[YS Exclusive] जानिए कैसा रहा एडटेक यूनिकॉर्न Vedantu का सफर, K12 सेगमेंट में कैसे बना लीडर?
Vedantu के को-फाउंडर और सीईओ वामसी कृष्णा ने YourStory की फाउंडर और सीईओ श्रद्धा शर्मा के साथ एक एक्सक्लूसिव वीडियो बातचीत में अपने एडटेक स्टार्टअप को लेकर खुल कर बात की है। इस दौरान उन्होंने कंपनी के एक यूनिकॉर्न बनने तक के सफर, इस नई उपलब्धि के मायने और भविष्य में कंपनी के IPO की योजना पर बात की।
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वामसी कृष्णा ने 2014 में जब अपना पहला लाइव ऑनलाइन क्लासरूम सेशन लिया था, तब शायद ही यह किसी ने सोचा होगा कि
आगे चलकर "ऑनलाइन लाइव ट्यूटरिंग" को मुख्यधारा में ला देगी। एडटेक स्टार्टअप वेदांतु ने हाल ही में एक यूनिकॉर्न कंपनी बनने की उपलब्धि हासिल की है।छात्रों को एक क्लिक में सीधे टीचर से जोड़ देने वाली वेदांतु और एडटेक सेक्टर में मौजूद ऐसी दूसरी कंपनियों ने पठन-पाठन के पुराने तरीके को पूरी तरह से बदल दिया है।
सीखने की पारंपरिक प्रक्रिया "टॉप टू बॉटम" मॉडल पर आधारित थी। लेकिन आज पर्सनलाइज्ड टीचिंग मॉडल ने टीचर और स्टूडेंट के बीच तथाकथित अंतर को पाट दिया है। साथ ही इसने विभिन्न लर्निंग प्रोडक्ट, उपकरणों और तकनीकों के एक इकोसिस्टम को बनाने में भी अहम भूमिका निभाई है।
इसके साथ ही वेदांतु सहित तमाम एडटेक स्टार्टअप के जरिए ऑनलाइन ट्यूशन सेशन लेने वाले छात्रों की संख्या भी बढ़ती जा रही है।
Vedantu के को-फाउंडर और सीईओ वामसी कृष्णा ने YourStory को बताया किसी भी भारी भरकम वैल्यूएशन को हासिल करना या यूनिकॉर्न क्लब में शामिल होने से भी अधिक उन्हें समाज में वेदांतु के प्रभाव को देखकर "संतुष्टि और की भावना" मिलती है। साथ ही उन्हें गर्व भी होता है।
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Vedantu के को-फाउंडर और सीईओ वामसी कृष्णा, YourStory की फाउंडर और सीईओ श्रद्धा शर्मा के साथ एक विशेष वीडियो बातचीत में
वेदांतु 27वां भारतीय स्टार्टअप है, जिसने इस साल 1 अरब डॉलर से अधिक की वैल्यूएशन वाली निजी टेक कंपनियों के क्लब में शामिल होने की उपलब्धि हासिल की है। वामसी ने YourStory की फाउंडर और सीईओ श्रद्धा शर्मा के एक साथ एक एक्सक्लूसिव बातचीत में बताया, "यूनिकॉर्न (स्टेटस और) वैल्यूएशन ... हम इसकी शेखी बघारना पसंद नहीं करते हैं। सच कहें तो आज जिस बात पर मुझे वास्तव में गर्व है, वह यह है कि 2014 में मैंने पहली लाइव क्लास ली थी। हालांकि अब लाखों की संख्या में छात्र ऐसा कर रहे हैं और यह मुख्यधारा की चीज बन रही है। यह कुछ ऐसा है जो मुझे खुशी और गर्व से भर देता है।”
वेदांतु की शुरुआत कभी सिर्फ 1 करोड़ रुपये की सीड फंडिंग से हुई थी। यह फंडिंग उसे एंजेल इन्वेस्टर रामास्वामी से मिली थी। बीते बुधवार को वेदांतु ने ई सीरीज की फंडिंग राउंड के तहत 100 मिलियन डॉलर जुटाए और इसी के साथ वह भारत का 5वां एडटेक यूनिकॉर्न बन गया। ई सीरीज के फंडिग में सबसे अधिक निवेश ABC World Asia ने किया। वहीं Tiger Global, Coatue, GGV Capital, और WestBridge सहित कई मौजूदा निवेशकों ने भी इसमें हिस्सा लिया।
वेदांतु उन एडटेक स्टार्टअप में से एक है, जिन्होंने कोरोना महामारी के आने के बाद पिछले दो वर्षों में ऑनलाइन शिक्षा के क्षेत्र में तेजी से ग्रोथ किया है।
