रियों को बाहर निकालकर चिकित्सा जांच के लिए भेजा.

सुनीता विलियम्स के लिए यह तीसरा अंतरिक्ष मिशन था. उन्होंने पहले भी अंतरिक्ष में कई रिकॉर्ड बनाए हैं, जिसमें महिलाओं द्वारा सबसे ज्यादा अंतरिक्ष में रहने का समय और स्पेसवॉक शामिल हैं. इस मिशन में उनकी भूमिका स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट के प्रदर्शन का आकलन करना था, जो भविष्य में नासा के नियमित अंतरिक्ष मिशनों के लिए एक नया विकल्प बन सकता है.

सुनीता विलियम्स और उनकी टीम को ह्यूस्टन, टेक्सास में नासा के जॉनसन स्पेस सेंटर में ले जाया गया, जहां वे स्वास्थ्य परीक्षण और रिकवरी प्रक्रिया से गुजरेंगी. उनकी सुरक्षित वापसी पर उनके परिवार, नासा वैज्ञानिकों और भारतीय समुदाय में खुशी की लहर दौड़ गई है.

सुनीता विलियम्स की यह उपलब्धि न केवल अंतरिक्ष विज्ञान के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि भारत और अमेरिका के वैज्ञानिक सहयोग को भी और मजबूत करती है.