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कैंसर को मात दे पल्लवी ने खोला अपना फ़ैशन ब्रैंड, नॉर्थ-ईस्ट परिधान को विदेश में दिला रहीं पहचान

कैंसर को मात दे पल्लवी ने खोला अपना फ़ैशन ब्रैंड, नॉर्थ-ईस्ट परिधान को विदेश में दिला रहीं पहचान

Wednesday October 17, 2018 , 4 min Read

पल्लवी ने कैंसर को मात देकर न सिर्फ़ अपनी ज़िंदगी को एक नई दिशा दी, बल्कि उन्होंने उन तमाम लोगों के सामने एक मिसाल क़ायम की, जो जीवन की विषमताओं के आगे घुटने टेक देते हैं।

पल्लवी (साभार- अच्छी खबरें)

पल्लवी (साभार- अच्छी खबरें)


पल्लवी के सपनों और उनकी ज़िंदगी को सदमा लगा, जब उन्हें पता चला कि उन्हें कैंसर है। कैंसर का पता चलने से कुछ वक़्त पहले ही पल्लवी की शादी हुई थी। इस ख़बर ने पल्लवी और उनके परिवार को हिलाकर रख दिया। 

आज हम जिस महिला की कहानी आपसे साझा करने जा रहे हैं, वह एक सफल मां और ऑन्त्रप्रन्योर होने के साथ-साथ न सिर्फ़ महिलाओं बल्कि पूरे समाज के लिए एक मिसाल हैं। इनका नाम है, पल्लवी बोरकाटकी। जहां एकतरफ़ मां बनकर उन्होंने अपनी ज़िंदगी को एक नया मतलब दिया, वहीं दूसरी तरफ़ क्लोदिंग ब्रैंड शुरू करके अपने पैशन को भी ज़िंदा रखा। पल्लवी ने कैंसर को मात देकर न सिर्फ़ अपनी ज़िंदगी को एक नई दिशा दी, बल्कि उन्होंने उन तमाम लोगों के सामने एक मिसाल क़ायम की, जो जीवन की विषमताओं के आगे घुटने टेक देते हैं। पल्लवी मानती हैं कि कैंसर की बीमारी ने ही उन्हें ज़िंदगी की असली क़ीमत समझाई।

पल्लवी का जन्म और परवरिश असम के तेज़पुर ज़िले में हुई। पल्लवी का सपना था कि वह एक लोकप्रिय फ़ैशन डिज़ाइनर बनें। बिना किसी औपचारिक पढ़ाई या ट्रेनिंग के उन्होंने बहुत कम उम्र में ही डिज़ाइनिंग शुरू कर दी थी। पल्लवी के सपनों और उनकी ज़िंदगी को सदमा लगा, जब उन्हें पता चला कि उन्हें कैंसर है। कैंसर का पता चलने से कुछ वक़्त पहले ही पल्लवी की शादी हुई थी। इस ख़बर ने पल्लवी और उनके परिवार को हिलाकर रख दिया। कठिनाइयां सिर्फ़ यहीं तक सीमित नहीं थी। पल्लवी लंबे समय से बीमार थीं और जब उन्हें कैंसर का पता चला तब तक वह बीमारी की लास्ट स्टेज में पहुंच चुकी थीं।

बीमारी बेहद गंभीर थी, लेकिन पल्लवी के हौसले पर भारी नहीं पड़ सकी। उनका इलाज शुरू हुआ। पल्लवी अंदर से इतनी मज़बूत थीं कि इलाज शुरू होने से पहले ही उन्होंने डॉक्टर से वादा किया था कि वह इस बीमारी से उबर कर दिखाएंगी, जबकि उनको यह बात साफ़ तौर पर पता थी कि उनका कैंसर आख़िरी स्टेज तक पहुंच चुका है। उनकी सेहत भी लगातार ख़राब होती जा रही थी, लेकिन हमेशा की तरह का पल्लवी का यह वादा भी खाली नहीं गया और उन्होंने कैंसर को मात दी।

पल्लवी मानती हैं कि मौत के साथ उनकी लड़ाई में जीत की सबसे बड़ी वजह है उनका परिवार और ख़ासतौर पर उनके पति मृदु का साथ। कैंसर की आख़िरी स्टेज से बचना किसी चमत्कार से कम नहीं था और इस लगभग असंभव सी दिखने वाली राह में मृदु हमेशा ही पल्लवी के साथ थे।

पल्लवी की ज़िंदगी की असाधारण कहानी यहीं पर ख़त्म नहीं होती। कैंसर से उबरने के बाद पल्लवी ने 2012 में एक बच्चे को जन्म दिया। पल्लवी अपनी ज़िंदगी में कई बड़ी चुनौतियां देख चुकी थीं, लेकिन ‘हार’ शब्द उनके शब्दकोश में था ही नहीं। इतने बड़े सदमे से उबरने के बाद एक बार फिर वह एक नई भूमिका को निभाने के लिए तैयार थीं।

ज़िंदगी से दूसका मौक़ा उन्होंने छीन लिया था और वह इसे बेकार नहीं जाने देना चाहती थीं और इसलिए ही उन्होंने डिज़ाइनिंग के अपने जुनून को एकबार फिर से हवा दी। 2017 में पल्लवी ने अपने सपने को हक़ीक़त में तब्दील करके दिखाया और उन्होंने ‘एथनिक ऐक्ज़ॉम बाय पद्मिनी’ नाम से अपना कपड़ों का ब्रैंड शुरू किया।

अपने ब्रैंड के अंतर्गत उन्होंने असम और नॉर्थ ईस्ट की झलक के साथ कपड़े बेचना शुरू किया। उनके ब्रैंड के कपड़ों में हम भारत के उत्तर-पूर्वी राज्यों और पश्चिमी संस्कृति का बेजोड़ मेल देख सकते हैं। अपनी मेहनत और क्रिएटिविटी के दम पर बेहद कम समय में उन्होंने अच्छा कस्टमर बेस तैयार कर लिया। हाल में, पल्लवी के क्लाइंट यूएस, यूके और दुबई जैसे देशों में भी हैं। पल्लवी इतनी सारी भूमिकाएं सफलतापूर्वक निभा रही हैं, इसके पीछे उनके पति मृदु का भी ख़ास योगदान हैं। मृदु, पल्लवी के बिज़नेस में फ़ाइनैंशियल प्लानर की भूमिका निभाते हैं।

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