राजस्थान बजट 2025-26: महिलाओं, छात्रों, युवाओं और महिला उद्यमियों की बजट से उम्मीदें
राज्य के वित्त विभाग ने 30 जनवरी से 3 फरवरी, 2025 तक राजधानी जयपुर में, जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल के दौरान एक खास पहल का आयोजन किया. इस पहल के तहत आम नागरिकों को आगामी बजट के लिए अपने सुझाव साझा करने का मौका दिया गया और आगंतुकों ने इसमें बढ़-चढ़कर हिस्सा भी लिया तथा सरकार की इस अनुठी पहल की सराहना की.
‘विकसित राजस्थान’ थीम पर फोकस करते हुए राज्य सरकार अपना आगामी बजट पेश करने जा रही है. इसके लिए राज्य के वित्त विभाग ने 30 जनवरी से 3 फरवरी, 2025 तक राजधानी जयपुर में, जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल के दौरान एक खास पहल का आयोजन किया. इस पहल के तहत आम नागरिकों को आगामी बजट के लिए अपने सुझाव साझा करने का मौका दिया गया और आगंतुकों ने इसमें बढ़-चढ़कर हिस्सा भी लिया तथा सरकार की इस अनुठी पहल की खूब सराहना भी की.
राजस्थान सरकार के आगामी बजट से प्रदेश की महिलाओं, छात्रों, युवाओं और महिला उद्यमियों को कई महत्वपूर्ण उम्मीदें हैं. इन वर्गों की आकांक्षाएं और आवश्यकताएं बजट में विशेष ध्यान की मांग करती हैं.
महिलाओं की अपेक्षाएं
महिलाएं बजट में उनके सशक्तिकरण और आर्थिक स्वतंत्रता को बढ़ावा देने वाली योजनाओं की उम्मीद कर रही हैं. हालांकि, पिछले बजट में 'लखपति दीदी' योजना के तहत 20 लाख महिलाओं को 1 लाख रुपये तक के ऋण 1.5% ब्याज दर पर देने की घोषणा की गई थी, लेकिन महिला उद्यमियों का मानना है कि उनके लिए विशेष रूप से कारोबार पर सब्सिडी या लोन देने की और अधिक घोषणाएं होनी चाहिए थीं.
YourStory से बात करते हुए, इतिहास और पर्यटन विषयों की प्रोफेसर डॉ. उषा अग्रवाल बताती हैं, “राज्य सरकार के वित्त विभाग ने की ये ऐतिहासिक पहल बेहद सराहनीय है. राज्य के आम नागरिकों बजट 2025-26 के लिए अपने सुझाव और प्रतिक्रिया साझा करने के लिए आमंत्रित अच्छी बात है. आम लोगों की राय को मद्देनजर रखते हुए बजट तैयार किया जाना वाकई सराहनीय कदम है. इतिहास और पर्यटन विषयों की प्रोफेसर होने के नाते मैं धरोहर के बारे में बात करुंगी. राज्य सरकार ने धरोहर के रखरखाव के लिए काफी काम किया है. और इसे आगे भी इसी तरह जारी रखा जाना चाहिए.”
आनंदा, पेशेवर CA, बजट 2025-26 के लिए अपने सुझाव बताते हुए कहतीं हैं, “आतिथ्य के क्षेत्र में महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा दिया जाना चाहिए. इस क्षेत्र में स्थानीय महिलाओं को रोल मॉडल की भूमिका अदा करनी चाहिए.”
डॉ. अंशु भारद्वाज, प्रोफेसर, बजट को लेकर अपने सुझाव रखते हुए बताती हैं, “अक्सर देखा गया है कि नीतियां बनाते समय जनता से प्रत्यक्ष तौर पर नहीं पूछा जाता है, लेकिन राजस्थान सरकार वित्त विभाग ने ये कदम उठाया है. ये क़ाबिल-ए-ता'रीफ़ है. इससे सरकार और आम नागरिक - दोनों के लिए मददगार साबित होगा. पर्यटन के क्षेत्र में सरकार का काम काफी सराहनीय है. ये प्रयास यूंही जारी रहने चाहिए.”

सुचिता माहेश्वरी, क्रिएटिव राइटर, Pocket FM, कहतीं हैं, “ग्रामीण क्षेत्रों में शिल्पकारी का कारोबार काफी बढ़ रहा है. यहां काफी अच्छा टैलेंट है. इन क्षेत्रोंं में कारोबारियों को फंडिंग सपोर्ट देने के लिए सरकार द्वारा भी ‘शार्क टैंक’ की तर्ज पर कार्यक्रम आयोजित किया जा सकता है, ताकि उनकी आमदनी में इजाफा हो सकें.”