वेंदातु को प्रोफेशनल टीचरों और छात्रों के लिए वन-स्टॉप प्लेटफॉर्म के रूप में डिजाइन किया गया है। यह कक्षा 6 से कक्षा 12 तक के छात्रों के लिए लाइव ऑनलाइन कक्षाएं प्रदान करता है। साथ ही उन्हें CBSE और ICSE जैसी बोर्ड परीक्षाओं के साथ-साथ मेडिकल और इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षाओं जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयारी भी करवाता है।
मजबूती से टिके रहने और विनम्रता के सबक
वेदांतु भारत में लाइव ऑनलाइन ट्यूटरिंग के क्षेत्र में एंट्री करने वाली शुरुआती कंपनियों में से एक है। उसने ऐसे समय में ऑनलाइन शिक्षा के क्षेत्र में कदम रखा था, जब भारत का डिजिटल बुनियादी ढांचा अपनी प्रारंभिक अवस्था में था। ऐसे में वेदांतु को काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ा।
वामसी कहते हैं, “लोग हमसे पूछते थे कि ये लाइव क्लासेज क्या होती है?” वामसी को लंबे समय से स्टार्टअप की धीमी ग्रोथ और उससे भी अधिक लोगों के जल्दी मोहभंग होने की समस्या से जूझना पड़ा। उस समय यह अवधारणा इतनी अलग थी कि 'क्यों' का सवाल 'कैसे' पर भारी पड़ गया था।
हालांकि इन चुनौतियों ने वामसी और वेदांतु के अन्य तीनों को-फाउंडर्स- पुलकित जैन, सौरभ सक्सेना और आनंद प्रकाश को अपने पैर जमीन पर जमाए रखने में मदद की और वे अपने लक्ष्य से नहीं हटे।
वामसी YourStory को बताते हैं कि यह लक्ष्य खासतौर से पिछले दो सालों में हासिल हुआ है, जब इस स्टार्टअप ने देश की ऑनलाइन एजुकेशन इंडस्ट्री सेक्टर में आई तेजी के बीच करीब 4 गुना तेज गति से ग्रोथ को हासिल किया। वामसी योरस्टोरी को बताते हैं,
"मैं कहूंगा कि मेरे और संस्थापकों और हमारी टीम के लिए सबसे बड़ी सीख यह रही है कि: बस टिके रहें। यदि आप बुनियादी तौर पर किसी चीज में विश्वास करते हैं, यदि आप मानते हैं कि आप कुछ अच्छा कर रहे हैं, तो हमारे मामले में हम छात्रों के कुछ अच्छा करने की कोशिश, तो बस उस पर बने रहें क्योंकि आपका भी समय आएगा। छोटी अवधि में यह निराश करने वाला हो सकता है या यह बहुत अच्छा हो सकता है, लेकिन दोनों ही परिस्थिति में आपको प्रभावित नहीं होना चाहिए।”
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वेदांतु के को-फाउंडर्स आनंद प्रकाश, पुलकित जैन और वामसी कृष्णा
वेदांतु ने एक मजबूत कंटेंट रिसोर्स पूल को बनाने और लाइव कक्षाओं को वितरित करने पर ध्यान केंद्रित किया। इसका नतीजा यह रहा कि वेदांतु के आज दुनिया भर के 500 से अधिक शहरों में 35 मिलियन से अधिक छात्र हैं और शिक्षकों ने 24 मिलियन घंटे से अधिक की क्लासेज इस पर ली है, जिसकी औसत रेटिंग 4.8/5 रही है।
लेकिन इन नंबरों की के मुकाबले वेदांतु की सोच भी कम दिलचस्प नहीं है।
पारंपरिक चार-दीवार वाली कक्षा से बहुत दूर, वेदांतु की 'खुली' कक्षाएं एक छात्र को सहज ज्ञान युक्त सेट-अप में सीखने के साथ जुड़ने की अनुमति देती हैं।
संस्थाओं के जरिए पढ़ाने या सीखाने के पारंपरिक तरीके में मौजूद बाधाओं को वेदांतु ने दूर करने की कोशिश की है। वेदांतु के क्लास खासतौर से इस "झुंड में सीखने वाली मानसिकता" को तोड़ने के तौर पर डिजाइन किए गए हैं। यह मूल विचारधारा केवल वेदांतु की ही नहीं बल्कि टीचिंग के क्षेत्र में बदलाव लाने वाली सभी एडटेक कंपनी की है।
नए बाजार में मौके
हालिया फंडिंग के जरिए, वेदांतु अपने कोर प्रोडक्ट और टेक्नोलॉजी को मजबूत बनाने, अंतरराष्ट्रीय मार्केट में विस्तार करने, को-करिकुलर कोर्सेज में विविधता लाने और उन मार्केट में भी एंट्री करने पर विचार कर रही हैं, जहां अभी तक ऑनलाइन एजुकेशन नहीं पहुंचा है।
