Brands
Discover
Events
Newsletter
More

Follow Us

twitterfacebookinstagramyoutube
ADVERTISEMENT
Advertise with us

माई लाइफ, माई मिशन: योगगुरु बाबा रामदेव की आ रही है किताब

सैकड़ों अरब के सम्पत्तिशाली बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि के पांव अब भले ही विश्व बाजार में लड़खड़ा रहे हों, उनकी सद्यःप्रकाशनाधीन पुस्तक 'माई लाइफ, माई मिशन' शीघ्र ही पेंगुइन से छपकर बाजार में आ रही है। अभी से इतनी चर्चाएं हैं तो जाहिर है, पतंजलि के खजाने की तरह किताब से पेंगुइन का कोष भी भर जाएगा ही।


baba ramdev

बाबा रामदेव

बाबा रामदेव के जीवन का यह भी एक अजीब संयोग है कि एक ओर उनकी कंपनी पतंजलि की हालत बाजार में लड़खड़ा रही है तो दूसरी तरफ सुख-दुख की सौगात, ज्ञात-अज्ञात रहस्यलोक की दास्तान लिए उनकी आत्मकथात्मक किताब 'माई लाइफ, माई मिशन' जल्द ही छपकर आने वाली है। खाटू वाले श्याम, बाला जी, मीरा बाई, गोगा जी सहित अनेक संतों के नाम पर देश भर में विशेषत: उत्तर-पश्चिम भारत में तमाम मंदिर, आश्रम बने हुए हैं।


ऐसे ही सैकड़ों वर्ष पूर्व एक और संत रहे थे, बाबा रामदेव जी, जिनका जन्म राजस्थान में हुआ था, जोधपुर से लगभग 178 किलो मीटर दूर स्टेशन रामदेवरा के पास। वह राजस्थान के लोक देवता भी हैं। वह लोककवि भी रहे थे लेकिन आधुनिक बाबा रामदेव योग गुरु की उपाधि वाले हैं। आधुनिक बाबा पर वरिष्ठ पत्रकार उदय माहुरकर ने लिखी है - 'माई लाइफ, माई मिशन', जो पेंगुइन से प्रकाशित होकर आ रही है। किताब अभी से मीडिया की सुर्खियों में है तो जाहिर है कि उससे पेंगुइन का बाजार भी बड़े आराम से हरा-भरा हो जाएगा।  


किताब की बात बाद में, पहले आइए, बाबा के बाजार का हालचाल ले लेते हैं। कुछ वर्ष पहले तक आधुनिक बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि के नारियल तेल आदि तमाम आयुर्वेदिक उत्पाद घर-घर पहुंच चुके थे, जिससे देश-दुनिया की तमाम बड़ी कंपनियों के पैरो तले जमीन खिसकती दिख रही थी। बाबा भी दावा करते फिर रहे थे कि पतंजलि की बिक्री बहुराष्ट्रीय कंपनियों को कपालभाति करने को मजबूर कर देगी। उस समय उन्होंने बिक्री दोगुनी यानी लगभग 200 अरब रुपए तक पहुंच जाने का भरोसा जताया था लेकिन कंपनी की बिक्री इस दौरान 10 फीसदी घटकर 81 अरब रुपये रह गई है। वर्ष 2006 में पतंजलि की स्थापना के समय से ही बाबा रामदेव कंपनी का चेहरा रहे हैं। टीवी पर योगा से भी उनकी करोड़ों लोगों तक पहुंच बनी।




गांव-गांव विज्ञापनों में भगवा वेशभूषा में उनका मुखारविंद दमकने लगा। साथ में संघाती आचार्य बालकृष्ण भी, जिनका कंपनी में 98.55 फीसदी शेयर है। विश्लेषकों का अनुमान है कि अभी पतंजलि की बिक्री में और गिरावट आ सकती है। इसकी वजह बताई जा रही है, तेजी विस्तार की कोशिश में कंपनी के उत्पादों की क्वालिटी में गिरावट। इस की एक और वजह नोटबंदी और जीएसटी को भी माना जा रहा है। उल्लेखनीय है कि देश भर पतंजलि के साढ़े तीन हजार डिस्ट्रिब्यूटर और साढ़े चार हजार से अधिक रिटेल काउंटर हैं, जहां मैंगी कैंडी से लेकर आयुर्वेदिक दवाइयां और भांति-भांति के खाद्य पदार्थ, पेय, प्रसाधन सामग्रियां बिक रही हैं।


अध्येताओं का मानना है कि आधुनिक बाबा रामदेव की किताब भी उनके अन्य उत्पादों की तरह मात्र एक सामग्री ही हो सकती है। अंतर बस इतना है कि अन्य उत्पादों से पतंजलि का कोष भर रहा है, जबकि 'माई लाइफ, माई मिशन' से पेंगुइन को मालामाल होना है। पता चला है कि बाबा रामदेव इस किताब में अपने जीवन के उतार-चढ़ावों, सफलता-असफलताओं पर प्रकाश डालेंगे। पुस्तक के सहलेखक माहुरकर ने इसमें रामदेव से जुड़े प्रमुख विवादों, महत्वपूर्ण घटनाक्रमों और उपलब्धियों को रेखांकित किया है।


किताब में हरियाणा के एक छोटे से गांव से अंतरराष्ट्रीय मंच तक पहुंचने की बाबा की जीवन यात्रा, स्वदेशी अभियान, पतंजलि ग्रुप का बाजारोन्मुखी उत्थान तो लिपिबद्ध है ही, बाबा ने अपने मित्रों और शत्रुओं की भी इस किताब में खबर ली है। प्रकाशक 'पेंगुइन रैंडम हाउस' का कहना है कि योग गुरु का यह 'अपनी तरह का एक व्यक्तिगत आख्यान' अगस्त तक बाजार में आ जाएगा। आधुनिक बाबा भी इस सम्बंध में ट्विटर पर लिख चुके हैं- 'अन्य व्यक्तियों द्वारा मेरे बारे में काफी कुछ लिखा गया है। अब मैं अपने जीवन की कहानी आपके साथ अपने शब्दों में साझा करूंगा। आज ही प्री-ऑर्डर करना नहीं भूलें।'