पूनम गिदवानी, शिक्षा विभाग, राजस्थान सरकार, अपने सुझाव व्यक्त करते हुए बतातीं हैं, “सेल्फ डिफेंस ट्रैनिंग्स को शिक्षा के साथ जोड़ा जाना चाहिए. ट्रैनिंग्स और सेशन आयोजित किए तो जाते हैं पर इन्हें नियमित किया जाना चाहिए. ये हर किताब और हर सिलेबस का हिस्सा होने चाहिए. इसके लिए बजट का भी आवंटन होना चाहिए.”
राखी खेमका, डॉक्टर, बतातीं हैं, “बेहतर स्वास्थ्य हर एक नागरिक का मौलिक अधिकार है. ऐसे में सरकार को हेल्थकेयर में सुधार के लिए अधिक से अधिक प्रयास करने चाहिए, फिर चाहे नीतियां, योजनाएं बनाना और उन्हें लागू करना हो, या इसके लिए फंड्स में इजाफा करना हो. अच्छी स्वास्थ्य सेवाओं के लिए अधिक बजट की आवश्यकता होती है. हर एक नागरिक को उसके स्वास्थ्य के लिए बेहतर सेवा और सुविधा मिल सके, राज्य सरकार को इसके लिए लगातार बेहतर प्रयास करते रहना चाहिए. सरकार को हेल्थकेयर सर्विसेज के लिए बेहतर इन्फ्रास्ट्रक्चर पर फोकस करना चाहिए.”
डॉ. कोमल जैन, टैक्स अधिकारी, बतातीं हैं, “सरकारी कार्यालयों में महिलाओं के लिए हाइजीन और सेनेटरी पैड्स की व्यवस्था हो सके, इस पर ध्यान दिया जाना चाहिए. सरकारी कर्मचारी, जोकि लेखक है, तो उन्हें कोई ग्रांट दिया जाना चाहिए. दिव्यांगों के लिए ड्राइवर भत्ता दिया जाना चाहिए, और इसकी प्रक्रिया भी आसान और सुलभ होनी चाहिए.”
अंजलि गुप्ता, लेक्चरर, बतातीं हैं, “नवीकरणीय स्रोत जैसे कि सौर ऊर्जा के क्षेत्र में अधिक बजट का आवंटन किया जाना चाहिए. राज्य के कई इलाकों में पानी की समस्या है, इस तरफ ध्यान दिया जाना चाहिए. कार्यालयों, स्कूलों और विश्वविद्यालयों को सोलर पैनल मुहैया कराए जाने चाहिए. स्टार्टअप्स और बिजनेसेज को फंडिंग और वेंचर कैपिटल मिल सके, राज्य सरकार द्वारा इस दिशा में उचित कदम उठाए जाने चाहिए.”
डॉ. आन्या वोरा, डॉक्टर, बतातीं हैं, “मेरा सुझाव है कि सरकार को टैक्स और ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस की प्रक्रिया को आसान बनाना चाहिए. इसके लिए डॉक्यूमेंटेशन के झमेलों को कम करना चाहिए. सरकार को स्टार्टअप्स और ऑन्त्रप्रेन्योर्स का समर्थन करने के लिए नीतियां बनानी चाहिए और उन्हें समय पर लागू करना चाहिए. नीतियों और योजनाओंं के बारे में नागरिकों को जागरुक किया जाना चाहिए. विदेशी मरीजों को यहांं इलाज मिल सके, इसके लिए कुछ प्रोटोकॉल के साथ वीज़ा फ्री प्रक्रिया की जानी चाहिए.”
छात्रों और युवाओं की अपेक्षाएं
छात्र समुदाय बजट में शिक्षा के क्षेत्र में निवेश, छात्रवृत्तियों और तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देने की उम्मीद करता है. पिछले बजट में विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास, बालिका शिक्षा और तकनीकी शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया गया था. युवा वर्ग रोजगार के नए अवसरों, स्टार्टअप्स को समर्थन और कौशल विकास कार्यक्रमों की आशा कर रहा है. पिछले बजट में 'राजस्थान रोजगार नीति-2025' के तहत 500 करोड़ रुपये के विवेकानंद रोजगार सहायता कोष की स्थापना, सरकारी विभागों में 1.25 लाख पदों पर भर्तियां, और निजी क्षेत्र में 1.5 लाख युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने की घोषणा की गई थी. इसके अलावा, 'विश्वकर्मा युवा उद्यमी प्रोत्साहन योजना' के माध्यम से 2 करोड़ रुपये तक के ऋण पर 8 प्रतिशत ब्याज सब्सिडी और 5 लाख रुपये तक की मार्जिन मनी प्रदान करने का प्रावधान किया गया था.
