राजस्थान सरकार लाई नई MSME पॉलिसी, 1 लाख लोगों के लिए निकलेंगे रोजगार अवसर
राज्य की पहली हस्तशिल्प नीति और राजस्थान MSME नीति-2022 के जारी होने से न केवल प्रदेश में औद्योगिक वृद्धि होगी, बल्कि शिल्पकार, दस्तकार और कारीगरों के लिए रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे.
राजस्थान सरकार (Rajasthan Government) ने उद्योगों व निवेशकों के अनुकूल कारोबारी माहौल प्रदान करने के उद्देश्य से शनिवार को राज्य की सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (MSME) नीति-2022 और हस्तशिल्प नीति (Handicraft Policy) जारी की है. MSME नीति के तहत कुल 10000 करोड़ रुपये के निवेश से 20000 नई MSME इकाइयां स्थापित करने और एक लाख लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा करने का लक्ष्य है. MSME नीति को राजस्थान की उद्योग मंत्री शकुंतला रावत ने लॉन्च किया.
राज्य के सकल घरेलू उत्पाद (GSDP) के साथ-साथ निर्यात में MSME के योगदान को बढ़ाने के लिए राज्य सरकार, MSME नीति-2022 लेकर आई है. आधिकारिक बयान के अनुसार, पॉलिसी में प्रस्ताव किया गया है कि MSME यूनिट्स की स्थापना व प्रमोशन के लिए मंजूरियों और इन्स्पेक्शंस में 5 वर्ष का रिलैक्सेशन दिया जाएगा. 2019 की पॉलिसी में रिलैक्सेशन पीरियड 3 वर्ष का था. मंत्री रावत ने कहा कि राज्य की पहली हस्तशिल्प नीति और राजस्थान MSME नीति-2022 के जारी होने से न केवल प्रदेश में औद्योगिक वृद्धि होगी, बल्कि शिल्पकार, दस्तकार और कारीगरों के लिए रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे. दोनों नीति, राज्य के सर्वांगीण विकास में मील का पत्थर साबित होंगी.
13 उद्यमियों को उद्योग रत्न पुरस्कार
राजस्थान MSME नीति-2022 की लॉन्चिंग के मौके पर 29 निर्यातकों को निर्यात प्रोत्साहन पुरस्कार और विभिन्न श्रेणियों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने के लिए 13 उद्यमियों को उद्योग रत्न पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया. न्यूज एजेंसी PTI भाषा के मुताबिक, एक आधिकारिक बयान के अनुसार रावत कहा कि राज्य के सकल घरेलू उत्पाद ;जीएसडीपीद्ध के साथ ही निर्यात में MSME के योगदान को बढ़ाने के लिए राजस्थान एमएसएमई नीति-2022 जारी की गई है. इस नीति में 10 हजार करोड़ के संचयी निवेश और एक लाख व्यक्तियों के लिए रोजगार सृजन के साथ 20000 नई MSME इकाइयां स्थापित करने की परिकल्पना की गई है.
इस नीति के माध्यम से प्रदेश में MSME इकाइयों के लिए अनुकूल नियामक वातावरण तैयार करने के साथ ही उन्हें अधिक वित्तीय और तकनीकी सहायता प्रदान की जाएगी. इस नीति में शून्य दोष, शून्य प्रभाव (ZED) प्रमाणन प्राप्त करने के लिए नौ हजार MSME उद्यमों को सुविधाएं मुहैया करवाना प्रस्तावित है.
राजस्थान में 4 वर्ष में MSME सेक्टर में कितने रोजगार
गौरतलब है कि राजस्थान सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम-2019 अधिनियम का प्रमुख उद्देश्य राजस्थान की अर्थव्यवस्था में MSME का योगदान बढ़ाना था. राज्य सरकार के मुताबिक, इस क्षेत्र से प्रदेश में विगत चार वर्ष में 37 लाख 33 हजार 628 लोगों को रोजगार मिला है और GDP में इसका योगदान 24.50 प्रतिशत आंका गया है. सरकार के मुताबिक वित्तीय वर्ष 2021-22 में MSME उद्योगों का कुल निर्यात 72 हजार करोड़ रुपये का रहा है.
Edited by Ritika Singh