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राजस्थान बजट 2025-26: कानून व्यवस्था और सुशासन के लिए बजट में बड़े ऐलान

राजस्थान सरकार ने बजट में कानून व्यवस्था और सुशासन के क्षेत्रों में महत्वपूर्ण घोषणाएँ की हैं, जिनका उद्देश्य राज्य में सुरक्षा और प्रशासनिक दक्षता को बढ़ाना है.​ राज्य में 'राजस्थान सिविल सिक्योरिटी एक्ट' के तहत निगरानी और सुरक्षा प्रणाली को मजबूत किया जाएगा. ​

राजस्‍थान की उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री दीया कुमारी ने विधानसभा में वित्त वर्ष 2025-26 के लिए बजट पेश किया है. यह भजनलाल सरकार का दूसरा पूर्ण बजट है. राज्य सरकार ने बजट में कानून व्यवस्था और सुशासन के क्षेत्रों में महत्वपूर्ण घोषणाएँ की हैं, जिनका उद्देश्य राज्य में सुरक्षा और प्रशासनिक दक्षता को बढ़ाना है.​

कानून व्यवस्था और सुशासन के लिए बजट में की गई महत्वपूर्ण घोषणाएं इस प्रकार हैं:

राजस्थान नागरिक सुरक्षा अधिनियम: राज्य में 'राजस्थान सिविल सिक्योरिटी एक्ट' के तहत निगरानी और सुरक्षा प्रणाली को मजबूत किया जाएगा. ​

पुलिस बल का सुदृढ़ीकरण: अगले दो वर्षों में पुलिस विभाग के लिए 1,000 नए गश्ती वाहनों की व्यवस्था की जाएगी और 3,500 नए पद सृजित किए जाएंगे, जिससे कानून व्यवस्था को और मजबूत किया जाएगा. ​

साइबर सुरक्षा केंद्र की स्थापना: सरदार पटेल की 150वीं जयंती के अवसर पर पुलिस मुख्यालय में 'सरदार पटेल सेंटर फॉर साइबर कंट्रोल एंड वॉर रूम' की स्थापना की जाएगी, जिस पर 350 करोड़ रुपये का व्यय होगा. ​

न्यायिक प्रक्रियाओं में सुधार: 400 वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग नोड्स स्थापित किए जाएंगे, जिससे विचाराधीन कैदियों की पेशी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संभव हो सकेगी, जिससे न्यायिक प्रक्रियाओं में तेजी आएगी. ​

कारागारों में संचार नियंत्रण: सात केंद्रीय जेलों में अवैध मोबाइल सिग्नल को ब्लॉक करने के लिए T-HCBS प्रणाली स्थापित की जाएगी. ​

कैदियों के लिए न्यूनतम वेतन: दोषी ठहराए गए कैदियों को न्यूनतम वेतन प्रदान करने का प्रावधान किया गया है, जिससे उनके पुनर्वास में सहायता मिलेगी. ​

पुलिस प्रशासन का विस्तार: शाहपुरा (जयपुर) और रींगस (सीकर) में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कार्यालय तथा रायपुर-ब्यावर और खाटूश्यामजी (सीकर) में उपाधीक्षक कार्यालय स्थापित किए जाएंगे. ​

साइबर पुलिस थानों की स्थापना: राज्य में 8 नए साइबर पुलिस थानों की स्थापना की जाएगी, जिससे साइबर अपराधों से निपटने में सहायता मिलेगी. ​

अटल ज्ञान केंद्रों की स्थापना: आगामी वर्ष में, 3,000 से अधिक जनसंख्या वाले पंचायत मुख्यालयों में 'अटल ज्ञान केंद्र' स्थापित किए जाएंगे, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल शिक्षा और सूचना का प्रसार होगा. ​

अंबेडकर संविधान अध्ययन एवं अनुसंधान संस्थान: संविधान के अध्ययन और अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए इस संस्थान की स्थापना की जाएगी. ​

डिजिटलीकरण के लिए टैबलेट वितरण: विभागीय कार्यों के डिजिटलीकरण और पेपरलेस प्रणाली को प्रोत्साहित करने के लिए अधिकारियों और कर्मचारियों को टैबलेट प्रदान करने हेतु 250 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. ​

RajNET 2.0 प्रणाली का कार्यान्वयन: 400 करोड़ रुपये की लागत से आधुनिक RajNET 2.0 प्रणाली लागू की जाएगी, जिससे सरकारी कार्यों में पारदर्शिता और दक्षता बढ़ेगी. ​

विधायक जनसुनवाई केंद्र: प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में विधायक जनसुनवाई केंद्र स्थापित किए जाएंगे, जिससे जनता की समस्याओं का समाधान त्वरित और प्रभावी ढंग से हो सकेगा. ​

नए जिलों में कार्यालयों की स्थापना: नवगठित 8 जिलों में जिला स्तर के कार्यालयों की स्थापना के लिए 1,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, जिससे प्रशासनिक सेवाओं की पहुंच और गुणवत्ता में सुधार होगा.

उपरोक्त घोषणाओं के अलावा, आपदा रिकवरी डेटा सेंटर जोधपुर में खोले जाने और ब्रह्मगुप्त फ्रंटियर टेक्नोलॉजीज सेंटर हेतु ₹300 करोड़ का प्रावधान इस बजट में किया गया है.

इन घोषणाओं के माध्यम से, राजस्थान सरकार कानून व्यवस्था को मजबूत करने और सुशासन को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है, जिससे राज्य के नागरिकों को सुरक्षित और प्रभावी प्रशासनिक सेवाएँ प्राप्त हो सकें.