उन्होंने आगे कहा, “वर्तमान में, हमने ओवरऑल बाजार में 5 प्रतिशत से भी कम पैठ देखी है। सभी एडटेक स्टार्टअप में तेज ग्रोथ के बावजूद, अभी भी संख्या बहुत कम है। इसका मतलब है कि एक लंबा रास्ता तय करना है। निवेश करने के लिए बहुत सारी श्रेणियां और उत्पाद हैं और हम इसे बनाने की कोशिश कर रहे हैं। और इसके लिए पर्याप्त फंड का होना हमेशा अच्छा होता है।”
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वेदांतु K12 सेगमेंट की सबसे बड़ी कंपनी है। हालांकि फिर भी बहुत सी श्रेणियां हैं जिनमें वेदांतु की अभी तक उपस्थिति नहीं है। इन श्रेणियों में, यह एडटेक स्टार्टअप दूसरे छोटे स्टार्टअप को अधिग्रहण करने पर भी विचार कर रहा है, जो रणनीतिक रूप से अहम हो और उसके कल्चर में फिट बैठते हों।
वामसी कहते हैं, "जब हम किसी कैटेगरी के बारे में सोचते हैं, तो हम सोचते हैं कि क्या हमें इसमें स्वयं निवेश करने की आवश्यकता है या क्या पहले से ही कोई दूसरी कंपनी उस कैटेगरी में बड़े पैमाने पर है और जिसका कल्चर हमसे मेल खाता गै। इसलिए, हम निश्चित रूप से ऑर्गेनिक और अनऑर्गेनिक ग्रोथ के मौकों के लिए खुले हैं। निश्चित रूप से, आप वेदांतु को अगले 12 से 15 महीनों में इस संबंध में घोषणाएं करते हुए देख सकते हैं।”
ऑर्गेनिक और अनऑर्गेनिक दोनों तरह के विकास के अवसरों पर नजर रखने के साथ, वामसी का कहना है कि हमारी प्रतिबद्धता अभी भी"... विभिन्न मूल्य बिंदुओं पर, विभिन्न स्थानीय भाषाओं में और विभिन्न वर्गों में अधिक उत्पाद बनाने को लेकर है, जो अभी नहीं हैं।"
भारत में एडटेक की सफलता के पीछे मूल कारण उसका बस एक क्लिक और सीधे कनेक्ट होने की आजादी देना है। इस सेक्टर ने विशेष रूप से महामारी के दौरान स्कूलों के बंद होने और नॉलेज सिस्टम प्रणाली से कटे हुए लाखों बच्चों के साथ सीखने के पारंपरिक मॉडल में एक बड़ा बदलाव देखा है।
इसके अलावा स्कूलों में पढ़ाई के तरीके में भी बदलाव आया है और उन्होंने भी हाइब्रिड मॉडल अपनाया है। इसकी वजह से भी एडटेक स्टार्टअप सेगमेंट में तेजी से उछाल आया, जिसने भारत में सीखने के परिदृश्य में क्रांति ला दी।
भारतीय एडटेक स्टार्टअप्स ने इस साल पहले ही 2 बिलियन डॉलर तक की वैल्यूएशन को देख चुकी हैं। इस साल तीन नए एडटेक यूनिकॉर्न को शामिल किया गया है, इनमें वेदांतु के अलावा
और शामिल हैं। वहीं पिछले साल के बाद यूनिकॉर्न बनने वाली दूसरी भारतीय एडटेक स्टार्टअप बनी थी।दुनिया की सबसे बड़ी एडटेक कंपनी, बायजू पिछले साल एक डेकाकॉर्न कंपनी बन गई और अब कथित तौर पर अपना initial public offering (IPO) लाने की तैयारी कर रही है। साथ ही इसने ग्लोबल स्तर पर एडटेक सेक्टर में आई तेजी के बीच अपने अधिग्रहण कार्यक्रम को जारी रखा हुआ है।
वामसी YourStory को बताते हैं कि वेदांतु भी अगले दो से ढाई साल में आईपीओ लाने पर विचार कर रहा है।
निश्चित रूप से वेदांतु आईपीओ लाने की राह पर बढ़ रही है। हालांकि इसका मुख्य ध्यान एक दीर्घकालिक स्थायी कंपनी का निर्माण करना है जो इनोवेशन और इंपैक्ट पर केंद्रित है।
उन्होंने बातचीत खत्म करते हुए कहा "हमारा मुख्य लक्ष्य यही है कि हम एक दीर्घकालिक टिकाऊ कंपनी बने, जो नवाचार करना जारी रखे। कोई अन्य रास्ता नहीं है। निश्चित रूप से, एक आईपीओ लाने की योजना है। मुझे विश्वास है कि यह कहना अभी थोड़ी जल्दबाजी है, लेकिन मेरा मानना है निश्चित रूप से दो या ढाई साल की समय सीमा में, कि हमें उस मुकाम पर होना चाहिए।"
YourStory की फाउंडर श्रद्धा शर्मा के साथ Vedantu के को-फाउंडर वामसी कृष्णा की पूरी वीडियो बातचीत देखें:
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