Zomato अब हुआ ‘Eternal’, लॉन्च किया नया लोगो
यह कदम कंपनी के लिए एक बदलाव का संकेत है, जब निवेशक 2022 के मध्य में ज़ोमैटो द्वारा ब्लिंकिट के अधिग्रहण को लेकर संशय में थे, तब से लेकर अब तक क्विक-कॉमर्स के विकास में निवेशकों की बढ़ती दिलचस्पी को देखते हुए यह कदम उठाया गया है.
फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म ज़ोमैटो (
) ने गुरुवार को कहा कि कंपनी ने रिब्रांडिंग करते हुए अपना नाम बदलकर ‘Eternal’ कर दिया है और नया लोगो भी जारी किया है. यह कदम कंपनी द्वारा आंतरिक रूप से नए नाम का उपयोग शुरू करने के दो साल से अधिक समय बाद उठाया गया है.शेयरधारकों को लिखे पत्र में ज़ोमैटो के फाउंडर दीपिंदर गोयल ने कहा, “जब हमने ब्लिंकिट का अधिग्रहण किया, तो हमने कंपनी और ब्रांड/ऐप के बीच अंतर करने के लिए आंतरिक रूप से "इटरनल" [ज़ोमैटो के बजाय] का उपयोग करना शुरू कर दिया. हमने यह भी सोचा कि जिस दिन ज़ोमैटो हमारे भविष्य का एक महत्वपूर्ण चालक बन जाएगा, हम सार्वजनिक रूप से कंपनी का नाम बदलकर इटरनल कर देंगे.”
उन्होंने आगे कहा, “आज, ब्लिंकिट के साथ, मुझे लगता है कि हम वहां पहुंच गए हैं. हम Zomato Ltd., कंपनी [ब्रांड/ऐप नहीं] का नाम बदलकर Eternal Ltd करना चाहेंगे.”
इटरनल में इसके चार प्रमुख बिजनेस शामिल होंगे — फूड डिलीवरी वर्टिकल Zomato, क्विक-कॉमर्स यूनिट Blinkit, लाइव इवेंट बिजनेस District और किचन सप्लाई यूनिट Hyperpure.
गोयल ने आगे बताया कि कंपनी के बोर्ड ने पहले ही बदलाव को मंजूरी दे दी है.
यह कदम कंपनी के लिए एक बदलाव का संकेत है, जब निवेशक 2022 के मध्य में ज़ोमैटो द्वारा ब्लिंकिट के अधिग्रहण को लेकर संशय में थे, तब से लेकर अब तक क्विक-कॉमर्स के विकास में निवेशकों की बढ़ती दिलचस्पी को देखते हुए यह कदम उठाया गया है.
वहीं, दीपिंदर गोयल ने X पर साझा किया कि कंपनी में चीफ ऑफ़ स्टाफ़ की भूमिका के लिए 18,000 से अधिक आवेदनों में से 30 लोगों को ऑफ़र मिले हैं, और 18 लोग पहले ही Zomato (और Blinkit जैसी अन्य ग्रुप कंपनियों) में शामिल हो चुके हैं.
इससे पहले, ज़ोमैटो ने मंगलवार को कहा कि टैक्स अधिकारियों ने कंपनी से 5.9 करोड़ रुपये के बकाया जीएसटी की मांग को खारिज कर दिया है. शेयर बाज़ारों को दी गई जानकारी में, ज़ोमैटो ने कहा कि कंपनी को जुलाई 2017 से मार्च 2021 की अवधि के लिए गुरुग्राम के केंद्रीय माल और सेवा कर के अतिरिक्त आयुक्त से 5.90 करोड़ रुपये की माल और सेवा कर (जीएसटी) राशि माफ करने का अनुकूल आदेश मिला है. यह मांग अप्रैल 2024 में उठाई गई थी.