World Earth Day: ‘प्लैनेट बनाम प्लास्टिक’ की लड़ाई में समाज के सामूहिक प्रयास बहुत जरूरी
इस साल, वर्ल्ड अर्थ डे की थीम "प्लैनेट बनाम प्लास्टिक" है. यह प्लास्टिक प्रदूषण के खतरों के बारे में जागरूकता बढ़ाने की ओर केंद्रित है. प्लास्टिक हमारे महासागरों, हमारी मिट्टी और हमारे भोजन के जरिए पर्यावरण को हानि पहुंचा रहा है.
वर्ल्ड अर्थ डे यानी विश्व पृथ्वी दिवस (World Earth Day) हर साल 22 अप्रैल को मनाया जाता है. यह दिन हमारी पृथ्वी और उसके पर्यावरण की रक्षा के लिए समर्पित है. विश्व पृथ्वी दिवस मनाने की शुरुआत वर्ष 1970 में हुई थी और तब से यह दुनिया भर में पृथ्वी को प्रदूषण से बचाए रखने और इसके लिए जागरुकता फैलाने के उद्देश्य से मनाया जाता रहा है. लोग और इस दिशा में कार्यरत कई संस्थानकई तरीकों से इसे मनाते हैं. कुछ लोग अपने घर के आस-पास बगीचों में या नदी-तालाब के तट की सफाई जैसी गतिविधियों में भाग लेते हैं. कई लोग पर्यावरण और पृथ्वी की साफ-सफाई के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए कार्यक्रमों या सेशन्स में भाग लेते हैं. साथ ही कई संस्थान भी इस मौके पर पर्यावरण अनुकूल तरीकों को बढावा देते हैं.
इस साल, वर्ल्ड अर्थ डे की थीम "प्लैनेट बनाम प्लास्टिक" है. यह प्लास्टिक प्रदूषण के खतरों के बारे में जागरूकता बढ़ाने की ओर केंद्रित है. प्लास्टिक हमारे महासागरों, हमारी मिट्टी और हमारे भोजन के जरिए पर्यावरण को हानि पहुंचा रहा है. यह वन्यजीवों को भी नुकसान पहुंचा रहा है और मानव स्वास्थ्य के लिए खतरा पैदा कर रहा है. वर्ल्ड अर्थ डे पर, हम सभी को प्लास्टिक प्रदूषण को कम करने के दिशा मे कदम उठाने चाहिए और बाकियों को भी प्रोत्साहित करना चाहिए. हम प्लास्टिक का उपयोग कम कर सकते हैं, उसे रीसायकल कर सकते हैं और प्लास्टिक प्रदूषण के खिलाफ आवाज उठा सकते हैं.
अलग अलग कम्पनियां भी प्लास्टिक प्रदूषण को कम करने और पृथ्वी को साफ-सुथरा बनाए रखने की दिशा में अनेक कदम उठाती रही हैं. वे अपनी पैकेजिंग और अन्य प्रोसेस में प्लास्टिक क प्रयोग को लगातार घटा रही हैं. मशहूर कम्पनी केएफसी ने भारत में पिछले साल प्लास्टिक के प्रयोग को 3500 मैट्रिक टन तक कम किया. इसने पैकेजिंग प्रोसेस को 80% तक कम्पोस्टेबल और रिसाइकेबल बनाया है.
वर्ल्ड अर्थ डे के मौके पर मोक्ष चोपड़ा, जनरल मैनेजर, KFC इण्डिया एण्ड पार्टनर कन्ट्रीज़ कहते है, "इस साल की अर्थ डे थीम 'प्लैनेट vs प्लास्टिक' को मानते हुए KFC चाहता है कि हम केटेगरी में सस्टेनेबली सोर्स्ड पैकेजिंग का प्रयोग करते हुए इस दिशा में अग्रणी बने. 2023 में, हमने 3200 मीट्रिक टन प्लास्टिक रिड्यूस किया और KFC इंडिया की पैकेजिंग को 80% रिसाइकिलेबल, कम्पोस्टेबल और बायोडिग्रेडेबल बनाने में सफल रहे हैं. हम अपने फ्रैंचाइज़ी पार्टनर्स, सप्लायर्स और इंडस्ट्री इकोसिस्टम के सहयोग से 100% सस्टेनेबल और रिसाइकिलेबल पैकेजिंग की दिशा में आगे बढ़ रहे है. KFC इंडिया में, इंडिया के साथ, सस्टेनेबल बिज़नेस प्रैक्टिसेज के आधार पर आगे बढ़ने के लिए समर्पित है."
