भारत के लक्ज़री आवासीय बाजार में क्यों आ रहा है इतना उछाल?
भारत के लक्ज़री घर खरीदने में आया उछाल सिर्फ तात्कालिक चलन नहीं है- यह प्रीमियम रहन-सहन की तरफ बढ़ते कदमों को दर्शाता है. लोग अब ऐसे घरों की तलाश में हैं जो सिर्फ आरामदायक ही ना हों, बल्कि उनकी सफलता का भी परिचय देते हों. ऐसे में, ये बाजार इसी तरह आगे बढ़ता रहेगा.
क्या आपको भी यह बात हैरान कर रही है कि अचानक भारत के लक्ज़री आवासीय बाजार की चर्चा तेज क्यों हो गई है? धड़ल्ले से हो रही बिक्री और लोगों की आमदनी में बढ़ोतरी तथा अप्रवासी भारतीयों (NRI) की प्रीमियम संपत्तियों पर नजर होने की वजह से बाजार में इस तरह की तेजी देखी जा रही है. आइए इस उछाल के पीछे के प्रमुख कारणों के बारे में जानें और समझें कि भारत में लक्ज़री लिविंग का भविष्य कैसा होने वाला है.
रहन-सहन का प्रीमियम तरीका
आइए कुछ चौंकाने वाले आंकड़ों पर नजर डालते हैं. नाइट फ्रैंक की हाल की एक रिपोर्ट के मुताबिक साल 2024 की पहली छमाही में भारत में आश्चर्यजनक रूप से 1,73,241 घरों की बिक्री हुई. इससे भी दिलचस्प बात ये है कि उनमें 41% घर 1 करोड़ रुपए से अधिक कीमत के थे. इससे यह साफ होता है कि प्रीमियम रहन-सहन का चलन बढ़ रहा है. लेकिन इस बदलाव का कारण क्या है?
इस महामारी ने घरों के प्रति हमारे नजरिए पर काफी बड़ा प्रभाव डाला है. लॉकडाउन और रिमोट वर्क के बढ़ने से, लोगों ने अपने घरों की तरफ दोबारा ध्यान देना शुरू किया है. इससे अचानक ही ज्यादा जगह की मांग और उच्च गुणवत्ता वाली सुविधाओं को पाना सिर्फ लक्ज़री नहीं, बल्कि जरूरत बन गई है. नजरिए में आया बदलाव लक्ज़री घरों की बढ़ती मांग में तेजी ला रहा है, खासकर मुंबई, बेंगलुरू और दिल्ली-एनसीआर जैसे बड़े शहरों में.
नई आकांक्षाएं: आलीशान और भव्य घरों की
आज के दौर में घर खरीदने वालों की चाहतें भी तेजी से बदल रही हैं. आधुनिक खरीदार सिर्फ रहने का ठिकाना ही नहीं ढूंढ रहा, बल्कि एक ऐसा घर चाहता है जोकि उनकी लाइफस्टाइल और हैसियत से मेल खाता हो. लक्ज़री घर सिर्फ रहने भर की नहीं; बल्कि एक बहुमूल्य संपत्ति और व्यक्तिगत ख्वाहिशों का प्रतिबिंब होते हैं.
उदाहरण के लिए मिलेनियल्स को ही ले लें. अब एक ऐसा चलन देखा जा रहा है कि उनमें से अब ज्यादातर लोग लक्ज़री घरों को अपने सम्मान का प्रतीक मानने लगे हैं. वो सिर्फ एक घर नहीं खरीद रहे होते हैं; बल्कि एक ऐसी लाइफस्टाइल में निवेश कर रहे होते हैं जोकि लक्ज़री, आराम और अनूठेपन का मिश्रण होता है. लक्ज़री रियल एस्टेट बाजार लगातार बढ़ रहा है, क्योंकि इसे भविष्य के ठोस निवेश के रूप में देखा जा रहा है.
NRI फैक्टर
इस बाजार में एक और मुख्य खिलाड़ी हैं NRI या अप्रवासी भारतीय. घर वापसी के लिए लक्ज़री रियल स्टेट में उनकी बढ़ती दिलचस्पी काफी बड़ा प्रभाव डाल रही है. लेकिन इसकी वजह क्या है?
कई सारे NRI का अपनी धरती से गहरा लगाव बना रहता है और भारत में लक्ज़री संपत्ति लेने की ख्वाहिश उन्हें पूर्णता का एहसास कराती है. एक सच ये भी है कि भारत में अन्य देशों के शहरों के मुकाबले लक्ज़री घर ज्यादा सस्ते हैं, जो उन्हें निवेश करने के लिए आकर्षित करते हैं. चाहे भविष्य में रिटायरमेंट के लिए घर लेने की बात हो या फिर मकान को किराए पर चढ़ाकर पैसा कमाने की NRI, बेंगलुरू और मुंबई जैसे शहरों में रियल स्टेट में निवेश कर रहे हैं. इसके साथ ही RERA (Real Estate [Regulation and Development] Act) जैसी नीतियों की वजह से बाजार ज्यादा पारदर्शी हो रहा है और आकर्षण पहले से कहीं ज्यादा बढ़ गया है.
निष्कर्ष
तो यहां सीखने को क्या मिला? भारत का लक्ज़री आवासीय बाजार अब सिर्फ घर तक सीमित नहीं है- अब यह रियल स्टेट क्षेत्र का एक मुख्य हिस्सा बनता जा रहा है. बिक्री के जबर्दस्त आंकड़े, खरीदारों की बदलती पसंद और NRI का अत्यधिक प्रभाव, भारत के रियल स्टेट बाजार में लक्ज़री एक महत्वपूर्ण भूमिका अदा करने वाला है. बढ़ोतरी के इस चलन से पता चलता है कि आगे आने वाले सालों में लक्ज़री घरों की खरीदारी रियल स्टेट क्षेत्र के विस्तार में महत्वपूर्ण प्रेरक साबित होने वाला है.
भारत के लक्ज़री घर खरीदने में आया उछाल सिर्फ तात्कालिक चलन नहीं है- यह प्रीमियम रहन-सहन की तरफ बढ़ते कदमों को दर्शाता है. लोग अब ऐसे घरों की तलाश में हैं जो सिर्फ आरामदायक ही ना हों, बल्कि उनकी सफलता का भी परिचय देते हों. ऐसे में, ये बाजार इसी तरह आगे बढ़ता रहेगा.
(feature image: freepik)
(लेखक ‘Saya Group’ के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर हैं. आलेख में व्यक्त विचार लेखक के हैं. YourStory का उनसे सहमत होना अनिवार्य नहीं है.)
Edited by रविकांत पारीक