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केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने युवाओं से ‘सरकारी नौकरी’ की मानसिकता छोड़ने की अपील की

डॉ. जितेंद्र सिंह ने क्षेत्र में कृषि-आधारित स्टार्टअप, विशेष रूप से बैंगनी क्रांति की अपार संभावनाओं पर बल दिया. इसने जम्मू-कश्मीर में 3,000 से अधिक युवाओं को लैवेंडर स्टार्टअप पहल के माध्यम से लाखों कमाने में सक्षम बनाया है.

केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पीएमओ, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने युवाओं से "सरकारी नौकरी" की मानसिकता छोड़ने की अपील की.

उन्होंने जम्मू में गांधी नगर के सरकारी महिला कॉलेज में सीएसआईआर-इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ इंटीग्रेटिव मेडिसिन द्वारा आयोजित 2-दिवसीय "राष्ट्रीय स्टार्टअप महोत्सव" का उद्घाटन किया. मंत्री ने स्टार्टअप की सफलता सुनिश्चित करने के लिए नवाचार, उद्यमशीलता और शुरुआती उद्योग संबंधों के महत्व पर बल देते हुए इस महोत्सव को जम्मू-कश्मीर के युवाओं को समर्पित किया.

डॉ. जितेंद्र सिंह ने क्षेत्र में कृषि-आधारित स्टार्टअप, विशेष रूप से बैंगनी क्रांति की अपार संभावनाओं पर बल दिया. इसने जम्मू-कश्मीर में 3,000 से अधिक युवाओं को लैवेंडर स्टार्टअप पहल के माध्यम से लाखों कमाने में सक्षम बनाया है. उन्होंने युवाओं को केवल सरकारी नौकरियों पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय, अपनी योग्यता को पहचानने और उद्यमशीलता उद्यम को आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया.

मंत्री ने इस बात पर बल दिया कि जम्मू और कश्मीर का एग्री-स्टार्टअप इकोसिस्टम फल-फूल रहा है, भद्रवाह, डोडा जिले में लैवेंडर की खेती ने इस क्षेत्र को वैश्विक स्टार्टअप मानचित्र पर ला दिया है. मंत्री ने लैवेंडर की खेती और अन्य उच्च मूल्य वाले कृषि उद्यमों के विस्तार पर ध्यान देने के साथ, कृषि-स्टार्टअप में शहरी क्षेत्रों को अधिक से अधिक शामिल करने का आग्रह किया.

वर्तमान में भारत में दो लाख स्टार्टअप संचालित होने के साथ, देश ने वैश्विक स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र में तीसरा स्थान हासिल कर लिया है. विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री ने कहा कि स्टार्टअप न केवल आर्थिक विकास को बढ़ावा दे रहे हैं बल्कि विशेष रूप से महिलाओं और स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) के लिए आकर्षक रोजगार के अवसर भी प्रदान कर रहे हैं.

डॉ. सिंह ने स्टार्टअप्स की दीर्घकालिक स्थिरता सुनिश्चित करने में उद्योग संबंधों और बाजार अनुसंधान की महत्वपूर्ण भूमिका पर बल दिया. उन्होंने युवा उद्यमियों को शुरुआत में बाजार की गतिशीलता का अध्ययन करने के लिए प्रोत्साहित किया.

डॉ. जितेंद्र सिंह ने भारत की अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था की तीव्र वृद्धि की सराहना की और इसकी सफलता का श्रेय सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों के बीच सहयोग को दिया. उन्होंने चंद्रयान-2 और आदित्य एल 1 सहित प्रमुख अंतरिक्ष अभियानों में महिला नेतृत्व वाली टीमों के योगदान का भी उत्सव मनाया.

शिक्षा के मोर्चे पर, डॉ. जितेंद्र सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 की सराहना की, जिसने समान अवसर बनाकर और डिजिटल समावेशिता सुनिश्चित करके भारत की शिक्षा प्रणाली को नया रूप दिया है. मंत्री ने विद्यार्थियों से सरकारी योजनाओं के बारे में जानने और उपलब्ध अवसरों का लाभ उठाने के लिए प्रतिदिन कम से कम 30 मिनट बिताने का आग्रह किया.

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री ने यह भी कहा कि उनके मार्गदर्शन के बाद एकीकृत अनुसंधान के लिए स्नातकोत्तर विद्यार्थियों के लिए को-गाइड साझा करने के लिए एम्स, आईआईआईएम, आईआईटी, आईआईएम, जीएमसी जम्मू ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं.

महोत्सव के दौरान, डॉ. जितेंद्र सिंह ने 45 स्टार्टअप स्टालों का दौरा किया और नवोदित उद्यमियों और अपने नवाचारों का प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों से मुलाकात की. उन्होंने भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम में योगदान देने के उनके प्रयासों की सराहना की और उन्हें नवाचार जारी रखने के लिए प्रोत्साहित किया.

राष्ट्रीय स्टार्टअप महोत्सव 2025 जम्मू-कश्मीर को नवाचार, आत्मनिर्भरता और आर्थिक सशक्तिकरण का केंद्र बनाने की दिशा में एक कदम है.

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