फ्लिपकार्ट ग्रुप के सस्टेनेबिलिटी हेड निशांत गुप्ता कहते है, "फ्लिपकार्ट में हम अपना कार्बन फुटप्रिंट कम करने और पर्यावरण संरक्षण के प्रति प्रतिबद्ध हैं. हमने 2021 में ही अपनी आपूर्ति श्रृंखला से सिंगल-यूज प्लास्टिक को पूरी तरह हटाने में सफलता प्राप्त कर ली थी. अब हम यह सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहे हैं कि सस्टेनेबल पैकेजिंग एवं मानव-निर्मित सेल्युलोजिक फाइबर्स की जिम्मेदारी से सोर्सिंग हो और नवीकरणीय एवं पर्यावरण के अनुकूल संसाधनों के प्रयोग को बढ़ावा मिले. हम अपनी आपूर्ति श्रृंखला के परिचालन में रिसाइकिल किए हुए पेपर बैग और कार्टन-वेस्ट के टुकड़ों, इको-फ्रेंडली कागज के टुकड़ों एवं 2 प्लाई रोल्स जैसे इको-फ्रेंडली मैटेरियल का प्रयोग कर रहे हैं. ऐसा करने से हम न केवल कार्बन फुटप्रिंट को प्रभावी तरीके से कम करने में सक्षम हुए हैं, बल्कि ईपीआर रेगुलेशन के अनुरूप भी बढ़ रहे हैं. हम विक्रेताओं और संबंधित पक्षों के साथ सक्रियता से इस दिशा में काम कर रहे हैं, जिससे प्लास्टिक कचरे को कम करने के लिए नवाचार वाले समाधान अपनाए जा सकें. हम इन प्रयासों को हजारों डायरेक्ट शिपमेंट पार्टनर्स तक भी पहुंचा रहे हैं."
उन्होंने आगे कहा, "इसके अलावा, हम सक्रियता के साथ डिलीवरी के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर रुख कर रहे हैं और चरणबद्ध तरीके से हमारा लक्ष्य डिलीवरी के लिए 100 प्रतिशत ईवी का प्रयोग करना है. इसके अलावा हम 2030 तक बिजली से संबंधित अपनी सभी जरूरतों को नवीकरणीय स्रोतों से पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. चिंताजनक जल संकट और भारत में बढ़ते लैंडफिल्स की चुनौती का सामना करने के उद्देश्य से हमने अपने विभिन्न संयंत्रों में एक साल में 6.7 करोड़ लीटर से ज्यादा अपशिष्ट जल को रीसाइकिल किया है और करीब 3000 टन गैर-हानिकारक ठोस कचरे को लैंडफिल्स में फेंकने के बजाय कहीं अन्यत्र प्रयोग किया है. हम सतत विकास को लेकर अपनी प्राथमिकताओं को बेहतर कर रहे हैं और हमारा उद्देश्य न केवल अपने कारोबारी परिचालन में बल्कि पूरी व्यवस्था में सकारात्मक बदलाव लाना है. सोच-समझकर चुने गए विकल्पों, नए समाधानों और सभी के लिए पर्यावरण के अनुकूल भविष्य को लेकर गहरी प्रतिबद्धता के माध्यम से हम ज्यादा स्वच्छ एवं स्वस्थ धरती बनाने की राह तैयार कर रहे हैं."
रचना पांडा, वाइस प्रेसिडेंट एंड कंट्री हेड- कम्युनिकेशन, पब्लिक अफेयर्स एंड सस्टेनेबिलिटी, बायर, साउथ एशिया ने अर्थ डे के मौके पर कहा, "पृथ्वी दिवस जलवायु परिवर्तन से लड़ने और कार्बन उत्सर्जन को कम करने की हमारी सामूहिक जिम्मेदारी की याद दिलाता है. हमारा ‘हेल्थ फॉर ऑल, हंगर फॉर नन (सभी के लिए स्वास्थ्य, कोई भूखा नहीं रहे)’ का मिशन हमें समावेशी विकास और जिम्मेदारी के साथ संसाधनों को उपयोग करने पर ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रेरित करता है, जो लोगों और पृथ्वी को फलने-फूलने में मदद करेगा. रिजेनेरेटिव खेती को बढ़ावा देने की हमारी प्रतिबद्धता के अनुरूप, हम 2030 तक अपने फसल सुरक्षा उपायों के पर्यावरणीय प्रभाव को 30% कम करने का प्रयास कर रहे हैं. साथ ही हमारा लक्ष्य तकनीक और सही उपकरणों की मदद से धान की खेती में 30-40 प्रतिशत तक पानी के प्रयोग में कमी लाना है."