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छोटे शहरों में लोगों की पैसों की जरुरतों को पूरा करने में मदद करता है स्टार्टअप ZET

देश के बढ़ते फिनटेक इकोसिस्टम में स्टार्टअप ZET (पहले OneCode) ने अपनी खास पहचान बनाई है. बेंगलुरु मुख्यालय वाला यह स्टार्टअप भारत के छोटे शहरों में एजेंट का नेटवर्क बना रहा है, ताकि लोगों की पैसों की जरुरतों का पूरा किया जा सके. इसकी स्थापना साल 2019 में, मनीष शारा और यश देसाई ने मिलकर की थी.

अगर हम भारत के फिनटेक मार्केट साइज की बात करें तो, Invest India की रिपोर्ट के आंकड़े काफी रोचक है. भारत में विश्व स्तर पर सबसे अधिक फिनटेक अपनाने की दर है. भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ते फिनटेक बाजारों में से एक है और भारत में करीब सात हजार फिनटेक स्टार्टअप हैं. रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि साल 2021 में भारतीय फिनटेक इंडस्ट्री का मार्केट साइज 31 बिलियन डॉलर था, और 2025 तक इसके 150 बिलियन डॉलर तक पहुँचने का अनुमान है.

देश के बढ़ते फिनटेक इकोसिस्टम में स्टार्टअप ZET (पहले Onecode) ने अपनी खास पहचान बनाई है. बेंगलुरु मुख्यालय वाला यह स्टार्टअप भारत के छोटे शहरों (टियर 2, 3 और 4) में एजेंट का नेटवर्क बना रहा है, ताकि लोगों की पैसों की जरुरतों का पूरा किया जा सके. इसकी स्थापना साल 2019 में, मनीष शारा (Manish Shara) और यश देसाई (Yash Desai) ने मिलकर की थी. ZET का दावा है कि इसने अब तक 1.5 मिलियन (15 लाख) फाइनेंशियल एजेंटों का एक नेटवर्क बनाया है जो न्यू-टू-क्रेडिट ग्राहकों की जरुरतों को पूरा करते हैं, जिन्हें बिना किसी क्रेडिट स्कोर के क्रेडिट और अन्य वित्तीय सेवाएं प्राप्त करने में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है.

यह स्टार्टअप YourStory की साल 2021 की Tech50 लिस्ट का हिस्सा रहा है.

हाल ही में ZET के को-फाउंडर और सीईओ मनीष शारा ने YourStory से बात की. उन्होंने ZET की शुरुआत, बिजनेस और रेवेन्यू मॉडल, फंडिंग, चुनौतियों और भविष्य की योजनाओं के बारे में बताया.

मनीष बताते हैं, "ZET (Zindagi Set), जिसे Onecode से रीब्रांड किया गया है, एक फिनटेक प्लेटफॉर्म है जिसका लक्ष्य भारत में अगले 400 मिलियन अंडर-बैंकिंग लोगों के लिए सबसे भरोसेमंद फिनटेक प्लेटफॉर्म बनना है. भारत में फिनटेक के लाभों को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करते हुए, हम देश भर के टियर 2, 3 और 4 शहरों को कवर करते हैं. हम शिक्षा और वित्तीय लेनदेन की सुविधा के लिए एजेंटों के नेटवर्क का उपयोग करते हुए, डिजिटल-फर्स्ट फिनटेक ब्रांडों और अप्रयुक्त बाजारों में उपयोगकर्ताओं के बीच मध्यस्थ का काम करते हैं."

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अपनी स्थापना के बाद से एक साल तक स्टार्टअप बूटस्ट्रैप्ड (बिना किसी बाहरी फंडिंग के) काम करता रहा. अगस्त 2020 में, इसने Waterbridge Ventures की अगुवाई में सीड फंडिंग हासिल की. एक साल बाद, जुलाई 2021 में, इसने Sequoia India (अब Peak XV Partners) के Surge प्लेटफॉर्म, Nexus Venture Partners और मशहूर एंजेल इन्वेस्टर्स से 5 मिलियन डॉलर की फंडिंग हासिल की. मार्च 2022 में, ZET ने अपने सीरीज़ A फंडिंग राउंड में, General Catalyst और मशहूर एंजेल इन्वेस्टर्स से 13 मिलियन डॉलर जुटाए थे. इस तरह इसने अब तक कुल मिलाकर 18.6 मिलियन डॉलर की फंडिंग हासिल की है.

इस बिजनेस को खड़ा करने में किन चुनौतियों का सामना करना पड़ा? इसके जवाब में ZET के को-फाउंडर और सीईओ मनीष शारा कहते हैं, "भारत के टियर 2, 3, 4 शहरों में लोगों के लिए फिनटेक प्रोडक्ट बनाने में एक महत्वपूर्ण चुनौती केवल प्रोडक्ट बेचने के बारे में नहीं है, यह एजेंटों और एजेंटों के माध्यम से अंतिम उपभोक्ताओं को वित्तीय साक्षरता प्रदान करने के बारे में है. यह हमारे मिशन का मुख्य हिस्सा है. जटिल फिनटेक प्रोडक्ट को सरल बनाने और इसे बनाने के लिए बहुत सारी बारीकियों की आवश्यकता होती है ताकि यह बड़ी संख्या में लोगों के लिए सुलभ और उपयोग योग्य हो."

मनीष बताते हैं, "1.5 मिलियन एजेंटों का हमारा नेटवर्क 15,000 से अधिक पिन कोड तक फैला हुआ है, जो भारत में बैंकों की पहुंच को काफी बढ़ा रहा है. इन एजेंटों ने भारत से हमारे प्लेटफॉर्म पर 40 लाख से अधिक ग्राहक जोड़े हैं."

ZET के बिजनेस और रेवेन्यू मॉडल के बारे में समझाते हुए, मनीष कहते हैं, "हमारा रवेन्यू उस फीस से आता है जो बैंक और NBFCs (Non-Banking Financial Companies) हमें ZET एजेंटों के माध्यम से की गई प्रत्येक बिक्री के लिए भुगतान करते हैं. बिक्री पूरी करने में कमाई सीधे तौर पर हमारे एजेंटों की प्रभावशीलता और उत्पादकता से जुड़ी होती है."

मनीष आगे बताते हैं, "ZET आने वाले वर्ष में 100 करोड़ के रेवेन्यू की उम्मीद कर रहा है."

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