Brands
Discover
Events
Newsletter
More

Follow Us

twitterfacebookinstagramyoutube
ADVERTISEMENT
Advertise with us

इस 22 साल के 'ड्रोन साइंटिस्ट' ने बनाए 600 से अधिक ड्रोन, सीमा और आपातकाल में आ रहे हैं काम

इस 22 साल के 'ड्रोन साइंटिस्ट' ने बनाए 600 से अधिक ड्रोन, सीमा और आपातकाल में आ रहे हैं काम

Wednesday January 01, 2020 , 3 min Read

प्रताप एनएम अब तक 600 से अधिक ड्रोन का निर्माण कर चुके हैं। ये सभी ड्रोन किसी खास मकसद जरूरत्ब को पूरा करते हुए अपने सेवाएँ दे रहे हैं। प्रकाश द्वारा विकसित किए गए ड्रोन सीमा और आपातकाल में खासे मददगार साबित हो रहे हैं।

PT

अपने ड्रोन के साथ प्रताप एनएम (चित्र साभार: एडेक्स लाइव)


नई खोजों ने कई समस्याओं का समाधान निकालने का काम किया है, फिर चाहे वो प्राकृतिक आपदा हो, सीमा सुरक्षा हो या किसानों की मदद ही क्यों न हो। ड्रोन तकनीक भी कुछ इसी तरह से पिछले कुछ सालों में महत्वपूर्व खोज के रूप में सामने आई है।


हाल ही में जब उत्तरी कर्नाटक में बाढ़ का प्रकोप देखा गया तो हजारों की तादाद में लोग उस बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हुए, ऐसे में 22 साल के प्रताप एनएम ने ड्रोन की मदद से जरूरतमंदों तक खाना और राहत सामग्री पहुंचाने का काम किया। मैसूर स्थित जेएसएस कॉलेज ऑफ आर्ट्स, साइंस एंड कॉमर्स से बीएससी स्नातक प्रताप को ड्रोन साइंटिस्ट के रूप में भी जाना जाता है।


ड्रोन के प्रति प्रताप की दिलचस्पी तभी पैदा हो गई थी जब वे 14 साल के थे, जब वे 16 साल के हुए तब उन्होने पूरी तरह काम करने वाला एक ड्रोन विकसित भी कर लिया था। ये ड्रोन हालांकि उड़ते समय कुछ इमेज ले सकता था, लेकिन एक किशोर के लिए ये किसी उपलब्धि से कम नहीं था।


प्रताप को आसमान में उड़ते हुए बाज़ और देश के पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम से प्रेरणा मिलती है। प्रताप ने अगले कुछ सालों में करीब 600 से अधिक ड्रोन का निर्माण किया। ये ड्रोन बार्डर पर टेलीग्राफी, यातायात प्रबंधन, मानव की जान बचाने जैसे काम के लिए तैयार किए गए।प्रताप द्वारा तैयार किए गए ड्रोन आज अफ्रीका क्षेत्र में जनजातियों तक दवाएं पहुंचाकर उनकी जान बचा रहे हैं।


प्रताप को अभी तक 87 से अधिक देशों में उनके ड्रोन प्रदर्शित करने के लिए बुलाया जा चुका है। प्रताप को जर्मनी के हनोवर में हुए अंतर्राष्ट्रीय ड्रोन एक्स्पो 2018 में आइंस्टीन इनोवेशन गोल्ड मेडल से भी नवाजा गया था।


प्रताप ने हाल ही में ड्रोन के अनुप्रयोगों पर आईआईटी बॉम्बे में एक व्याख्यान भी दिया था। एडेक्स लाइव से अपनी प्रतिभा के बारे में बात करते हुए बात करते हुए प्रताप कहते हैं,

“मैंने बेहद कम पैसे और अधिक ई-कचरे की मदद से अपने ड्रोन का निर्माण किया। जब मैं प्रतियोगिता जीतता हूँ और मुझे इनामी राशि मिलती है, मैं उसे भविष्य के लिए सुरक्षित लेता हूँ।”

प्रताप के अनुसार वे मैसूर, विशाखपत्तनम और मुंबई की कई दुकानों से ई-कचरे को इकट्ठा करते हैं। इस ई-कचरे में मिक्सर-ग्राइंडर की मोटर जैसे उपकरण शामिल होते हैं, जिन्हे प्रताप अपने ड्रोन में इस्तेमाल करते हैं।