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कीट-निरोधक कपड़ों के साथ मच्छरों की समस्या को दूर कर रहा है यह स्टार्टअप

कीट-निरोधक कपड़ों के साथ मच्छरों की समस्या को दूर कर रहा है यह स्टार्टअप

Wednesday March 27, 2019 , 8 min Read

मयूर और श्रेष्ठ

नवजात शिशुओं को मच्छरों से बचाने के लिए माता-पिता कई तरीके अपनाते हैं, इनमें लोशन लगाने से लेकर मच्छरदानी तक कई सारे उपाय अपनाते हैं लेकिन ये उपाय ज्यादा कारगर साबित नहीं होते। खासकर जब बच्चों को बाहर लेकर जाओ तब। एक बार इसी तरह की समस्या का सामना कर रहे एक कपल ने सोचा कि इससे बचने का रास्ता क्या होना चाहिए। काफी सोच-विचार के बाद दोनों ने ऐसे कपड़े तैयार किए जिसके रेशों (फाइबर) में 100 प्रतिशत एक्टिव कीट-निरोधक घटक (ग्रेडिएंट) मौजूद थे। इंदौर की रहने वाली श्रेष्ठा और मयूर मालपानी ने 2017 में 'क्लॉथिंग इनोवेशन' की स्थापना की, और अब यह स्टार्टअप आर्मर तकनीक (Armour technolog) का फॉर्मूला पेश कर रहा है जिसका पेटेंट-पेंडिंग है। यह फार्मूला "मच्छरों, मक्खियों, टिक्स (ticks), चीगर्स (chiggers) और चींटियों जैसे कीड़ों से बचाने के लिए कपड़े तैयार करता है।


इस संस्थापक जोड़ी के अनुसार, इनके द्वारा ट्रीट किए गए कपड़े को 50 बार धोने तक उसमें मच्छरों से निपटने की क्षमता बनी रहती है। इन्हें उम्मीद है कि यह इनोवेशन ट्रेडिशनल रिपेलेंट्स या आधुनिक लोशन टाइप की चीजों का उपयोग करने की आवश्यकता को दूर करेगा। बूटस्ट्रैप्ड स्टार्टअप सभी प्रकार के कपड़ों रेशम (सिल्क) और मखमल (वाल्वेट) को छोड़कर) पर ट्रीटमेंट प्रोवाइड करता है और बच्चों और वयस्कों के लिए कीट-निरोधक, एंटी-माइक्रोबियल और एंटी-बैक्टीरियल कपड़ों और परिधानों की अपनी रेंज भी बेचता है।


मयूर और श्रेष्ठा को टेक्सटाइल-बेस्ड स्टार्टअप के लिए यह सही पृष्ठभूमि लगती है। मयूर के पास श्री वैष्णव इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग, इंदौर से टेक्सटाइल इंजीनियरिंग की डिग्री है और वर्जीनिया कॉमनवेल्थ यूनिवर्सिटी से प्रोडक्ट डिजाइनिंग और ग्लोबल मार्केटिंग में मास्टर डिग्री है। उन्होंने बेंगलुरु में एक मार्केट रिसर्च फर्म के साथ काम करना शुरू किया। लेकिन क्लोथिंग इनोवेशन शुरू करने से पहले वे इंदौर में एक निर्माण फर्म में चले गए। बैंकिंग सेक्टर में काम करने के साथ-साथ परिधान निर्माण (apparel manufacturing) सेक्टर में काम करने का अनुभव रखने के साथ ही श्रेष्ठा के पास SCMLD, पुणे से एमबीए की डिग्री भी है। दोनों ने इंदौर में अपनी विनिर्माण और उत्पादन इकाई स्थापित करने के लिए प्रत्येक में 25-25 लाख रुपये का निवेश किया।


आर्मर तकनीक (Armour technology) क्या है?

क्लोथिंग इनोवेशन की शुरुआत NSRCEL और IIM बेंगलुरू से हुई, जहां सह-संस्थापकों को साल भर (2018-19) मेंटरशिप और मार्गदर्शन मिला। संस्थापकों ने एक स्थायी फार्मूला विकसित करने के लिए लगभग डेढ़ वर्ष तक रिसर्च की, जिसे वे अब आर्मर कीट-निरोधक प्रौद्योगिकी (Armour Insect Repellent Technology) कहते हैं।


