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भारत की गेमिंग वर्कफोर्स में महिलाओं की हिस्सेदारी केवल 12-14% है: रिपोर्ट

दुनिया भर की गेमिंग वर्कफोर्स में महिलाओं की हिस्सेदारी 22-24% के बीच है, लेकिन भारत में हायरिंग और प्रमोशन में जेंडर को लेकर भेदभाव के कारण महिलाओं की हिस्सेदारी काफी कम है.

भारत की गेमिंग वर्कफोर्स में महिलाओं की हिस्सेदारी केवल 12-14% है: रिपोर्ट

Friday February 28, 2025 , 2 min Read

ऑल इंडिया गेम डेवलपर्स फोरम (AIGDF), टैलेंट सॉल्यूशन फर्म कोरल रिक्रूट और MPL की पैरेंट कंपनी M-League द्वारा जारी एक इंडस्ट्री रिपोर्ट के अनुसार, भारत की गेमिंग वर्कफोर्स में महिलाओं की हिस्सेदारी सिर्फ़ 12-14% है, जबकि देश की गेमिंग ऑडियंस में उनकी हिस्सेदारी लगभग आधी है.

यह ट्रेंड वैश्विक स्तर पर भी सही है, जहाँ गेमिंग वर्कफोर्स में महिलाओं की हिस्सेदारी 22-24% है. हालाँकि यह भारत की तुलना में ज़्यादा है, लेकिन यह इंडस्ट्री में लैंगिक प्रतिनिधित्व में एक बड़ा असंतुलन दर्शाता है.

रिपोर्ट में लीडरशिप के आंकड़े और भी ज़्यादा चौंकाने वाले हैं, जहाँ सिर्फ़ 12-14% महिलाएं लीडरशिप में शामिल है और 10% से भी कम महिलाएँ निर्णय लेने वाली भूमिकाएँ संभाल रही हैं.

AIGDF की सौम्या ए.के. ने कहा, “भारतीय गेमिंग इंडस्ट्री दुनिया के सबसे तेज़ी से बढ़ते बाज़ारों में से एक है, फिर भी इस पर पुरुषों का दबदबा बना हुआ है. लैंगिक असमानता को हल करना सिर्फ़ निष्पक्षता के बारे में नहीं है - यह इनोवेशन के लिए ज़रूरी है. अलग-अलग टीमें अद्वितीय दृष्टिकोण लाती हैं, कहानी कहने में सुधार करती हैं और ऐसे गेम बनाने में मदद करती हैं जो अधिक से अधिक लोगों को पसंद आते हैं. इंडस्ट्री के पास यह सुनिश्चित करने का अवसर और जिम्मेदारी है कि महिलाएं न केवल पार्टनर हों, बल्कि भारत में गेमिंग के भविष्य को आकार देने में महत्वपूर्ण योगदानकर्ता हों.”

रिपोर्ट में पाया गया कि भारतीय गेमिंग कंपनियों में महिलाओं के कम प्रतिनिधित्व में योगदान देने वाली प्रमुख चुनौतियों में से एक है हायरिंग और प्रमोशन में जेंडर को लेकर भेदभाव होना. रिपोर्ट में कहा गया है कि महिलाओं को तकनीकी भूमिकाओं और लीडरशिप पदों पर पहुंचने में संघर्ष करना पड़ता है.

इस समस्या को बढ़ावा देने वाला एक और कारण मेंटरशिप प्रोग्राम्स की कमी है. इसके अलावा, वर्कप्लेस कल्चर एक पेचीदा बिंदु बनी हुई है, जिसमें कई महिलाओं को भेदभाव, सीमित नेटवर्किंग अवसरों और वरिष्ठ पदों पर रोल मॉडल की कमी का सामना करना पड़ता है.

रिपोर्ट में इस लैंगिक अंतर को पाटने के लिए कुछ प्रमुख सिफारिशें की गई हैं, जिसमें महिलाओं को शैक्षिक स्तर पर गेमिंग में करियर बनाने के लिए प्रोत्साहित करना, समावेशी नियुक्ति प्रथाएँ और एक सहायक कार्य वातावरण को बढ़ावा देना शामिल है.

रिपोर्ट में बताया गया है कि विविध नेतृत्व वाली कंपनियाँ वित्तीय रूप से बेहतर प्रदर्शन करती हैं और अधिक रचनात्मकता और नवाचार को बढ़ावा देती हैं.

(Translated by: रविकांत पारीक)

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