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इलेक्ट्रिक कार के लिए लोन लिया है, तो यूं पा सकते हैं 1.5 लाख तक का टैक्स बेनिफिट

इलेक्ट्रिक कार महंगे फ्यूल का खर्च तो कम करती ही है, साथ ही इसके लिए लिए गए लोन पर, सैलरीड क्लास इंडीविजुअल टैक्स बेनिफिट भी पा सकता है.

इलेक्ट्रिक कार के लिए लोन लिया है, तो यूं पा सकते हैं 1.5 लाख तक का टैक्स बेनिफिट

Tuesday February 14, 2023 , 3 min Read

अपनी कार की तमन्ना किस की नहीं होती. लेकिन कार खरीदना आसान नहीं है. वजह- हाई प्राइसिंग. लेकिन इस मुश्किल को हद करने के लिए लोग व्हीकल लोन (Auto Loan/Vehicle Loan) की मदद लेते हैं. व्हीकल लोन केवल पेट्रोल-डीजल या CNG कारों के लिए ही नहीं, बल्कि इलेक्ट्रिक कार (Electric Car) के लिए भी मिल जाता है. इलेक्ट्रिक कार महंगे फ्यूल का खर्च तो कम करती ही है, साथ ही इसके लिए लिए गए लोन पर, सैलरीड क्लास इंडीविजुअल टैक्स बेनिफिट भी पा सकता है. इस बेनिफिट का प्रावधान आयकर कानून (Income Tax Act) के सेक्शन 80EEB के तहत है और वर्तमान में इसे अवेल करने के लिए डेडलाइन 31 मार्च 2023 है.

क्या हे पूरा प्रावधान

सेक्शन 80EEB के अंतर्गत इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) खरीदने के लिए लिए गए लोन पर चुकाए जाने वाले ब्याज पर सैलरीड क्लास करदाता 1.5 लाख रुपये तक का टैक्स डिडक्शन क्लेम कर सकता है. यह घोषणा बजट 2019 में की गई थी और उस वक्त प्रस्ताव था कि EV लोन के ब्याज पर इस नए टैक्स डिडक्शन का क्लेम 1 अप्रैल 2020 से किया जा सकता है.

न भूलें ये शर्तें

इस टैक्स बेनिफिट के साथ कुछ शर्तें भी हैं. पहली शर्त यह है कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की वेबसाइट पर मौजूद जानकारी के मुताबिक, सेक्शन 80EEB के तहत ​मिलने वाले डिडक्शन का फायदा 1 अप्रैल 2019 से लेकर 31 मार्च 2023 तक सैंक्शंड EV लोन पर लिया जा सकता है. दूसरी शर्त यह है कि डिडक्शन का फायदा केवल फर्स्ट EV लोन पर ही मिलेगा. साथ ही आपके पास कोई दूसरा ई-व्हीकल नहीं होना चाहिए.

केवल व्यक्तिगत करदाता उठा सकते हैं फायदा

सेक्शन 80EEB में मिलने वाले इस टैक्स डिडक्शन का फायदा केवल व्यक्तियों के लिए है, अन्य करदाताओं के लिए नहीं. व्यक्तिगत करदाता, इलेक्ट्रिक व्हीकल की खरीद निजी या कारोबारी इस्तेमाल के लिए कर सकता है. हिंदू अनडिवाइडेड फैमिली (HUF), AOP (एसोसिएशन ऑफ पर्सन्स), पार्टनरशिप फर्म, कंपनी या कोई दूसरा करदाता, सेक्शन 80EEB के तहत मिल रहे इस डिडक्शन का फायदा नहीं ले सकता.

नई कर व्यवस्था में नहीं मिलता यह डिडक्शन

इस वक्त देश में दो तरह की इनकम टैक्स व्यवस्थाएं (Tax Regime) लागू हैं- पुरानी परंपरागत और नई व्यवस्था. अगर व्यक्ति या HUF, पुरानी परंपरागत आयकर व्यवस्था के साथ जाता है तो वह आयकर अधिनियम (Income Tax Act) के चैप्टर VIA के तहत उपलब्ध विभिन्न डिडक्शंस जैसे सेक्शन 80C, 80D, 80TTB, 80E, 80G, 80EEB आदि का फायदा ​लेकर अपनी टैक्स देनदारी को घटा सकता है. लेकिन आयकर अधिनियम के सेक्शन 115 BAC के तहत नई आयकर व्यवस्था में केवल सेक्शन 80CCD (2) के डिडक्शन का ही फायदा मिलता है. यानी नई आयकर व्यवस्था में ईवी लोन पर टैक्स डिडक्शन का फायदा नहीं मिलेगा. अगर आपने पुरानी आयकर व्यवस्था चुनी है तो वित्त वर्ष 2022-23 के लिए टैक्‍स सेविंग इन्वेस्‍टमेंट (Tax Saving Investment) पूरा कर लेने की आखिरी तारीख 31 मार्च 2023 है.