सह-संस्थापक मयूर मालपानी कहते हैं, “हम जिस एक्टिव इनग्रेडिएंट (active ingredient ) का उपयोग करते हैं वह कुछ प्राकृतिक फूलों में पाए जाने वाले कीट-निरोधक का एक सिंथेटिक रूप है। रेगुलर फैबरिक का ट्रीटमेंट करने और इसे एक कीट-निरोधक वैरिएंट में कनवर्ट करने के लिए हम एक नैनो टेक्नोलॉजी-बेस्ड इनकैप्सुलेटिंग प्रोसेस का इस्तेमाल करते हैं। हमारी प्रक्रिया विश्व स्वास्थ्य संगठन के मापदंडों के अनुसार सुरक्षा और सुरक्षा के मानकों का पालन करती है।” उनका कहना है कि उनकी तकनीक से घरों और व्यावसायिक स्थानों में इस्तेमाल होने वाले पर्दे, बिस्तर की चादर जैसे मैटेरियल का ट्रीटमेंट किया जा सकता है। वह कहते हैं, “हमारे बी2सी मॉडल में बच्चों और शिशुओं के लिए बेबी स्लीपिंग बैग, शर्ट, हूडि आदि जैसे उत्पादों की अपनी रेंज शामिल है। हम कपड़े को ट्रेंडिंग प्रिंट के साथ डिजाइन करते हैं, जिसे आर्मर तकनीक से बनाया जाता है। हम इसे अपने ब्रांड नाम आर्मर के तहत बेचते हैं।"


सह-संस्थापक, श्रेष्ठा का कहना है कि उनके प्रोड्क्ट्स नर्सिंग माताओं के लिए काफी आराम देते हैं। वे कहती हैं, "हमारे कपड़े यह आश्वासन दे सकते हैं कि उनके बच्चे कीड़े से सुरक्षित हैं। इससे उनके बच्चे शुरुआती महीनों में किसी भी केमिकल के संपर्क में नहीं आएंगे।" अब तक, क्लोथिंग इनोवेशन सोशल मीडिया मार्केटिंग और वर्ड ऑफ माउथ के माध्यम से ग्राहकों को सीधे अपनी रेंज बेच रहा है।


बी 2 बी मॉडल के लिए, स्टार्टअप मुख्य रूप से 170 से ज्यादा खुदरा काउंटरों के साथ काम करता है, व्यक्तिगत रूप से उनसे संपर्क करता है और अपने ब्रांड लेबल के तहत शर्ट, जैकेट और बिस्तर की चादरों में कीट-निरोधक लगाने के लिए उनके साथ भागीदारी करता है। इनमें से कुछ खुदरा काउंटरों में चेन्नई में चेन्नई सिल्क्स, लखनऊ में राघव मार्ट, और पांडिचेरी में राम सिल्क्स शामिल हैं। क्लोथिंग इनोवेशन में 70 सदस्यीय टीम शामिल है, जिसमें मार्केटिंग और एडमिन स्टाफ से लेकर लेबर तक शामिल हैं जो प्रोडक्शन यूनिट में काम करते हैं। स्टार्टअप ने चालू वित्त वर्ष में 1 करोड़ रुपये की बिक्री का आंकड़ा हासिल करने का दावा किया है। यह अब तक 6,800 बिस्तर की चादरों के साथ 50,000 शर्ट और बेबी परिधान बेच चुका है। वे हर साल 15 प्रतिशत की वृद्धि का दावा करते हैं।


वर्तमान में, क्लोथिंग इनोवेशन में प्रति माह 50,000 बच्चों के कपड़े बनाने की क्षमता है, और प्रति माह 100,000 मीटर कपड़े को कीट-निरोधक लायक (ट्रीट) बना सकते हैं।


छोटे शहर से संचालन

सह-संस्थापकों ने बड़े शहरों में मूव क्यों नहीं किया? क्योंकि उनका मानना है कि टीयर I शहरों में फायदे हैं, खासकर जब यह बाजार और मूल्य निर्धारण की बात हो तो। श्रेष्ठा कहती हैं, “मुझे लगता है कि टियर I शहरों में लोग अधिक भुगतान करने के लिए तैयार होंगे। उदाहरण के लिए, रेगुलर बेबी क्लोथिंग और आर्मर-प्रोटेक्टेड कपड़ों के बीच मूल्य अंतर लगभग 100-150 रुपये है। लेकिन फिर भी, हमें जागरूकता की कमी के कारण इसे सीधे उपभोक्ताओं को बेचने में कठिनाई आई।” यह मानते हुए कि कीट-निरोधक कपड़े अभी भी भारत में एक नई अवधारणा है, वह कहती हैं कि व्यवसायी और व्यापारियों के शहर में इंदौर उनके लिए बेहतर स्थान है। 


मयूर और श्रेष्ठा के लिए चुनौती टीयर II शहर में होना नहीं थी; उनके लिए चुनौती थी जरूरी टेस्ट और प्रमाणपत्र हासिल करना। वह कहती हैं, "हमारा स्टार्टअप आईएसओ या किसी भी अन्य महत्वपूर्ण प्रमाण पत्र के अनुसार किसी भी श्रेणी में नहीं आता है क्योंकि हमारे तरह के स्टार्टअप से मेल खाने वाले दिशा-निर्देश या उत्पाद श्रेणी नहीं हैं।" तो उनके प्रोडक्ट को टेस्ट कैसे किया गया? वे कहते हैं, “हमारा फॉर्म्यूलेशन सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी), यूएस के मानकों को पूरा करता है। दक्षता और प्रभावशीलता के लिए, हमारे उत्पाद यूएस-आधारित प्रयोगशाला इंटरटेक और बॉम्बे टेक्सटाइल रिसर्च एसोसिएशन (बीटीआरए) जैसी सरकारी लैब्स में प्रयोगशाला परीक्षणों के माध्यम से चलते हैं।“ कीट-निरोधक ट्रीटेड टेक्सटाइल की दक्षता निर्धारित करने के लिए टेस्टिंग में एक व्यापक रूप से स्वीकृत वैज्ञानिक प्रयोगशाला पद्धति नॉकडाउन टेस्टिंग शामिल है। WHO, CDC, और US कृषि विभाग (USDA) जैसी एजेंसियां भी इस पद्धति का उपयोग "अशुद्धता" का परीक्षण करने के लिए करती हैं।