डॉली साहू, छात्रा, राज्य बजट 2025-26 के लिए अपने सुझाव बताते हुए कहतीं हैं, “सरकार न सिर्फ शहरों बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी तमाम सरकारी योजनाओं और नीतियों के बारे में नागरिकों को जागरुक कर रही है, ताकि उन्हें इनका पर्याप्त लाभ मिल सके. स्कूलों और सेल्फ हेल्प सेंटर में छात्र-छात्राओं, महिलाओं और महिला उद्यमियों को इन योजनाओं के बारे में बताया जाता है और उन्हें वित्तीय सहायता भी मुहैया कराई जाती है.”
पूजा स्वामी, छात्रा, अपने सुझाव बताते हुए कहतीं हैं, “राज्य सरकार अपने गृह राज्य में कारोबार करने के लिए युवाओं को प्रोत्साहित करने के तमाम प्रयास कर रही है. डिजिटलाइजेशन के दौर में संपूर्ण जानकारी ऑनलाइन उपब्लध है, जिससे कारोबार में आसानी हुई है. सरकार शिक्षा के क्षेत्र में भी लगातार डिजिटलाइजेशन कर रही है. इसके लिए बजट में अधिक फंड्स आंवटिंत किए जा रहे हैं. मुझे उम्मीद है कि सरकार युवाओं के लिए इस बजट में भर्तियों की संख्या और बढाएगी ताकि राज्य का हर युवा नौकरीपेशा हो.”
सक्षम शर्मा, छात्र, बताते हैं, “एक खास तरह का फंड बनाया जाना चाहिए, जो छोटे स्टार्टअप्स और हैंडिक्राफ्ट्स बनाने वाले ब्रांड्स का समर्थन करे. ई-कॉमर्स और क्विक कॉमर्स जैसे सेक्टर में ब्लिंकिट और जेप्टो जेसे स्टार्टअप्स राजस्थान में भी शुरु किए जा सकते हैं.”
मुश्कान वेदी, छात्रा, अपने सुझाव व्यक्त करते हुए बतातीं हैं, “स्कूलों, युनिवर्सिटीज और जॉब्स में छात्रों और महिलाओं के लिए सीट्स रिजर्व की जानी चाहिए. उन्हें भी पुरुषों के समान अवसर मिलने चाहिए. बजट में इसके लिए खास प्रावधान किया जाना चाहिए. ताकि महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा मिल सके और महिलाएं असल मायनों में स्वतंत्र महसूस कर सकें.”
दिव्यांशी शर्मा, छात्रा, बताती हैं, “जैसा कि स्वच्छता के मामले में इंदौर सबसे आगे है, हमें भी इसी तर्ज पर काम करना चाहिए, ताकि राजस्थान को आगे लाया जा सके. पर्यावरण प्रदुषण को रोकने की दिशा में कड़े कदम उठाए जाने चाहिए. लोगों को इसके प्रति और जागरुक करना चाहिए. एनवायरमेंटल कंसल्टेंट और एनवायरमेंटल इंजीनियर जैसी नौकरियों को बढ़ावा दिया जाना चाहिए. ताकि युवाओं को रोजगार भी मिल सके और पर्यावरण प्रदुषण को भी रोका जा सके. इससे विकसित राजस्थान, स्वच्छ राजस्थान का सपना पूरा हो सकेगा.”
अमृत आर्यन मिश्रा, छात्र, बताते हैं, “आगामी बजट सस्टेनेबिलिटी पर केंद्रित होना चाहिए. नीतियां और योजनाएं बनाने के साथ-साथ उन्हें समय पर लागू किया जाना भी बेहद जरूरी है.”
प्रतीका जॉय, छात्रा, बताती हैं, “राज्य सरकार को शिक्षा के क्षेत्र में और अधिक सुधार करना चाहिए. शिक्षा के जरिए ही अर्थव्यवस्था में बड़े स्तर पर सुधार लाया जा सकता है. वोकेशनल ट्रैनिंग्स, डिजिटलाइजेशन, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) आदि को बढ़ावा देने के लिए अधिक से अधिक बजट का आवंटन किया जाना चाहिए.”
गीतिका, छात्रा, बताती हैं, “मैं चाहती हूं कि राज्य सरकार स्किल डेवलपमेंट के लिए अधिक बजट का आवंटन करे. ग्रामीण क्षेत्रोंं की महिलाओं को रोजगार देने कि दिशा में काम किया जाना चाहिए. कॉलेज फ्रेशर्स और ग्रेजुएट्स को इंटर्नशिप के अवसर मुहैया कराने पर जोर दिया जाना चाहिए. AI और सस्टेनेबल डेवलपमेंट्स को बढ़ावा मिले, सरकार को इस पर जरूर फोकस करना चाहिए.”

