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RBI का दावा,अगले वर्ष 6 फीसदी से कम होगी महंगाई दर

RBI का दावा,अगले वर्ष 6 फीसदी से कम होगी महंगाई दर

Thursday October 20, 2022 , 3 min Read

रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (Monetary Policy Committee) की सदस्य आशिमा गोयल ने बुधवार को कहा कि बार-बार ब्याज दरों में बढ़ोतरी से महंगाई पर काबू पाने के रिजर्व बैंक के प्रयासों से महंगाई दर पर काबू पाने में मदद मिलेगी,अगले वर्ष इन्फ्लेशन दर 6 फीसदी से नीचे आने की संभावना है.


गोयल ने आगे कहा कि नीतिगत दरों में बढ़ोतरी ने बड़े पैमाने पर महामारी के समय में की गई कटौती को पलट दिया है, लेकिन वास्तविक दर अब भी इतनी कम है कि अर्थव्यवस्था में विकास को नुकसान नहीं पहुंचे.


गोयल ने कहा कि वैश्विक स्तर पर बने मंदी जैसे हालात के कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में कमोडिटी के मूल्य में नरमी आई है. साथ ही आपूर्ति श्रृंखला से जुड़ी परेशानियां भी कम हो रही हैं. इसके अलावा केंद्र सरकार भी आपूर्तिजनित महंगाई को कम करने के लिए कदम उठा रही है. RBI का लक्ष्य महंगाई दर को 2-6 प्रतिशत के दायरे में रखना है. सितंबर में खुदरा महंगाई दर 7.41 प्रतिशत रही है जो बीते पांच महीने का उच्च स्तर है.


बता दें कि बढ़ती इन्फ्लेशन को नियंत्रित करने के लिए आरबीआई ने 30 सितंबर को रेपो दर को 5.9 प्रतिशत तक ले जाने के लिए लगातार तीसरी बार अल्पकालिक ऋण दर में 50 बीपीएस की वृद्धि की है. मई के बाद से इसने प्रमुख ब्याज दरों को 190 आधार अंकों तक बढ़ा दिया है.


मौद्रिक नीति समिति (Monetary Policy Committee), भारत सरकार द्वारा गठित एक समिति है जिसका गठन ब्याज दर निर्धारण को अधिक उपयोगी एवं पारदर्शी बनाने के लिये 27 जून, 2016 को किया गया था. भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम में संशोधन करते हुए भारत में नीति निर्माण को एक नवगठित मौद्रिक नीति समिति (MPC) को सौंप दिया गया है.


MPC में 6 सदस्यों का एक पैनल है जिसमें तीन सदस्य आरबीआई से होते हैं और तीन अन्य स्वतंत्र सदस्य भारत सरकार द्वारा चुने जाते हैं. वर्तमान में PMEAC मेंबर अशीमा गोयल, नेशनल काउंसिल फॉर अप्लाईड इकोनॉमिक रिसर्च के सीनियर एडवाइजर शशांक भिड़े और IIM अहमदाबाद के प्रोफेसर जयंत आर वर्मा सरकार द्वारा चुने गए सदस्य हैं. इसके अलावा पैनल में आरबीआई की ओर से शक्तिकांत दास (RBI गवर्नर), डॉ. माइकल देवव्रत पात्रा (डिप्टी RBI गवर्नर) और डॉ. मृदुल सागर शामिल हैं.


RBI अधिनियम के अनुसार, बाहरी सदस्य 4 साल की अवधि के लिए कार्यालय रख सकते हैं और फिर से नियुक्ति के लिए पात्र नहीं हैं. MPC के अन्य पदेन सदस्य रिजर्व बैंक गवर्नर, उप-गवर्नर (मौद्रिक नीति के प्रभारी) और RBI के एक केंद्रीय अधिकारी होते हैं.