दोनों संस्थापक "भारत में वेक्टर-बोर्न (vector-borne) बीमारियों की घटनाओं को कम करना" चाहते हैं। वे कहते हैं कि उनके सामने कोई बड़ा कंपटीटर नहीं है क्योंकि अधिकांश कंपटीटर्स रेपेलेंट का प्रोडक्शन करने के लिए DEET (N, N-Diethyl-meta-toluamide) का उपयोग करते हैं। श्रेष्ठा कहती हैं, "हम अपनी ट्रीटमेंट प्रोसेस के लिए इस तरह के हानिकारक कीटनाशकों का उपयोग नहीं करते हैं।" 


सरकारी स्कूलों पर निशाना 

मयूर कहते हैं, “हम स्कूली बच्चों के लिए इन सुरक्षित कपड़ों की सप्लाई करने के लिए सरकारी एजेंसियों के साथ सहयोग करने के इच्छुक हैं, लेकिन हमारे प्रोडक्ट को एक पैनल में समझाना बहुत चुनौतीपूर्ण है। हम काफी लकी थे जब महाराष्ट्र सरकार ने हमें सरकारी स्कूल की वर्दी के लिए 15 लाख रुपये के ऑर्डर दिए।” उनके आर्मर रेंज के प्रोडक्ट्स को टार्गेट ग्रुप्स से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है। अर्गुता इंटरनेशनल स्कूल, इंदौर के संचालन के निदेशक अमरेश दुबे का कहना है कि वे अपने स्कूल का शुभारंभ करते समय "इंट्रेस्टिंग युनिफॉर्म" की तलाश कर रहे थे। वे कहते हैं, “जब हमने आर्मर तकनीक के बारे में सुना, तो हमें लगा कि यह अच्छी ब्रांडिंग का सही तरीका है क्योंकि बच्चों को बीमारियों से बचाने के लिए इससे बेहतर कुछ नहीं हो सकता। कीट-निरोधक युनिफॉर्म के बारे में हमें माता-पिता से जो प्रतिक्रिया मिली, वह अद्भुत थी।”


अमेरिकी बाजार पर नजर

जब नवंबर 2018 में क्लॉथिंग इनोवेशन ने अपनी खुद की बेडलाइनन (बिस्तर की चादर) रेंज लॉन्च की, तो उन्होंने अमेरिकी ऑडियंस को निशाना बनाना शुरू कर दिया। मयूर कहते हैं, "अमेरिकी उपभोक्ताओं को इस तरह के इनोवेशन के बारे में पता है, और क्योंकि हमारी तकनीक सस्ती है, इसलिए हम इन उपभोक्ताओं को प्रतिस्पर्धी मूल्य की पेशकश करने में सक्षम थे।" स्टार्टअप ने Amazon.com पर पिछले तीन महीनों में 6,800 उत्पाद बेचे हैं। भारत में अभी तक बिस्तर की चादर उपलब्ध नहीं है।


TechSci की एक शोध रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में अकेले मच्छर भगाने का बाजार 2021 तक 800 मिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। भारतीय कंपनियां बच्चों के लिए कई तरह के रिपेलेंट पेश करती हैं, जिनमें स्प्रे, लोशन, क्रीम, पैच शामिल हैं, इनके अलावा बड़ी कंपनियां कॉइल और स्ट्रिप्स की एक श्रृंखला ऑफर करती हैं। क्लोथिंग इनोवेशन माता-पिता को एक सुरक्षित विकल्प देकर इस बाजार को टार्गेट करने की उम्मीद कर रहा है। निकट भविष्य में, टीम एक क्राउडफंडिंग अभ्यास शुरू करना चाहती है और फंड का उपयोग अपने उत्पादों की बेहतर डिजाइनिंग व बाजार में करना चाहती है। श्रेष्ठा कहती हैं, “हम इस वर्ष प्रभावशाली मार्केटिंग के माध्यम से आर्मर ब्रांड के बेहतर डिस्ट्रीब्यूशन पर ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं। मुझे उम्मीद है, हमारे ब्रांड के माध्यम से, माता-पिता और गर्भवती माताओं को वेक्टर-बोर्न बीमारियों के खतरों के बारे में अधिक जानकारी हो गई है। और इस तरह के परिधान के लिए एक नया बाजार तैयार हो गया है।” 


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