महिला उद्यमियों की अपेक्षाएं
महिला उद्यमी बजट में उनके व्यवसायों को बढ़ावा देने के लिए विशेष योजनाओं और वित्तीय सहायता की उम्मीद कर रही हैं. हालांकि, पिछले बजट में 'ड्रोन दीदी' और 'लखपति दीदी' जैसे कार्यक्रमों की घोषणा की गई थी, लेकिन महिला उद्यमियों का मानना है कि उनके लिए विशेष रूप से कारोबार पर सब्सिडी या लोन देने की और अधिक घोषणाएं होनी चाहिए थीं.
YourStory की फाउंडर और सीईओ श्रद्धा शर्मा से बात करते हुए, Texaura की को-फाउंडर शुभांगी तेरापंथी ने कहा, “राजस्थान लगातार विकास पथ पर अग्रसर है जोकि अच्छी बात है. मुझे उम्मीद है कि आने वाले वर्षों में ये विकास की ये गति बनी रहेगी. एक महिला होने के नाते मैं चाहुंगी कि सरकार महिला उद्यमियों के लिए और नीतियां बनाएं. शहरी क्षेत्रों की महिला उद्यमियों के लिए ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस पर फोकस करते हुए इसे और आसान बनाएं.”
वहीं, इसी कड़ी में, Studiobluora की को-फाउंडर सारा गोस्वामी ने कहा, “पिछले बजट में सरकार ने महिला उद्यमियों के लिए कई सराहनीय नीतियां बनाईं और सफलतापूर्वक उन्हें लागू भी किया. मैं चाहती हूं कि सरकार बिजनेस लोन को आसान बनाएं और ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस की प्रकियाओं पर अधिक फोकस करते हुए इसे सुलभ बनाएं. इसके लिए युवाओं की भर्ती करें और इस तरह की सरकारी योजनाओं के बारे में विभिन्न अभियानों के जरिए जागरुकता फैलाएं.”
W-Sports, Edu WEARE1 की को-फाउंडर निधि सुमन ने कहा, “हमारे स्टार्टअप को सरकार से वित्तीय सहायता के रूप में ग्रांट मिला है. हाल ही में हमने राइजिंग राजस्थान इवेंट में भी हिस्सा लिया, जिससे हमें बिजनेस मिला है. राज्य सरकार द्वारा बनाए गए इन्क्यूबेशन सेंटर से हमें लाभ मिला है. i-Start के जरिए हमें बिजनेस ग्रो करने, नेटवर्किंग बनाने, फंडिंग हासिल करने और मेंटरशिप में मदद मिली है.”
Deecipher Life की फाउंडर दीपिका सोनी बतातीं हैं, “जिस तरह से राज्य सरकार राज्य में बिजनेसेज को बढ़ावा देने के लिए कड़े प्रयास कर रही है, मैं अपने बिजनेस को यहीं से ग्रो करना चाहूंगी. हमें सरकार से हर संभव मदद मिल रही है, जिसकी हमें उम्मीद थी.”
Gudlust की फाउंडर ऐश्वर्या सिंह बतातीं हैं, “आगामी बजट को लेकर, मुझे उम्मीद है कि सरकार IT के साथ-साथ R&D और प्रोडक्ट मैन्युफैक्चरिंग जैसे सेक्टर पर भी फोकस करेगी. ऑर्गेनिक प्रोडक्ट्स तैयार करने के लिए भी अधिक बजट की आवश्यकता होती है. सरकार द्वारा टैक्स में भी छूट दी जानी चाहिए. टैक्स फाइल करने की प्रक्रिया को और आसान बनाया जाना चाहिए. ब्रांड्स को लीगल (कानूनी) सपोर्ट भी मिल सके, इसके लिए सरकार को कदम उठाने चाहिए.”
रक्चिबा वढेरी, सीईओ, Forex राज्य बजट 2025-26 के लिए अपने सुझाव बताते हुए कहतीं हैं, “मेरा मानना है कि सरकार को अनुभवी महिलाओं और महिला उद्यमियों को मौका देना चाहिए, ताकि दूसरे लोग उनसे चीजें सीख सकें, ताकि सामाजिक विकास हो सके. हैंडिक्राफ्ट्स, फ्री फूड सर्विसेज, हेल्थ सर्विसेज और एजुकेशन को बढ़ावा देने के लिए सरकार को और प्रयास करने चाहिए. महिला उद्यमियों को टैक्स में छूट दी जानी चाहिए.
इन वर्गों की अपेक्षाएं दर्शाती हैं कि राजस्थान सरकार के आगामी बजट में समावेशी विकास और सभी के लिए अवसरों की समानता पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है.